यहां सब 'Jawahar Lal Nehru' ही आते हैं...खुशदीप
डॉ अनवर जमाल भाई ने ई-मेल से एक लिंक भेजा... आप क्या जानते हैं हिंदी ब्लॉगिंग की मेंढक शैली के बारे में ? Frogs online…
गुरुवार, अगस्त 04, 2011डॉ अनवर जमाल भाई ने ई-मेल से एक लिंक भेजा... आप क्या जानते हैं हिंदी ब्लॉगिंग की मेंढक शैली के बारे में ? Frogs online…
दिल तो बच्चा है जी... कुछ भी चाह सकता है... कभी खुश होकर उछलने लगता है... गाने लगता है...आज मैं ऊपर, आसमां नीच…
आज की दुनिया को समझना, आज के रिश्तों को समझना...बड़ा मुश्किल है...खास कर हम जैसों के लिए जिन्होंने छोटे शहरों से आकर …
तारीख- 19 दिसंबर 2010 जगह- दिल्ली के चाणक्यपुरी में छत्तीसगढ़ भवन वक्त- शाम छह बजे से नौ बजे रात छत्तीसगढ़ भवन…
आज जोकर के पिटारे में बहुत कुछ है... थोड़ा विचार...थोड़ी खबर...थोड़ा गाना-बजाना, थोड़ा हंसना-हंसाना ...यानि चांद पर मक्…
ब्लॉगिंग की हर शह का इतना ही फ़साना है, इक पोस्ट का आना है, इक पोस्ट का जाना है... कहीं टिप्पणियों का टोटा, कहीं खजा…
ब्लॉग जगत में आजकल जो लिखा जा रहा है, उसे दबा कर पढ़ रहा हूं...लेकिन कमेंट कहीं नहीं दे पा रहा हूं...उसके पीछे मेरी व्य…
कल सफ़र को जहां छोड़ा था, आज वहीं से आगे बढ़ाता हूं...चार-पांच महीने पहले सतीश सक्सेना जी से मेरी पहली मुलाकात अविनाश …
ब्लॉगिंग का मेरा एक साल पूरा होने पर आप सब के साथ यादों का एक झरोखा...लेकिन सबसे पहले बात ' ब्लॉगिंग के सरदार'…
ब्लॉगिंग को देखा तो ये ख्याल आया, जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया, ब्लॉगिंग को देखा.... न कुछ लिखें, आज फिर दिल ने…
कल अवधिया जी की पोस्ट पढ़ कर मज़ा आ गया...वाकई ब्लॉगर के मन की दशा को अवधिया जी ने हू-ब-हू लफ्ज़ों में उतार दिया...अपन…
नहीं, नहीं मैं कहीं टंकी-वंकी पर चढ़ने नहीं जा रहा...क्योंकि आप उतरने को कहोगे तो शोले के सांभा की तरह मेरे घुटने दर्द …
कल मैंने पोस्ट लिखी थी आंखों का भ्रम ...उसमें लिखा था कोई भी बात हो जब तक सारे तथ्यों का पता न हो, नतीजा निकालने की जल्…
कल मैं बरेली से लौटा...कुछ छूटे हुए पोस्ट पढ़ने शुरू किए...पता चला कि अलबेला खत्री जी ने तीन श्रेणियों में मतों के ज़र…
ओ, तुमसे दूर रह कर हमने जाना, प्यार क्या है दिल ने माना, यार क्या है... तुमको पाके न पहलू में लगता था यूं जीते हैं …
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