मेरा सहयोगी और अज़ीज़ है...रोहित...बोले तो बिंदास...बड़ा परेशान है आजकल...वजह वही है जिसका रोना आज मेरे, आपके, सभी के, घरों में हो रहा है...प्याज़ अस्सी रुपये किलो..जिसे देखो आज सब कुछ भूलकर प्याज़ के पीछे दौ़ड़ रहा है...प्याज़ ने भी जैसे कसम खा ली है, सड़ जाऊंगा लेकिन इनके मुंह नहीं लगूंगा...
प्याज़ की तरह टमाटर ने आंखें लाल करना शुरू किया तो उसका तोड़ तो गृहणियों ने ढूंढ लिया...झट से बाज़ार से टोमेटो प्यूरी (या पूरी) मंगाई...15 रुपये में ही काम हो जाता है...पैकेट खोला, टमाटर को लिक्विड के रूप में निकाला और खुद को मास्टर शेफ़ पंकज भदौरिया (स्टार प्लस के हालिया शो की विजेता) साबित कर लिया...टमाटर का तोड़ तो ढूंढ लिया, मगर
निगोड़े प्याज़ का क्या करें...इस मौके पर हमारे ब्लॉग जगत की ओर से क्रांतिकारी पहल की जा सकती है...साइंस ब्लॉगर्स एसोसिएशन की ओर से श्रद्धेय अरविंद मिश्र जी, ज़ाकिर अली रजनीश भाई,अन्य सम्मानित सदस्य और बेलफास्ट में बैठे मेरे अनुज दीपक मशाल जैसे साइंटिस्ट अगर अनियन प्यूरी (प्याज़ प्यूरी) की खोज में जुट जाएं तो पूरी मानवता का भला हो जाएगा...
चलिए अब फिर लौटता हूं रोहित रुंदन (रोना) की ओर...प्याज़-प्याज़ चिल्लाते इसने खुद को हलकान कर लिया है लेकिन प्याज़ महाराज टस से मस होने का नाम नहीं ले रहे...मज़ाल है कि इसकी हालत पर दो आंसू बहा दे...आंसू क्यों बहाएंगे, इन्होंने दूसरों के आंसू बहाने का ठेका जो ले रखा है...मिल जाएं तो खुद कटने पर, न मिलें तो दूसरों के कटने पर...
रोहित प्याज़ के लिए ज़मीन पर हाथ पटक पटक कर और लोट लगा-लगा कर रो ही रहा था कि प्रभु को इतने प्यारे बालक को इस हालत में देखकर तरस आ गया...उसे चुप कराने के लिए आकाशवाणी हुई...
वत्स,
जो मैं कह रहा हूं, उसे गौर से सुन...
प्याज़ से इतना मोह मत कर...ऐसी वस्तुएं खा-खा कर ही तेरी मति भ्रष्ट हो गई...अब मैं तेरा जीवन संवारना चाहता हूं...तुझे तामसिक भोजन से सात्विक भोजन की ओर ले जाना चाहता हूं...ये सब किल्लत मेरी ही लीला (प्रभु-लीला) है...थोड़े दिन शोर मचाएगा, फिर तुझे मूली खाने की आदत हो जाएगी...तेरे सारे विकार वायु के रास्ते बाहर निकल जाएंगे...ये तेरा प्राकृतिक पद्मासन होगा...योगा के लिए तुझे लाख बाबा रामदेव सलाह देते रहते हैं, लेकिन तू उनके हाथ नहीं आता...इस तरह योग का तू खुद ही साधक बन जाएगा...बिना प्याज़ की लौकी खाएगा तो तेरा तन-मन सब शुद्ध हो जाएगा...तेरे चेहरे पर अलग ही तेज चमकने लगेगा...फिर तू सभी का प्यारा हो जाएगा...अब बालहठ छोड़, माताश्री प्यार से भोजन में जो भी कंद-मूल दे रही है, उसे मेरा प्रसाद समझ कर ग्रहण कर...
उठ, प्याज़ विहीन विश्व के निर्माण के ज़रिए मानवता के उत्थान में अभी से लग जा...
शुभाशीष...
राहित जी भगवान की कि हुई आकाशवाणी को मानने मे ही फायदा है।
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी, पोस्ट पढ कर मुस्कान आ गयी
शुभकामनायें
खुशदीप भाजी, भारत आते समय मै सिर्फ़ ओर सिर्फ़ प्याज ही अपनी अटेची मे भर कर लाऊंगा, ओर जो जो सज्जन ब्लाग मिलन मे आयेगे उन्हे एक एक प्याज छिलके समेत तोहफ़े मे दिया जायेगा, अगर ज्यादा ब्लागर आ गये तो आधा आधा प्याज दिया जायेगा,
जवाब देंहटाएंमै तो सुबह शाम बहुत प्याज खाता हुं, इस लिये दो अटेची भर के लाऊंगा, भगवान की सभी बाते तो मानते हे, बस यही नही मानेगे तो कोन सा नाराज हो जायेगा, अब आप लिस्ट बना ले कि कोन कोन से ब्लागर आना चाहेगे अगले ब्लाग मिलन मे,सब को एक अदद प्याज तोहफ़े मे मिलेगा, परिवार के संग आने पर सब परिवार जनो को एक एक प्याज, चलिये मिलते हे लिस्ट के बाद
प्याज को भूलो मुली खाओ
जवाब देंहटाएंरोगाणु तबियत से भगाओ ।
अब विकल्प ढूढ़ना होगा।
जवाब देंहटाएंकसम खुदा की, कतई मोह नहीं है प्याज से। लहसुन तो देखने से एलर्जी है। पर बैंगन का क्या चालीस रूपए किलो है। भर्ता होने को तैयार नहीं।
जवाब देंहटाएं@राज भाटिया
वैसे हमारा गबदू प्याज के छिलके जो निकालने लगा तो सारे निकाल दिए, कुछ न बचा। चिल्लाने लगा, सब्जी बेचने वाला बेईमान निकला, सिर्फ छिलके दे गया, प्याज पहले ही निकाल लिए।
khushdipji,
जवाब देंहटाएंbahut badiya post hai, agar manhgai aise hi rahi to hum pyaj ke aansu rona bhool jaayenge
ha ha ha ha Mat ro bhaiya pyaj ke liye
जवाब देंहटाएं... shaandaar-jaandaar !!
जवाब देंहटाएंमान गये गुरुदेव आपका फंडा बडा जबर्दस्त है। बाबा रामदेव की छुट्टी करवाओगे? आशीर्वाद।
जवाब देंहटाएंआकाशवाणी केवल प्याज के लिए ही हुई थी क्या? मूली से वायु विकार दूर होंगे उसका क्या? बढिया है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!!!!
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी प्याज विहिन भोजन शुद्ध और सात्विक होता है और अपने रोहित को इसकी बहुत ज्यादा ज़रूरत है । उसके लिए अच्छा है
जवाब देंहटाएंगुलाबजल, केवडाजल की माफिक बस प्याजजल भी मार्किट में जल्द आने ही वाला है....बस दो बून्द प्याज की :)
जवाब देंहटाएं@ राज भाटिया ,
जवाब देंहटाएंसुना है कस्टम ड्यूटी २०० परसेंट पड़ती है प्याज पर ! जब आओ तो बता देना खुशदीप भाई के साथ आपको लेने आयेंगे !
शुभकामनाएं
ha ha ha ! बढ़िया प्रसंग । प्याज प्यूरी का आइडिया अच्छा है ।
जवाब देंहटाएंमेरे एक मुस्लिम मित्र है का कहना है अगर बनिये और पंडित प्याज़ खाना छोड दे तो यह ५ रु किलो मारा मारा घुमेगा
जवाब देंहटाएंकह दो कोई न कहे हमे प्याज़....... इसमे खुशियाँ है कम बेशुमार हैं गम.....
जवाब देंहटाएंहाहाहाह मैं तो सपना देख रहा था...सपने में भी अपने बारे में नहीं निरिही पतियों की दुर्दशा.....हाहहाहा प्याज का सात्विकता से कोई लेना देना नहीं.....मैं तो कई जन्मों से सात्विक हूं....कभी कभी आम इंसान की तरह चिंता करना पड़ती है.....
जवाब देंहटाएंआकाश के रास्ते प्राप्त हुई वाणी बहुत बढ़िया लगी...
जवाब देंहटाएंआकाशवाणी भले ही रोहित के लिए हुई हो..पर असर सब पर हो रहा है...
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