KGF2 के यश की रीयल स्टोरी भी थ्रिलर



बस ड्राइवर का बेटा घर से भाग कर कैसे बना करोड़ों कमाने वाला सुपर स्टार, KGF2 में रॉकी का किरदार निभाने वाले यश की असल ज़िंदगी भी संघर्ष की मिसाल, यश के मुताबिक उनकी गांव की बैकग्राउंड फैंस से अच्छे कनेक्ट में करती है मदद



नई दिल्ली (13 अप्रैल)।

केजीएफ-2 के साथ सिल्वर स्क्रीन पर फिर रॉक करने जा रहे रॉकिंग स्टार यश की रीयल स्टोरी भी वैसी ही थ्रिलर है, वैसी ही दिलचस्प है जैसे कि उनकी फिल्में होती हैं- एक्शन से भरपूर

2018 में रिलीज केजीएफ चैप्टर 1 ने यश को कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री का जहां सबसे महंगा स्टार बनाया वहीं हिन्दी, तेलुगु, तमिल में फिल्म के रिलीज होने ने यश को पैन इंडिया इमेज भी दी. केजीएफ-2 में भी यश के साथ श्रीनिधि शेट्टी के अलावा संजय दत्त, रवीना टंडन और प्रकाश राज जैसे सितारे भी जगमगाते नज़र आएंगे.

36 साल के यश की असली कहानी में भी कई टर्निंग पाइंट्स है, घर से भागने और बैक स्टेज से लेकर हीरो के तौर पर घर घर मे पहचान बनाना आसान नहीं था. 

यश की यात्रा नवीन कुमार गौड़ा के रूप में शुरू होती है, जी हां जन्म पर य़श को उनके माता-पिता ने यही नाम दिया था. लेकिन यश नाम इतना छा गया है कि कोई असली नाम से अब बुलाता है तो खुद यश को हैरानी होती है. यश के पिता अरुण कुमार बेंगलुरू मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन यानि बीएमटीसी में बस ड्राइवर थे और वह चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी अफसर बने. लेकिन यश को नाटकों और डांस कॉम्पिटीशन में हिस्सा लेना पसंद था. वहां जो तालियां मिलतीं वो यश के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं होती. KGF 1 फिल्म के एक इवेंट में बाहुबली फेम डायरेक्टर एसएस राजामौली ने भी कहा था कि उन्हें ये जानकर हैरान हुई कि यश के पिता एक ड्राइवर हैं, इसलिए यश से बड़े हीरो उनके पिता हैं. यश फिल्मों में करोड़ों कमाने लगे तब भी उनके पिता ने अपना जॉब नहीं छोड़ा था. 

यश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो घर से भागकर हीरो बनने बेंगलुरु पहुंचे थे, लेकिन वहां क़दम रखते ही वह घबरा गए. उनकी जेब में सिर्फ़ 300 रुपये थे, लेकिन वापस जाने का ख़्याल कुछ ऐसा था कि अगर लौट गए तो फिर घरवाले वापस नहीं भेजेंगे. फिर उन्हें संघर्ष से डर नहीं लगा. बेंगलुरु में वह थियेटर के साथ बैकस्टेज काम करने लगे. यश के मुताबिक फैंस शायद उन्हें इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि उनकी यात्रा गांव से आकर हीरो बनने की यात्रा है और यह बात उन्हें इंस्पायर करती है.

वैसे यश खुद की इंस्पीरेशन शाहरुख ख़ान को मानते हैं. अमिताभ बच्चन को यश 'ट्रू जेंटलमैन' बताते हैं.

यश ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2008 में मोगीना मनसु (Moggina Manasu) से की थी। इसी फिल्म की अपनी को-स्टार राधिका पंडित से यश ने 2016 में शादी की. उनके दो बच्चे आइरा और यार्थव है. यश ने वैसे तो राजाधानी, मिस्टर एंड मिसेज रामाचारी और किराटका जैसी फिल्में की हैं लेकिन उनकी पहचान केजीएफ चैप्टर 1 से मज़बूत बनी. साल 2018 में रिलीज हुई केजीएफ कन्नड़ सिनेमा की सबसे ज्यादा बजट वाली फिल्म थी. 80 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म ने वर्ल्ड वाइड 250 करोड़ का बिजनेस किया. रील लाइफ से अलग रीयल लाइफ में भी यश चैरिटी कामों में भी पीछे नहीं रहते. उन्होंने 2017 में यश मार्ग फांउडेशन शुरू किया। इस फांउडेशन ने कोप्पाल जिले में 4 करोड़ रुपये की लागत वाली एक झील बनवाई है, जिससे लोगों को पीने का साफ पानी मिलता है;

अब रॉकिंग स्टार के फैंस को इंतजार है केजीएफ-2. देखना अहम होगा कि 100 करोड़ के बजट से बनी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कितना कलेक्शन कर पाती है.

ये भी देखें- 





एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.