समीर लाल, द साउंड ऑफ साइलेंस...खुशदीप
खुशदीप सहगल यानि मैं...इनसान हूं...सुख में खुश और दुख में दुखी भी होता हूं...शांत रहने की कोशिश करता हूं लेकिन कभी-कभा…
गुरुवार, मई 13, 2010खुशदीप सहगल यानि मैं...इनसान हूं...सुख में खुश और दुख में दुखी भी होता हूं...शांत रहने की कोशिश करता हूं लेकिन कभी-कभा…
क्या कसूर सिर्फ बेटे-बहुओं का ही होता है...माता-पिता या बुज़ुर्ग क्या कभी गलत नहीं होते...युवा पीढ़ी के इस सवाल में भी …
संयुक्त परिवार को लेकर कल मेरी पोस्ट पर शिखा वार्ष्णेय जी ने बड़ा जायज़ सवाल उठाया था...बुज़ुर्ग हमेशा सही हों, ऐसा …
कल बात की थी मां के दूध की...एक देश में दो देश होने की...भारत की, इंडिया की...आज बात हाईराइज़ बिल्डिंग्स के दड़बेनुमा व…
कल मेरी पोस्ट पर शेफ़ाली पांडे की टिप्पणी ने मुझे अंदर तक हिला कर रख दिया...न जाने ऐसी कितनी माताएं होंगी जिन्हें रोज…
मां का दूध पिया है तो सामने आ... छठी का दूध याद न दिला दिया तो मेरा नाम नहीं... दूध का कर्ज़ कैसे चुकाऊंगा ... …
एक शराबी टुन्न होकर घर लौट रहा था...रास्ते में मंदिर के बाहर एक पुजारी दिखाई दिए... शराबी ठहरा शराबी, पुजारी से ही…
कल मैंने काफ़ी के कप पेश किए थे...पता नहीं किसी सज्जन को काफ़ी का टेस्ट इतना कड़वा लगा कि उन्हें बदहजमी हो गई...शायद उ…
एमबीए छात्रों का एक बैच पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने अपने करियर में अच्छी तरह सैटल हो गया...एमबीए कॉलेज में फंक्शन के दौ…
मरहूम शेक्सपीयर चचा क्या खूब कह गए हैं... नाम में क्या रखा है ...वाकई नाम में क्या रखा है...आइडिया का एक एड आता है जिस…