अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को किसी ने बता दिया कि लीडरशिप का हुनर सीखना है तो भारत से बढ़िया जगह और कोई नहीं...और मक्खन का तो इस मामले में जवाब ही नहीं...मक्खन से मिलने के लिए ओबामा सीक्रेट मिशन के तहत तत्काल भारत आए...अमेरिकी दूतावास से मक्खन के लिए बुलावा आ गया...मक्खन पहुंच गया जी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास...
मक्खन की खातिरदारी करने के बाद ओबामा ने पूछा कि लीडरशिप का सबसे अहम फंडा कौन सा होता है...
मक्खन ने तपाक से कहा...आप हर वक्त बुद्धिमान लोगों से घिरे रहने चाहिए...
ओबामा...कैसे पता चलेगा कि जो लोग पास हैं, वो बुद्धिमान हैं या नहीं...
ये सुनकर मक्खन ने कहा कि इसमें कौन सी बड़ी बात है...अभी साबित कर देता हूं..ये कहने के बाद मक्खन ने परम सखा ढक्कन को आवाज़ दी...पूछा...आपकी मां का एक बच्चा है, आपके पिता का भी एक बच्चा है...वो बच्चा न तो आपका भाई है और न ही बहन है...बताओ वो कौन है...
ढक्कन बिना वक्त गंवाए बोला...वो मैं हूं...
मक्खन...बिल्कुल ठीक ढक्कन, अब तुम जा सकते हो...
ये सुनकर ओबामा मक्खन से बेहद प्रभावित होकर बोले...आपका बहुत बहुत शुक्रिया, मैं इस पहेली को अच्छी तरह समझ गया हूं....
ओबामा ने वाशिंगटन वापस पहुंचने के बाद परखना चाहा कि उनकी टीम के सदस्य कितने इंटेलीजेंट है...पहले उन्होंने डिफेंस सेक्रेट्री राबर्ट गेट्स को बुलावा भेजा...ओबामा ने गेट्स से कहा...क्या आप एक सवाल का जवाब ढूंढने में मेरी मदद कर सकते हैं...
गेट्स...ऑफ कोर्स मिस्टर प्रेसीडेंट...आप सवाल बताएं...
ओबामा...आपकी मां का एक बच्चा है, आपके पिता का भी एक बच्चा है...न वो आपका भाई है और न ही बहन...बताइए वो कौन है...
गेट्स थोड़ी देर माथापच्ची करने के बाद...सॉरी मिस्टर प्रेसीडेंट...मैं तत्काल जवाब नहीं दे सकता...लेकिन अभी थोड़ी देर में जवाब के साथ आता हूं...
गेट्स ने सारे सीनियर सीनेटर्स के साथ बैठक बुलाई...घंटों की मशक्कत के बाद भी वो इस सवाल का जवाब नहीं ढूंढ सके...आखिर थक हार कर गेट्स ने फॉरेन सेक्रेट्री हिलेरी क्लिंटन से मदद लेनी चाही...गेट्स ने वही सवाल दोहराया...आपकी मां का एक बच्चा है, आपके पिता का भी एक बच्चा है...न वो आपका भाई है और न ही बहन...बताइए वो कौन है...
हिलेरी क्लिंटन ने जवाब दिया...ऑफकोर्स वो मैं हूं...
ये सुनकर गेट्स के माथे से बोझ हट गया...वो ओबामा के पास जाकर खुशी खुशी बोले...मिस्टर प्रेसीडेंट आपके सवाल का जवाब मिल गया है...
ओबामा...वंडरफुल, क्या जवाब है...
गेट्स...वो शख्स है हमारी फॉरेन सेक्रेट्री हिलेरी क्लिंटन...
इस पर ओबामा ने मुंह बिचकाते हुए कहा...गलत जवाब...
गेट्स डरते डरते बोले... फिर सही जवाब क्या है मिस्टर प्रेसीडेंट
ओबामा...वो शख्स है...
....
....
ढक्कन...
बोलो, बोलो, कौन है वो...खुशदीप
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बुधवार, अगस्त 18, 2010
ढक्कन ढक्कन है या ओबामा हाहाहाहाहाहाहाहाहहाा
जवाब देंहटाएंहमने ओबामा की टीम में छत्तीसगढ़ी भाषा सहयोगी के रूप में अर्जी दिया था, ससुरे ओबामा नें कउनो जवाब नहीं दिया .... अब भुगते. हमें क्या ....
जवाब देंहटाएं:)
हा हा!! ढक्कन.....इसे तो अब यू एस प्रेसिडेन्ट का चुनाव लड़वा ही दो.
जवाब देंहटाएंवाह ढक्कन!!
जवाब देंहटाएं---" य़े तो कॉमन सेंस "वाली बात है ----शायद बहुत पुरानी----हा हा हा.....
जवाब देंहटाएंहा हा हा ..
जवाब देंहटाएंचलो पता तो चला कि वो बच्चा कौन है
ढक्कन अब इतना ढक्कन भी नहीं रहा ...!
जवाब देंहटाएंएक प्रश्न..हिलेरी क्लिंटन और ढक्कन आपस में कहां मिले थे ?
जवाब देंहटाएंओबामा और बिल गेट्स की इतनी मत उतारो, आखिर वे एक राष्ट्राध्यक्ष हैं।
जवाब देंहटाएंअपना ढक्कन भी झंडे गाड़ आया.........वाह!.........
जवाब देंहटाएंजय हिना ........
एक तो आप ..........दूसरा आपका मक्खन...और उसकी फ़ौज ........शान है इस ब्लॉग जगत की !!
जवाब देंहटाएंजय हिंद !!
हा हा हा………………वाह आज तो मज़ा आ गया सबकी वाट लगा दी।
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा
जवाब देंहटाएंलगता है कि ओबामा भी पूरा ढक्कन ही है।
प्रणाम
हा हा बोले तो ढक्कन .....
जवाब देंहटाएंकुछ भी कहो, ओबामा की प्रोबलेम तो साल्व हो ही गई।
जवाब देंहटाएंउन्हे पता तो चला मैं कैसे लोगों से घिरा हूं। :))
ओबामा जैसे कुर्सी पर और उसके आस-पास आजकल ढक्कन और मखन्न जैसे लोग ही पहुँच सकते है तभी तो ये लोग जनता से इतने दूर होते हैं | दोग्लों और गद्दारों के नेतृत्व में इंसान जीने को मजबूर है इससे दुर्भाग्यजनक स्थिति क्या हो सकती है ,आज जीने के लिए दोगला और गद्दार होना जरूरी हो गया है ...चाहे उसका जन्म गद्दारी से हुआ हो या जन्म लेने के बाद देश और समाज के साथ गद्दारी कर रहा हो वही आज खुश और शक्तिशाली है ...
जवाब देंहटाएंढक्कन ओर ऒबा.... दोनो कही भाई भाई तो नही :)
जवाब देंहटाएंराज भाटिया साहब ने एकदम सही कहा ...वाह-वाह ...शानदार पोस्ट शानदार टिपण्णी ...
जवाब देंहटाएंha ha ha ha
जवाब देंहटाएंसमस्या तो गहरा गई :-)
जवाब देंहटाएंओबामा !
जवाब देंहटाएंतू तो गया ..!
हा हा हा हा...
हा हा हा-मक्खन के कारनामें भी लाजवाब हैं।
जवाब देंहटाएंजय हिंद
मैं परेशान हूँ--बोलो, बोलो, कौन है वो--
टर्निंग पॉइंट--ब्लाग4वार्ता पर आपकी पोस्ट
उपन्यास लेखन और केश कर्तन साथ-साथ-
मिलिए एक उपन्यासकार से
हा हा हा हा...लाजवाब ,मजेदार !!!
जवाब देंहटाएं