हो सके तो भूल जाना...खुशदीप
जी हां...अब आपका साथ छोड़ कर जाने का वक्त आ गया है...इस साथ में खट्टे मीठे कई तरह के लम्हे आए...कभी-कभार मौका मिले तो ब…
गुरुवार, दिसंबर 10, 2009जी हां...अब आपका साथ छोड़ कर जाने का वक्त आ गया है...इस साथ में खट्टे मीठे कई तरह के लम्हे आए...कभी-कभार मौका मिले तो ब…
संसद और मौन...आप कहेंगे या तो मैं हिल गया हूं या संसद की छुट्टी होगी...न तो मैं हिला हूं और न ही संसद की छुट्टी थी...17…
आज की मेरी पोस्ट निर्मला कपिला जी को समर्पित है...साथ ही ये पोस्ट भारत से दूर परदेस में आशियाना बना चुके सभी भारतवंशिय…
इंसान महंगाई से त्राहि माम-त्राहि माम कर रहा है...लेकिन भगवान की कमाई लगातार बढ़ती जा रही है...सुख-संपत्ति के धाम लगाता…
आज ये मेरी सौवीं पोस्ट है...आज ही छह दिसंबर है...अजब इत्तेफ़ाक़ है...पोस्ट की सेंचुरी है तो कुछ बढ़िया कॉकटेल तो बनत…
हम तो चले परदेस, हम परदेसी हो गए, छूटा अपना देस हम परदेसी हो गए...आखिर वो कौन सी मजबूरी है जो इंसान को अपनी माटी छोड़कर…
आते है लोग, जाते है लोग, पानी में जैसे रेले, जाने के बाद, आते हैं याद, गुज़रे हुए वो मेले... यादें मिटा रही है. यादें…
चूहे को बड़ा निरीह प्राणी माना जाता है...आप क्या समझते हैं महंगाई की मार हम सिर्फ इंसानों को झेलनी पड़ रही है...चूहे भी…
अलविदा, अलविदा...कितने जानलेवा हैं ये शब्द अलविदा....आप के सफ़र में कोई साथी बन गया हो...रोज़ आपका उससे वास्ता हो...और …
इंदिरा गांधी... उन्हें चाहने वाले दुर्गा से उनकी तुलना करते हुए शक्ति की प्रतीक मानते रहे हैं...इंदिरा से नफ़रत करने व…