सुशील जी, क्या आपने नवाब साहब का किस्सा नहीं सुना...खुशदीप
अजय कुमार झा जी कह रहे हैं कि हिंदी ब्लागरों और साहित्यकारों का पहला विश्वयुद्ध छिड़ने ही वाला है. ..ये पंक्ति पढ़कर…
मंगलवार, फ़रवरी 22, 2011अजय कुमार झा जी कह रहे हैं कि हिंदी ब्लागरों और साहित्यकारों का पहला विश्वयुद्ध छिड़ने ही वाला है. ..ये पंक्ति पढ़कर…
अब जितने भी तथाकथित बुद्धिजीवी है, उन्हें इस शीर्षक ने ज़रूर कचोटा होगा...शायद लबों से ये गीत भी निकल गया होगा... हाय …
आप कह रहे होंगे ये IBM तो सुनी है, ये मैं कौन सी नई कंपनी ले आया...IDBM... तो ये है जनाब- इंटरनेशनल दिल्ली ब्लॉगर्स मी…
आज भारी मन के साथ ये पोस्ट लिखनी पड़ रही है...दिल्ली में पहले भी ब्लॉगर्स मीट हुई हैं... अजय कुमार झा और अविनाश वाचस्पत…
तू कहां गई थी, तेरा मर जाए सावरिया... आज सुबह ये गाना रह रह कर याद आ रहा था...जब भी अपनी पोस्ट पर आता, टिप्पणियों वा…
टीवी पर अक्सर ओरिएंट पंखों की एक एड देखने को मिल जाती थी जिसमें उनकी बड़ी खिल्ली उडाई जाती थी जो PSPO के बारे में नहीं …
ओ, तुमसे दूर रह कर हमने जाना, प्यार क्या है दिल ने माना, यार क्या है... तुमको पाके न पहलू में लगता था यूं जीते हैं …