ब्लॉगिंग का रजनीकांत...खुशदीप

ऐसा ब्लॉगर कौन हो सकता है...छह महीने-साल में एक पोस्ट लिखे...और पूरा साल चर्चा का विषय बना रहे...यहां तो हमेशा डर लगा रहता है कि भइया रोज़ कुछ नया न दिया तो न जाने कब शटर गिराना पड़ जाए...इसलिए रोज़ ही कुआं खोदना पड़ता है...तब जाकर बामुश्किल पंद्रह-बीस टिप्पणी का जुगाड़ हो पाता है...दूसरी तरफ ये जनाब कुंभकर्ण की नींद से जब भी जगकर पोस्ट लिख मारते हैं तो टिप्पणियों की सेंचुरी का आंकड़ा तो कहीं नहीं गया...



ज़रूर भईया इस ब्लॉगर के अंदर रजनीकांत छुपा बैठा है...अब ये फिर रजनीकांत वाली ज़ुबान में न बोले तो और क्या करे...चलिए अब और नहीं घुमाता, मैं महफूज़ प्यारे की बात कर रहा हूं...जनाब गोली की गर्दन तोड़ने के बाद लंबा विश्राम कर रहे हैं...कभी-कभार आसमान में कड़कने वाली बिजली की तरह किसी ब्लॉग पर आकर चमक जाते हैं...इतने दिन के ब्रेक के बाद इन्होंने अपना नया Resume टाइप किया है, जो मैंने खोज़ी पत्रकारिता के दम पर हासिल कर लिया है...आप भी इस पर गौर फरमाइए...



RESUME OF MAHFOOZ ALI

नाम...महफूज़ अली


शौक...शेर के दांत इकट्ठे करना, चली हुई गोलियों को नंगे हाथ से पकड़ना...


रिकार्ड...हाथी से लड़ा और उसकी गर्दन तोड़ दी...


सबसे बड़ी उपलब्धि...ज्वालामुखी से निकलने वाले लावे पर स्केटिंग...


सबसे बड़ी मूर्खता...सुनामी में स्विमिंग...


सबसे ज़्यादा शर्मिंदा कब हुआ...सौ भालुओं पर मुक्का चलाया...सिर्फ 99 मरे और एक बच गया...


सबसे ज़्यादा गर्व कब हुआ...किंग कोबरा ने मुझे काटा और तत्काल मर गया...


कमज़ोरी...मैं शो-ऑफ में यकीन नहीं करता...




स्लॉग ओवर...

महफूज़ अली ने नया ई-मेल आईडी बनाया...

gmail@MAHFOOZ.com


इसे देखने के बाद...

Google shockz
Computer blocks
User jumps
Hacker dies
virus criez
&
MAHFOOZ ROCKZ

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26 टिप्पणियाँ
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  1. कुछ लोग लिखकर दिल जीतते है , कुछ लोग पहले दिल जीतते हैं फिर लिखते है .. काम दोनो ही मेहनत के हैं और इस मेहनत का फल एक ही है प्यार जो सदा फलता फूलता और पल्लवित होता है । मनुष्य का जन्म भी इसीलिये हुआ है और उसे इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिये कि यह जन्म केवल एक बार मिला है .. जन्म और पुनर्जन्म सिर्फ इसी जन्म में है सो... ( अरे मैं तो प्रवचन करने लगा ,,हाहाहा )

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  2. मस्त जी मस्त..... कई बार महफ़ुज मियां से फ़ोन पर बात करने का मन हुआ, लेकिन आलस छा गया, चलिये कल जरुर बात करेगे अब, शुभरात्रि

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  3. अब रजनीकांत के रिटायर होने का समय आ गया है

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  4. मह्फ़ूज भाई से हाल ही मे फ़ोन से बात हुइ थी .
    बचा हुआ भालू ब्लोगिग करने लगा है .

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  5. जय हो, कब से लिखना प्रारम्भ करेंगे।

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  6. जै जै!
    देखते हैं महफूज मियाँ ब्लागीरी से कब तक महफूज रहते हैं।

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  7. यह बायोडाटा है या तोप का गोला.. जय हो..

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  8. जब जागेगा तो दहाड़ मारेगा

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  9. बायोडाटा एक दम बिंदास है।
    महफूज साहब पोस्ट कब लिख रहे हो?

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  10. महफूज भाई को देख पढ़कर बहुत अच्छा लगा!

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  11. उनमें इतनी खूबियाँ हैं इसीलिए तो महफूज़ भाई महफूज़ हैं...और महफूज़ रहेंगे.

    नीरज

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  12. खुशदीप भाई,

    आप उन कुछ चुनिदा लोगो में से हो जिन्होंने रजिनीकांत की महिमा को ठीक ठीक पहचाना है!
    आज सुबह ही बात हुयी थी रजिनीकांत जी से ... बहुत खुश हुए जान कर कि उन पर अपने पोस्ट लगाई है !

    वैसे वह खुद भी जल्द ही पोस्ट लगाने की कह रहे थे !

    जय हिंद !

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  13. कुछ ऐसे भी महानुभाव होते हैं की खुद नहीं लिखते लेकिन चर्चा का विषय बने रहते हैं. लिखे चाहे देर से बस स्वस्थ बने रहें. दुश्मनों की नजर से ईश्वर बचाए रखे.

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  14. khushdeep bhai ''mahfooz bhai ko RAJNIKANT banane me aap ka bhi poore hath hain,yhi hai nishNI dosti ki ...pyar bana rahe ..badhiya khichayee ke sath pyari post...badhayee

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  15. परिचय की नोयडाईय तकनीक अच्छी लगी .साधुवाद !

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  16. हमें तो गोली दे गये महफूज मियां.

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  17. आप अच्छा लिखते हैं , हिन्दी ब्लोगिंग को आपकी सख्त आवश्यकता है । महफूज भाई एक अच्छे और नेकदिल इंसान है, मैं पिछले 2 महिने से लखनऊ मे हूँ लेकिन अभी उनसे मुलाकात संभव ना हो पाई । खैर आप ऐसे व्यक्ति विशेष की पोस्ट लिखने से बचें , क्योंकि ऐसी संख्या आपके ब्लोग पर नित्य बढ़ रही है , और हां अगर यही करना है तो बहुत से ब्लोगर अनुपस्थित हैं । उम्मीद करता हूँ कि आप मेरे बातों को अन्यथा नहीं लेंगे ।

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  18. प्रिय,

    भारतीय ब्लॉग अग्रीगेटरों की दुर्दशा को देखते हुए, हमने एक ब्लॉग अग्रीगेटर बनाया है| आप अपना ब्लॉग सम्मिलित कर के इसके विकास में योगदान दें - धन्यवाद|

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