ब्लॉगरों की शाम-ए-अवध, महफूज़ की गोली...खुशदीप
मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं... या लखनऊ हम पर फिदा, हम फिदा-ए-लखनऊ, किसमें है दम इतना, कि हम से छुड़वाए लखनऊ... …
गुरुवार, जनवरी 27, 2011मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं... या लखनऊ हम पर फिदा, हम फिदा-ए-लखनऊ, किसमें है दम इतना, कि हम से छुड़वाए लखनऊ... …
ऐसा ब्लॉगर कौन हो सकता है...छह महीने-साल में एक पोस्ट लिखे...और पूरा साल चर्चा का विषय बना रहे...यहां तो हमेशा डर लगा र…
कल माहौल हल्का करने के लिए महफूज़ पर पोस्ट लिखी...सब ने उसे अपने-अपने नज़रिए से लिया...किसी ने फिज़ूल पोस्ट माना...किस…
कभी सुख, कभी दुख, यही ज़िंदगी है, ये पतझड़ का मौसम, घड़ी दो घड़ी है, नए फूल कल फिर, डगर में खिलेंगे, उदासी भरे ये…
कभी कभी जीवन में ऐसा कुछ भी घटता है, जिस पर दिमाग न भी चाहे तो भी यकीन करना पड़ता है...साइंस का छात्र रहा हूं, इसलिए दै…
कल मुन्नी बदनाम पर पोस्ट लिखी... महफूज़ ने उस पोस्ट में कमेंट के ज़रिए बड़ा अच्छा वैल्यू एडीशन किया...ये जोड़कर कि उम…
आज भारी मन के साथ ये पोस्ट लिखनी पड़ रही है...दिल्ली में पहले भी ब्लॉगर्स मीट हुई हैं... अजय कुमार झा और अविनाश वाचस्पत…
सबसे पहली बात...जो मैं कहने जा रहा हूं उसे अप्रैल फूल की पोस्ट समझ कर कतई न लें... ये बिल्कुल सेंट परसेंट पुख्ता ब्लॉगर…
बधाइयां जी बधाइयां...समूचे ब्लॉगवुड के लिए खुशियां मनाने का मौका जो आया है...आरतियां उतारो...मंगलगीत गाओ...आज हमारे बीच…
नैरोलेक पेंट का एड शायद आपने भी देखा होगा... हर घर कुछ कहता है ...ज़िंदगी का हिस्सा बन चले ब्लॉगवुड की बात करूं तो यहा…
महफूज़ की पोस्ट... कोई रोक सको तो रोक लो ...पढ़ कर आज कुछ सोचने को मज़बूर हो गया कि ये महफूज़ का कॉन्फिडेंस है या ओवर-क…