समीर जी की किताब- इतना पहले कभी नहीं हंसा...खुशदीप
पिछली पोस्ट से आगे... समीर जी की उपन्यासिका देख लूँ, तो चलूँ पर कुछ लिखूं, इससे पहले ही बता दूं कि इस किताब में ए…
रविवार, जनवरी 30, 2011पिछली पोस्ट से आगे... समीर जी की उपन्यासिका देख लूँ, तो चलूँ पर कुछ लिखूं, इससे पहले ही बता दूं कि इस किताब में ए…
गुरुदेव समीर लाल समीर जी की हाल ही में विमोचित हुई उपन्यासिका... देख लूँ तो चलूँ... 21 जनवरी को मेरे लखनऊ जाने से पहल…
कल की पोस्ट पर लखनऊ में सरदार बच्चे के सामने मिमियाते दो सांडों का ज़िक्र किया था..सभी ने इस पोस्ट को अपने अंदाज़ से ल…
कल की पोस्ट के वादे के मुताबिक आपको दो सांडों के चूहा बनने का आंखों देखा हाल सुनाऊंगा...लेकिन पहले महागुरुदेव अनूप शुक्…
मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं... या लखनऊ हम पर फिदा, हम फिदा-ए-लखनऊ, किसमें है दम इतना, कि हम से छुड़वाए लखनऊ... …
पिछले पांच दिनों में गणतंत्र के सफ़र के कुछ पहलुओं को आप तक पहुंचाने की कोशिश की...इस तरह की पोस्ट पर तात्कालिक सफ़लता…
1987 से 1997 के दौर में ही देश ने मंडल-कमंडल की राजनीति को पूरे उफ़ान पर देखा.. 16 जुलाई 1987 को पूर्व वित्त मंत्री आर…
11 फरवरी 1977 को फ़खरूद्दीन अली अहमद के आकस्मिक निधन के बाद नीलम संजीवा रेड्डी जनता पार्टी के राज में राजनीतिक सर्वसहम…
दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन नेहरू की तरह राजनेता नहीं थे। नेहरू से उलट राधाकृष्णन धार्मिक प्रवृत्ति के थे…
कल की कड़ी में आपने पढ़ा था कि किस तरह गणतंत्र के तौर पर भारत में सरकार चलाने की व्यवस्था का चुनाव किया गया था...आज की…
ये सवाल वाकई मुझसे किसी ने पूछा था...उस सज्जन के लिए 26 जनवरी का महत्व शायद एक छुट्टी तक ही सीमित था...और त्योहारों की…
एपीजे अब्दुल कलाम, सचिन तेंदुलकर, ए आर रहमान ...इन तीनों में क्या समानता है...तीनों अपने-अपने फील्ड में बेजोड़...फिर भी…
सिर्फ पैसा ही आपको अमीर नहीं बनाता... उम्र का बढ़ना भी आपको अमीर बनाता रहता है... अब आप कहेंगे, व…
पोस्ट पढ़ने से पहले दो बातें... पहली वैधानिक चेतावनी... अल्कोहल का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है... दूसरा मेड…
कल की पोस्ट में जो ज़िक्र किया था, उस पर आने से पहले छोटा सा एक किस्सा.... एक अखबार ने जाने-माने नेता को चोर बता दिया…
पहले इन दो सुर्खियों पर नज़र डाल लीजिए... सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सीधा सवाल किया है कि उसे विदेशी बैंकों में खाता र…
पप्पू का अगले दिन राजनीति शास्त्र का पेपर था...अपने पापा से बोला, मुझे राजनीति सिखाओ... अब पूरे साल पप्पू पढ़ा नहीं..…
क्रिएटिविटी कहीं भी हो चुंबक की तरह अपनी ओर खींच ही लेती है...क्रिएटिविटी का चुटकियों में लोहा मनवाना हो तो एडवरटाइज़िं…
दिल्ली के पॉश इलाके खान मार्केट में कारों की मामूली भिड़ंत के चक्कर में मंगलवार को एक होटल के युवा मैनेजर की जान चली गई…
आपका छोटा सा भी जज़्बा दूसरों के लिए क्या कर सकता है...एक टैक्सी ड्राइवर की आपबीती से जानिए... द कैब ड्राईवर... मैं…
ऐसा ब्लॉगर कौन हो सकता है...छह महीने-साल में एक पोस्ट लिखे...और पूरा साल चर्चा का विषय बना रहे...यहां तो हमेशा डर लगा र…
मेरा सहयोगी और अज़ीज़ है... रोहित...बोले तो बिंदास...बड़ा परेशान है आजकल ...वजह वही है जिसका रोना आज मेरे, आपके, सभी के…