कल सफ़र को जहां छोड़ा था, आज वहीं से आगे बढ़ाता हूं...चार-पांच महीने पहले सतीश सक्सेना जी से मेरी पहली मुलाकात अविनाश वाचस्पति जी के घर पर हुई...ऐसी ट्यूनिंग जमी कि बस मज़ा आ गया...लेकिन आप को एक राज़ की बात बताऊं...नोएडा में मेरा और सतीश भाई का सेक्टर बिल्कुल साथ-साथ हैं...लेकिन आज तक दोनों में से कोई भी एक-दूसरे के घर नहीं गया...बस ब्लॉग से ही अटूट रिश्ता जुड़ा हुआ है...
अब बात करता हूं राज भाटिया जी की...अगर विदेश में भारत का झंडा ऊंचा है तो राज जी जैसे राजदूतों की ही बदौलत है...न गलत किसी के साथ करते हैं और न ही गलत बर्दाश्त करते हैं...
डॉ कविता वाचक्नवी...भारतीयता को सही मायने में प्रतिबिम्बित कर रही हैं डॉक्टर साहिबा...मैं एक बार की मुलाकात में ही कविता जी के व्यक्तित्व से अभिभूत हूं...
ज्ञानदत्त पाण्डेय- ज्ञान की गंगा में पूरे ब्लॉगवुड को डुबकी लगवाते रहते हैं...कामना करता हूं कि पूर्ण स्वस्थ होने के बाद अब फिर अपनी पुरानी फॉर्म दिखाएं...
डॉ रूपचंद्र शास्त्री मयंक...शास्त्री जी चर्चा हो या कोई अन्य पोस्ट, हर बार अपना सौ फीसदी देते हैं...
सुमन...नाइस शब्द कितना भी विवादों में रहे लेकिन है बड़ा नाइस...
रवि रतलामी- ब्लॉगिंग के पुरोधा और सबसे सम्मानित नाम, तकनीक के मास्टर...
नीरज गोस्वामी- अफसोस करता हूं अपनी कमअक्ली पर कि नीरज जी के लिखे को पढ़ने से मैं अब तक वंचित क्यों रहा...
सुरेश चिपलूनकर- स्पष्ट और तर्कपूर्ण ढंग से अपने प्रखर विचारों को प्रस्तुत करने में सुरेश जी का कोई सानी नहीं...
अरविंद मिश्रा...सच की साइंस हो या जिंदगी की साइंस, हर एक को साधने में माहिर...लेकिन दोस्त-दुश्मन की पहचान में थोड़े कमज़ोर...
महेंद्र मिश्र- नौकरी से संन्यास के बाद ब्लॉगिंग में जमकर धूनी जमा रखी है...समयचक्र बस ऐसे ही हमेशा घूमता रहे...
एम वर्मा- कविता के साथ मानव-स्वभाव को पढ़ने में भी माहिर...
लावण्या जी- पंडित नरेंद्र शर्मा जी के ज्योति कलश की चमक को बखूबी पूरी दुनिया में बिखेरा है...
गिरीश चंद्र बिल्लौरे मुकुल- बस मेरा ही पॉडकॉस्ट रह गया...
बवाल- ऐसे बवाल जिनके नाम के साथ एक भी बवाल कभी नहीं जुड़ा...
रतनसिंह शेखावत- नांगलोई जाट में शेखावत जी से हुई मुलाकात का एक-एक लम्हा अब भी अच्छी तरह याद है...
डॉ.अनुराग- एक शहर, एक ही स्कूल में पढ़े होने के बावजूद अब तक मुलाकात नहीं हुई है...
सतीश पंचम- चीज़ों को आब्ज़र्व करने के बाद लेखन में उतारने में सतीश जी का कोई सानी नहीं...
घुघूती बासूती...जैसा अद्भुत नाम वैसे ही चमत्कृत कर देने वाली लेखन की शैली...
गोदियाल जी...आजकल आपका कम लिखना अखर रहा है...जल्दी अपने रंग में लौटिए...
मनोज कुमार- नये ब्लॉगरों को समीर जी की तरह ही मनोज जी भी प्रोत्साहन देने में सबसे आगे रहते हैं...
गिरिजेश राव- सच पूछो तो गिरिजेश भाई से डर लगता है...इसलिए वर्तनी का खास ध्यान रखना पड़ता है...
हरि शर्मा- बैंकर होने के साथ ब्लॉगिंग भी बखूबी की जा सकती है...
पंडित डी के शर्मा वत्स- अफसोस रहा कि नांगलोई जाट में पंडित जी से ज़्यादा बात नहीं हो सकी थी..जब भी लुधियाना जाऊंगा, ज़रूर मिल कर आऊंगा...
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी...प्रयाग की पावन विचारधारा को अब वर्धा में बहा रहे हैं...
गौतम राजरिषी- गज़ल हो या गोली, मेजर साहब के इशारे पर नाचती हैं...
सरवत जमाल...सतीश सक्सेना भाई के इतना मनाने के बावजूद अभी तक पूरे रंग में नहीं लौटे हैं...
अल्पना वर्मा...आवाज़ का जादू जगाना हो या पहेली का आयोजन, अल्पना जी की अलग ही छाप होती है...
पीडी...जब भी लिखते हैं, दिल की गहराई से लिखते हैं...साफ़गोई का खास तौर पर कायल हूं...
आशा जोगलेकर....वृतांत के ज़रिए आशा जी के साथ दुनिया की सैर करने का अलग ही मज़ा है...
प्रवीण शाह...तीखे हैं पर खरे हैं...मुझे इनकी बेबाक राय का हमेशा इंतज़ार रहता है...
ज़ाकिर अली रजनीश...मुस्कुराइए कि ज़ाकिर भाई लखनऊ में हैं...
रचना...अपने उसूलों, उद्देश्य और मकसद पर चट्टान की तरह अडिग...
योगेंद्र मौदगिल...कविता में देश का अग्रणी नाम...किसी दिन इत्मीनान से बैठकर योगेंद्र भाई को सुनने की तमन्ना है...
अनीता कुमार...आप से शिकायत, इतना कम क्यों लिखती हैं आप, चलिए जल्दी से शिकायत दूर कीजिए...
सीएम प्रशाद...हुज़ूर बड़े दिनों बाद लौटे हैं लेकिन तेवरों में कहीं कोई कमी नहीं...चश्मेबद्दूर...
मसिजीवी...डीयू के साथ ब्लॉगिंग की भी शान...लेकिन आजकल ब्लॉग पर कम ही लिखते हैं...
सुरेश चंदन...ट्रेनों के साथ गोष्ठियों के संचालन में भी बेजोड़, कविता इनके मुख से सुनने का अलग ही आनंद...
इरफ़ान- ब्लॉग जगत की मुस्कान...
शाहनवाज़ सिद्दीकी- विनम्रता के दूसरे नाम, प्रेमरस ब्लॉग का नाम है...अब इसके आगे भी कुछ कहने की ज़रूरत है...
दिव्या (ज़ील)- ब्लॉग जगत की श्रेष्ठ टिप्पणीकार...
मुक्ति- लेखन की आराधना हो तो ऐसी हो...
अर्चना- समालोचना में अर्चना जी से बढ़ कर कोई नहीं...
मिथिलेश दुबे...ब्लॉगिंग का युवा तुर्क...
शहरोज...इक रोज़ ऐसा भी आएगा जब हर बला शहरोज़ भाई से मात खाएगी...
दिगंबर नासवा...खाड़ी में भारत के गौरव
वंदना अवस्थी दूबे...सारगर्भित लेखन के साथ टिप्पणी कला में भी सिद्धहस्त
प्रमोद ताम्बट...साहित्य हो या ब्लॉग, प्रमोद जी हमेशा प्रमोदित करते हैं...
परमजीत सिंह बाली...बाली जी की हर टिप्पणी निराली होती है...
तारकेश्वर गिरी...साहिबाबाद के साहिब, तर्कशास्त्र में माहिर
भावेश...नाम बेशक भावेश हो लेकिन लेखन में भावेश में नहीं आते...
संजय भास्कर...ब्लॉगिंग के भास्कर
प्रवीण पांडेय...लेखन, टिप्पणी हर कला में प्रवीण
अरुणेश मिश्र...अभी अरुणेश जी से ज्यादा मुलाकात नहीं हुई लेकिन लेखन से प्रभावित हूं
अंशुमाला...लेखन में मोतियों की माला गूंथने में जवाब नहीं
मुकेश कुमार सिन्हा...जब भी इनकी टिप्पणी आती है आनंदित करती है...
विनीत कुमार...हम मीडिया वालों को आइना दिखाने का काम विनीत से बेहतर और कोई नहीं कर सकता...
सलीम- विवाद हो निर्विवाद, रहेंगे हमेशा ब्लॉगिंग के प्रिंस सलीम...
हिमांशु- गंगा से है हिमांशु का नाता कोई (मुझे समीर जी से पता चला था)...
मो सम कौन (संजय अनेजा) : आजकल कहीं छुप कर कह रहे हैं, मुझे पहचानो, मैं हूं कौन...
विवेक रस्तोगी- खाने-पीने में टेस्ट मेरे जैसा ही है...प्रतिबंध ये भी नहीं मानते, मैं भी नहीं मानता...
रानी विशाल- शुरुआत में ब्लॉगिंग मे जो बिजलियां रानी जी ने चमकाई थीं, उन्हीं जबरदस्त पोस्ट का फिर से इंतज़ार...
कुलदीप हैप्पी- ओए पापे, आजकल कित्थे हो बादशाहो, पटियाले जाकर भूल ही गए हो सारेया नूं...
श्रद्धा जैन- बहुत कम लिखती हैं, लेकिन जब भी लिखती हैं, टिप्पणियों का अंबार लगा देती हैं...
बबली- ऑस्ट्रेलिया में भारत की आन...
विवेक रंजन श्रीवास्तव- अभी विवेक जी को और पढ़कर समझना बाकी है...
प्रवीण त्रिवेदी- मास्टर जी इतनी लंबी छुट्टी तो सरकारी स्कूलों में भी नहीं मिलती...
अलबेला खत्री- मैं तो हूं अलबेला, हज़ारों मे अकेला, सदा तुमने ऐब देखा, हुनर को न देखा...
बेचैन आत्मा...इनकी टिप्पणी पढ़कर ही चैन आता है...
बोले तो बिंदास (रोहित)...बिंदास छोकरा, लेकिन लिखने में कमाल...
स्मार्ट इंडियन....भारत के स्मार्ट अंबेसडर...
पदम सिंह...एक ब्लॉग मीट में झलक दिखाने के बाद कहां छुप गए हो जनाब...
शिवम मिश्रा...शिव के साथ सत्य भी और सुंदर भी...हमेशा अपने साथ पाता हूं...
जय कुमार झा...कमर कस कर रखिए जय जी, भ्रष्टाचारियों के नट-बोल्ट कसने का टाइम आ रहा है...
संजीव कुमार तिवारी...पता नहीं क्यों अक्सर संजीव भाई और संजीत त्रिपाठी में कनफ्यूज़ कर जाता हूं...
संजीत त्रिपाठी...आपको अब से आवारा बंजारा नाम से याद रखूंगा...
सूर्यकांत गुप्ता...वर्दीधारी भी बढ़िया ब्लॉगरी कर सकते हैं, सूर्यकांत जी जीती-जागती मिसाल हैं...
राजकुमार ग्वालिनी...स्पोर्ट्सपर्सन होने की वजह से ही गज़ब का स्टैमिना है...
राज कुमार सोनी... ब्लॉगजगत के बाहुबली से बिगुल सुनने का अलग ही मज़ा है...
सागर- बोल्ड ज़माने की बोल्ड पहचान...
यशवंत मेहता- यार तुम सन्नी हो, फ़कीरा हो, क्या क्या हो भाई, ये किसी दिन मुझे साफ़ कर दो...
अंतर सोहेल- साफ़-सुथरे हैं जनाब लेकिन एक दिन नॉनवेज डिश पता नहीं कहां से ले आए थे...
मयंक सक्सेना- नई नौकरी में बिजी होने की वजह से शायद ब्लॉगिंग से दूर है...
अमरेंद्र त्रिपाठी- विचारों की प्रखरता में जेएनयू की विशिष्ट छाप झलकती है...
प्रवीण पथिक...ये पथिक भाई ब्लॉगिंग का पथ भूल गए लगते हैं...
कनिष्क कश्यप...ब्लॉगिंग का प्रहरी, हर एक का मददगार...
पकंज मिश्रा...दमन से ग्वालियर आने के बाद इतनी ख़ामोशी क्यों है भाई...
राम त्यागी... है प्रीत जहां की रीत सदा है, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं...
देव कुमार झा...शादी के बाद देव बाबा ज़्यादा ही मसरूफ़ हो गए लगते हैं...
विनोद कुमार पांडेय...चेहरे पर सदाबहार मुस्कान...विनोद भाई का नाम लेते ही प्रेम जनमेयजेय जी और फरीदाबाद याद आ जाता है...
सुलभ सतरंगी...जनाब आप ब्लॉगजगत में आसानी से सुलभ कब होंगे...
शहरयार...फिल्मों में एक गीतकार शहरयार को तो सुना था...कहीं आप वही तो नहीं...
कुश...गलतफहमियां एक तरफ़, कुश भाई के लेखन का मैं कायल हूं...
नीरज जाट...ब्लॉग जगत का घुमक्कड़ी बाबा...
काजल कुमार...कार्टून की कोठरी मे रोज़ चोखा काजल...
यहां तक आते-आते मेरी टैं बोल गई है...अब कोई नाम न याद आ पाया हो तो मुझे भुलक्कड़ समझ कर जाने दीजिएगा...हो सके तो कमेंट के ज़रिए मुझे याद दिला दीजिएगा...
दोस्तो ब्लॉग के दोस्तों.....इत्ती तारीफ कर दी है खुश रहने वाले सहगल जी ने की समोसे तो बनते ही है न.....कल इनको समोसे खिलाता हूं.....पर एक प्रॉरब्लम यानि परेशानी है..अगर आप सभी लोगों की तरफ से एक-एक समोसा खिलाउंगा तो सहगल साहब का पेट तो सही में टैं बोल जाएगा....
जवाब देंहटाएंतो क्या करुं बताएं आप लोग....
वाह-वाह खुशदीप भाई आज तो आपने सभी ब्लोगरों से एक अलग ही प्यारी सी मुलाकात करा दी ,वास्तव में ये ब्लॉगजगत एक बहुत ही प्यारा परिवार है जिसे जनहित में ईमानदारी,निःस्वार्थ और इंसानियत के जज्बों के मिक्सचर से और भी मजबूत बनाने की जरूरत है ...सही मायने में इस जगत में वो लोग हैं जो इस देश और समाज को एक नयी आशा दिखा ही नहीं उसे जमीनी स्तर पर महसूस भी करा सकते हैं ...बस जरूरत है एकजुट होकर प्रयास करने की ...
जवाब देंहटाएंबड़ी मेहनत की भाई -इतनी मेहनत यहाँ करता कौन है? एक नाम छूट गया -
जवाब देंहटाएंखुशदीप सहगल -ये कौन हैं ? क्या बस उतना ही जितना ब्लॉग प्रोफाईल में लिखा है ?
नहीं तो एक बार फिर जरा आत्मकथात्मक हो जाएँ !
ब्ल़ॉग आप पढ़ते नहीं..पढ़ेंगे तो बेचैनी भी आएगी.
जवाब देंहटाएंयहां तक आते-आते मेरी टैं बोल गई है..
आप तो ऐसे टें बोल गए कि कोई प्राइमरी के मास्टर साहब हाथ में बेंत लिए 20 तक पहाड़ा सुनाने को कह रहे हों...!
pehchan nae kae liyae shukriya
जवाब देंहटाएंbin maksad kae jeena bhi koi jeena haen laluu !!!!
ब्लॉग जगत में एक साल पूरा होने पर
जवाब देंहटाएंभैया आपको बहुत बधाई हो
sundar baat
जवाब देंहटाएंhttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
इस सम्मान के लिए आपका बहुत बहुत आभार ..........खुशदीप भाई !
जवाब देंहटाएंबस ज़रा सी शिकायत है ..............कभी कभी हमारे ब्लॉग पर भी आ जाया करो, प्रभु !
बहुत बढिया ब्लागर दर्शन करवाया आपने
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
.
जवाब देंहटाएं.
.
ब्लॉगिंग का एक साल पूरा करने पर बधाई हो खुशदीप जी...आपने इस एक साल के सफर के हमसफरों को याद किया... और मीठा ही मीठा बोला सबके बारे में...बहुत ही मीठी पोस्ट हो गई हैं यह दोनों...
परंतु क्या कहूँ दिल है कि मानता नहीं...
"अरविंद मिश्रा...सच की साइंस हो या जिंदगी की साइंस, हर एक को साधने में माहिर...लेकिन दोस्त-दुश्मन की पहचान में थोड़े कमज़ोर..."
खुशदीप जी जितना मैं अरविन्द मिश्र जी को समझ पाया हूँ अब तक... वह वही बोल या लिख देते हैं जो उनके मन में या दिमाग में चल रहा होता है... यह एक ईमानदार ब्लॉगर की सबसे बड़ी पहचान है... रही बात दोस्त-दुश्मन की... अब सभी समझदार हैं यहाँ... किसी मुद्दे या पोस्ट पर मैं आपके साथ नहीं... कभी मैं पूरी तरह से आपके साथ हूँ... पर इन सब बातों से किसी को अपना न तो दोस्त ही मानना चाहिये न ही दुश्मन ही... सबसे बड़ी चीज जो ब्लॉगिंग में होनी चाहिये वह है स्वयं से ईमानदारी... जिस दिन यह आ जायेगी उसी दिन से सही मायनों में ब्लॉगवुड अपनी जगह पायेगा।
...
ब्लागिंग का एक साल का आपका सफ़र अच्छा खासा रहा .... बधाई हो एक साल का सफ़र सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए . ब्लागिंग के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित करें ....अनेकोनेक बधाई और शुभकामनाये ....
जवाब देंहटाएंखुशदीप कल की पोस्ट भी आज ही देखी है। और वहाँ भी आज ही बधाई दी। एक बार फिर से बहुत बहुत बधाई साल दर साल इसी तरह लिखते रहो। बहुत बहुत आशीर्वाद। मुझे गर्व होता है तुम्हारी पोस्ट पर कम्न्ट लिखते हुये क्यों कि जहाँ मेरी सोच खत्म होती है वहाँ तुम्हारी शुरू होती है। यूँ ही लिखते रहो आशीर्वाद और शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएं@प्रवीण शाह,
जवाब देंहटाएंक्या करूं थोड़ी बहुत शुगर जो रहती है, इसलिए पोस्ट तो मीठी होनी ही हैं...
रही बात अरविंद मिश्र जी के दोस्त-दुश्मन के संदर्भ की...उसका ब्लॉगजगत या किसी दूसरे ब्लॉगर से कोई लेना-देना नहीं है...ये बात मैंने उनके उस कथित दोस्त के बारे में कही है जो आस्तीन का सांप बनकर उनके साथ रहा और किताब के प्रकाशन के बाद अरविंद जी के नाम को हड़प गया...अब उसके साथ रहने पर भी अरविंद जी उसकी सही फितरत नहीं पहचान पाए तो दोस्त-दुश्मन की पहचान में थोड़ी कमज़ोरी तो दिखाई ही...
जय हिंद...
maja aa gaya, akhbar me naam ki tarah ek mahan blogger ke list me apna naam pakar......sachchi..........thanx..:)
जवाब देंहटाएंएक बार फिर बधाई।
जवाब देंहटाएंबार बार उपर नीचे स्क्राल कर के थक गया, अपना नाम नहिं दिखा तो,
जवाब देंहटाएंरक्त-दबाव में उफ़ान आ गया,
शांत! शांत!
कूल होकर सोचा, अभी तुम्हे जुम्मा जुम्मा कुछ टेम ही हुआ है।
कहां तुने पोस्टों की भाड फ़ोडी है।
कहां तुने दूसरों के लेखन को सराहा है,जी भरकर।
हा,हा,हा,:)
बहुत ही प्रभावशाली व उपयोगी होती है इस तरह पह्चान प्रक्रिया।
आभार खुशदीप जी।
खुशदीप जी,
जवाब देंहटाएंआप के ब्लॉग-लेखन की वार्षिकी पर अत्यंत हार्दिक शुभेच्छाएँ व बधाई.
इसी प्रकार और-और आगामी वर्षों में लिखते रहें.
खूब लिखें, अच्छा लिखें, निरंतर लिखें.
आपने जो आत्मीयता का मान दिया है,पता नहीं, उसके योग्य हूँ अथवा नहीं, किन्तु आपकी सदाशयता के लिए तो अवश्य कृतज्ञ हूँ. मेरे तईं सहृदय मित्रों की ऐसी सद्भावना मानो पाथेय है.
आपके यशस्वी भविष्य की अभिलाषा करती हूँ.
शीघ्र ही भारत आ रही हूँ, आशा है पुनः भेंट होगी.
लिस्ट संजोने लायक है । बधाई और आभार भी ।
जवाब देंहटाएंब्लाग्गर चरित मानस ...
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सही सही बात लिखी है आपने...
बताईये ..का गज़ब बात है...!
ई थैंक्यू भी साथ-साथ हो गया ...:):)
हा हा हा
अभी तो चल रहा है क्रमशः कि पूरा हो गया. :)
जवाब देंहटाएंआभार याद रखने के लिए। कोई वांदा नई, आवारा बंजारा के नाम से ही और कई लोग भी याद रखते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जी, हमारी भी टॆं बोलने लगी थी पढते पढते, चलिये मिलते है ब्रेक के बाद लिख देते तो हम भी अपनी वीयर खत्म कर लेते, ओर फ़िर इतनी ही लम्बी पोस्ट ओर भी पढ लेते. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई, ब्लाग डायरेक्ट्री ही बन गई ये तो.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
हा हा हा ........सूची सहेज ली है ......बस एक नाम जोड कर अपने काम आएगी .......बधाई हो जी बधाई हो
जवाब देंहटाएंएक बार फिर से बहुत-बहुत बधाई, बहुत मेहनत और लग्न की बदौलत ही कोई इस मुकाम तक पहुँच सकता है. 365 दिन और 333 पोस्ट..... और वोह भी एक से एक ज़बरदस्त... बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भाई. संजीत और संजीव में कन्फूजन का हम बहुतै मजा लेते हैं. :)
जवाब देंहटाएंआपने याद रखा इसके लिए धन्यवाद भाई.
ye lijiye mera bhi shukriya list nam rakhne ke liye
जवाब देंहटाएंभैया..... सतीश सक्सेना जी का मैं बहुत रिस्पेक्ट करता हूँ..... यह ऐसे इंसान हैं.... जिन्होंने लोगों की बहुत मदद की है..... और बिना किसी एक्सपेक्टेशन के सतीश जी अपना काम करते हैं.... आप नेकी करते हैं .... और भूल जाते हैं...
जवाब देंहटाएंआपका आभार व्यक्त करने का अनदाज़ दिल को छू गया....
जय हिंद...
मैं:)
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबधाई।
बधाई हो..... सार्थक ब्लॉगिंग का आपका ये सफ़र यूं ही चलता रहे
जवाब देंहटाएं( और हर साल हमारा नाम छपता रहे :D )
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअभी अभी मेरे बज्ज पर जो बाते हो रही थी उसी को यहाँ कमेन्ट में पोस्ट कर रहा हूँ.. कुछ नामो को लिंक से जोड़ रहा हूँ, जिससे पहचानने में आसानी हो.. कुछ को नहीं जोड़ रहा हूँ, क्योंकि वे परिचित नाम होने चाहिए अधिकाँश लोगों के लिए.. :)
जवाब देंहटाएंPrashant Priyadarshi - Google Reader - Public - Muted
ब्लॉगिंग के मेरे हमसफ़र (2)...खुशदीप - देशनामा
कल सफ़र को जहां छोड़ा था, आज वहीं से आगे बढ़ाता हूं...चार-पांच महीने पहले सतीश सक्सेना जी से मेरी पहली मुलाकात अविनाश वाचस्पति जी के घर पर हुई...ऐसी ट्यूनिंग जमी कि बस मज़ा आ गया...लेकिन आप को एक राज़ की बात बताऊं...नोएडा में मेरा और सतीश भाई का सेक्टर बिल्कुल साथ-साथ हैं...लेकिन आज तक दोनों में से कोई भी एक-दूसरे के घर नहीं गया...बस ब्लॉग से ही अटूट रिश्ता जुड़ा हुआ है... अब बात करता हूं ...
2 people liked this - Sarika Saxena and श्रीश पाठक (Shreesh K Pathak)
Prashant Priyadarshi - ही ही ही.. गजब का धैर्य है इनके पास.. :D 3:46 PM
Sajjan Kumar - sahi mein .. bhai .. in mein ek aadh logo ke blogs padhe .. blogwood bilkul bollywood ke tarah bhara pada hai .. :-)4:04 PM
सागर - ham dono ka naam hai PD :)4:33 pm
Prashant Priyadarshi - @ सज्जन भैया - हाँ.. ब्लॉगवुड नाम भी इनका ही दिया हुआ है.. :)
@ सागर - हाँ, मैंने देखा.. पंकज उपाध्याय, स्तुति और अभिषेक का नाम नहीं है शायद.. :(
अपूर्व, पूजा, दर्शन, किशोर.. और भी कई नाम हैं जिन्हें होना चाहिए था, मगर नहीं हैं..
मगर फिर भी इनके धैर्य को सलाम करता हूँ.. :)
"सागर- बोल्ड ज़माने की बोल्ड पहचान..." :) 4:51 PM
सागर शेख - unhone kabhi wahan comment nahi kiya hai naa isliye :) jinhone inka kabhi naa kabhi hausla badhaya hai yahan uska jikr hai (chahe wo disagree hi kyon naa ho ) 4:54 PM
shikha varshney - अरे जिनके नाम नहीं हैं वहां एक लाइन लिख आओ :) अभी खतम नहीं हुई पोस्ट नेक्स्ट में आ जायेंगे :)... 7:13 PM
Dr. Mahesh Sinha - @शिखा
हम भी लिस्ट बनाएँगे जिसमें केवल एक नाम होगा :)12:27 AM
अंत में अपने गूगल प्रोफाइल का प्रचार भी करता जाता हूँ, अगर कोई वहाँ भी हिस्सा लेना चाहें तो स्वागत है.. :)
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंटेस्ट कमेन्ट.. अभी बड़ा वाला कमेन्ट पोस्ट करने कि कोशिश की थी.. नहीं हो पा रहा था.. :( सो Its just a trial comment. :)
जवाब देंहटाएंपीडी भाई,
जवाब देंहटाएंएक बार में ही बात समझ आ जाती...ये पांच बार रिपीट करने की ज़रूरत क्यों पड़ गई...
मेरी इस पोस्ट की आखिरी लाइन की ओर अगर गौर किया होता तो शायद ऐसी शिकायत न आती...रंजना जी, 'सुज्ञ', निशांत मिश्र, प्रतिभा कुशवाहा, कडवा सच वाले उदय जी, डॉ महेश सिन्हा, लड्डू बोलता है, श्रीश पाठक, रेडियोनामा वाले यूनुस जी, अपूर्व, पूजा, दर्शन, किशोर, प्रकाश पाखी और भी कई सारे ब्लॉगर मित्र होंगे जिनके नाम का ज़िक्र नहीं कर पाया....ये जानबूझकर नहीं मानव मस्तिष्क की सीमितता की वजह से हुआ है...आशा है अपने को स्पष्ट कर पाया हूंगा...
जय हिंद...
नहीं जी.. मुझे यहाँ एरर दिखा रहा था.. सो एक ही बात कई बार पोस्ट करने कि कोशिश की..
जवाब देंहटाएंवैसे भी मैंने आपके जज्बे को सलाम तो किया ही है.. :)
एक दफे फिर, Hats off to you.. :)
एक आग्रह भी, मेरे एक कमेन्ट को छोड़कर सभी कमेन्ट को डिलीट कर दें.. बाद में आने वाले पाठकों को भी आसानी होगी.. :)
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
आपने मुझे पढने लायक समझा ये क्या कम है...अपन को तो लिखने का इनाम मिल गया भिडू...
जवाब देंहटाएंनीरज
एक ऐतिहासिक कार्य कर दिया है सबके मन में खुशियों के दीप महकाने का। अब मैं इसे मानस के मोती से बरसाता हूं।
जवाब देंहटाएं"यहां तक आते-आते मेरी टैं बोल गई है...अब कोई नाम न याद आ पाया हो तो मुझे भुलक्कड़ समझ कर जाने दीजिएगा...हो सके तो कमेंट के ज़रिए मुझे याद दिला दीजिएगानाम गिनवाने के यही तो खतरे होते हैं"
जवाब देंहटाएंनाम गिनवाने के यही तो खतरे होते हैं :)
चलिए खुशदीप जी हमारा नाम ऊपर वाली लिस्ट में नहीं तो यहां ही जोड़ लीजिए। हैं तो आखिर ब्लाग की दुनिया के हमसफर ही। साल पूरा करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअपना टेस्ट एक ही है, वाह फ़िर तो खूब पटेगी जब बैठेंगे टेबल पर अब ये बाद की बात है कि खाने की टेबल या कंप्यूटर टेबल :)
जवाब देंहटाएंआज ही बहुत दिनों बाद बिरयानी खाई अ ह अ ह मजा आ गया।
याद रखने के लिये शुक्रिया।
खुशदीप जी...'पंडित डी के शर्मा वत्स जी' राज भाटिया वाली मीटिंग में मिले थे ना कि नागलोई वाली में :-)
जवाब देंहटाएंसारा ब्लॉगजगत नाप दिया।
जवाब देंहटाएं@राजीव भाई,
जवाब देंहटाएंगलती सुधारने के लिए शुक्रिया...लगता है मुझ पर बुढ़ापा असर करने लगा है...
जय हिंद...
Punh dheron badhaiya aur shubhkaamnae...!
जवाब देंहटाएंछा गये जनाब !! सब की पोल खोल दी :-)
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी आप ने जिस तरह अपने सफ़र को प्रस्तुत किया अच्छा लगा .हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंसाधुन संग बैठि बैठि लोक लाज खोई ।
जवाब देंहटाएंदो पोस्टों में इतने सारे लोगों को इकट्ठा करना आसान काम नहीं था। आपने बड़ा काम कर दिया है। भविष्य में लोगों के काम आएगा। सालगिरह की फिर एक बार बधाई!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ :)
जवाब देंहटाएंपाठक ही लेखक के सच्चे समीक्षक होते हैं , इतने सारे लेखको के विषय में संक्षिप्त में गहरी बात कही है आपने साधुवाद .
जवाब देंहटाएंमाफ़ी चाहता हूँ खुशदीप भाई ,
जवाब देंहटाएंइतना प्यारा लेख ..मुझे पता ही नहीं चला ! सादर !