सोशल मीडिया पर हिमालया कंपनी की हलाल नीति का बता कर पोस्टर वायरल, पहले भी कंपनी के मालिक का बता दिल्ली के वकील का वीडियो किया गया था शेयर, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दिखाया पतंजलि के उत्पादों का हलाल सर्टिफिकेट
नई दिल्ली (1 अप्रैल)।
सोशल मीडिया पर द हिमालय ड्रग कंपनी के नाम से एक फोटो संदेश वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि इसमें कंपनी की ओर से अपनी हलाल नीति को बताया गया है. इसके जवाब में कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स पतंजलि के उत्पादों के लिए लिया गया हलाल सर्टिफिकेट भी ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं.
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हिमालया कंपनी की ओर से अब इस संबंध में अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल पर बयान जारी किया गया है. इसमें लिखा गया है- हिमालया वेलनेस कंपनी अपने उत्पादों को 100 से ज्यादा देशों में निर्यात करती है. आयात करने वाले देशों में उत्पादों की स्वीकार्यता के लिए कंपनी और उसके उत्पादों को आयात करने वाले देशों के कानूनों और नियमों का पालन करना होता है. कुछ निश्चित देशों में हलाल प्रमाणन अनिवार्य है. अत: ऐसे कुछ देशों के लिए संबंधित नियमों के मुताबिक हलाल सर्टिफिकेट लिया गया. हम साफ करना चाहते हैं और पुष्टि करना चाहते हैं कि हिमालय के किसी भी उत्पाद में मीट नहीं होता, जैसा कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर आरोप लगाया जा रहा है, ये तथ्यात्मक तौर पर ग़लत है. हलाल सर्टिफिकेशन का ये मतलब नहीं होता कि उसमें किसी पशु जनित अवयवों को शामिल किया गया है. ये शाकाहारी उत्पादों पर भी आयात करने वाले देशों के नियमों के मुताबिक लागू होता है, सभी कंपनियां जिन्हें इन देशों को आयात करना होता है, उन्हें इस सर्टिफिकेशन को हासिल करना ज़रूरी होता है
— Himalaya Wellness Company (@HimalayaIndia) April 1, 2022
इससे पहले ट्विटर पर हिमालय इंडिया को टैग करते हुए, एक यूज़र ने लिखा, कंपनी साफ करे कि ये फेक न्यूज़ है, मेरा परिवार हिमालया उत्पादों को प्यार करता है.
Please tell me this is fake news @HimalayaIndia. My whole family loves Himalaya Products. pic.twitter.com/MxIx80BMtV
— Atul Mishra (@TheAtulMishra) March 30, 2022
You can shift to Baba's Patanjali. Oh wait! 🙄 #Halal https://t.co/uIcngcAieq pic.twitter.com/JLSJg9XSfs
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 31, 2022
हिमालया और पतंजलि के कथित हलाल सर्टिफिकेट्स पर बात करने से पहले आपको बता दें कि जो भी कंपनियां अरब देशों को अपने उत्पादों का निर्यात करती हैं जिनमें आयुर्वेदिक दवाएं, अन्य हर्बल प्रोडक्ट्स और सौंदर्य प्रसाधन भी शामिल हैं, उन्हें ये हलाल सर्टिफिकेट दिखाना ज़रूरी होता है. खाड़ी के देशों में ऐसे उत्पादों की भारी मांग है. यानि साफ है कि हलाल का मतलब मीट ही नहीं होता, इसका मतलब अन्य उत्पादों से भी होता है. अरब देशों में इस तरह के सर्टिफिकेट की मांग इसलिए की जाती है कि कहीं उत्पाद के निर्माण में ऐसी सामग्री का इस्तेमाल तो नहीं किया गया जिसका सेवन उनके धर्म के मुताबिक वर्जित हो.
हमने रिसर्च की तो अमर उजाला ऑनलाइन की 6 मई 2020 की एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने हलाल सर्टिफिकेट पर पतंजलि का रुख स्पष्ट किया था. तब आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है कि पतंजलि प्रतिष्ठान ने हलाल मीट के निर्यात के लिए हलाल प्रमाणपत्र लिया है. हक़ीकत यह है कि प्रमाणपत्र अरब देशों में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्यात के लिए लिया गया है। भारत में दवाओं के वितरण से इस प्रमाणपत्र का कोई संबंध नहीं. आचार्य बालकृष्ण ने ये भी कहा था कि दुनिया के किसी भी देश को यदि अरब देशों में कोई सामान बेचना हो तो उन देशों में इसके लिए हलाल सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होता है. यह प्रमाणपत्र केवल हलाल मीट के लिए नहीं किसी भी पदार्थ या वस्तु के लिए होता है. आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक या एलोपैथिक दवा निर्यात के लिए भी इस प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है. आचार्य बालकृष्ण ने ये भी साफ किया था कि पतंजलि के उत्पाद पूरी तरह शाकाहारी पदार्थों और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों पर आधारित है.
ऐसा ही दावा हिमालया ड्रग कंपनी के सूत्रों का भी है कि उनके उत्पाद पूरी तरह हर्बल यानि जड़ी बूटियों से बने होते हैं.
आइए अब आपको बताते हैं कि हिमालया कंपनी का बताए जाने वाले फोटो संदेश में अंग्रेजी में जो लिखा है उसका हिन्दी अनुवाद क्या है. इसमें लिखा है. हम हिमालया ड्रग्स कंपनी के सदस्य अपनी ओर से निर्मित-(हर्बल/कैमिकल/खाद्य रंग)-उत्पादों का हलाल होना बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है जो मुस्लिमों के हलाल उत्पादों के उपभोग करने के दायित्व पूरा करने के अनुरूप है.
हमारे उत्पाद इस्लामिक कानून/ शरिया का पालन करते हं और इस्लामिक कानून के तहत प्रतिबंधित अवयवों से पूरी तरह मुक्त हैं.
हमने आंतरिक हलाल प्रबंधन टीम गठित की है जिसमें सीनियर एग्जेक्यूटिव्स (मुस्लिमों समेत) विभिन्न व्यवस्थाओं से सम्मिलित है, जो हलाल प्रमाणन से जुड़े सभी मुद्दों के लिए उत्तरदायी है.
अनुवाद आपने जान लिया, अब इसी वायरल तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स हिमालया ड्रग कंपनी के उत्पादों का बहिष्कार करने की भी बात कर रहे हैं.
I like my products cruelty free. So no Himalaya until it says no Halal. pic.twitter.com/ibIVFuYWFJ
— Rashmi Samant (@RashmiDVS) March 30, 2022
I have stopped buying Himalaya products, have you? pic.twitter.com/kwDPM01kvX
— रंजन गोगोई 🇮🇳 (@justicegogoi) March 31, 2022
इस अकाउंट के फर्जी होने का इसी बात से पता चलता है कि इसके बायो में पार्लियामेंट, former और जज तीनों की स्पेलिंग गलत लिखी गई है.
द हिमालया ड्रग कंपनी, जिसका अब नया नाम हिमालया वेलनेस कंपनी हो गया है. 30 मार्च को उसने ऑप इंडिया की एक फैक्ट चेक रिपोर्ट को रीट्वीट किया था. इस रिपोर्ट में कंपनी के खिलाफ एक वायरल वीडियो की सच्चाई बताई गई थी. इस वीडियो में एक शख्स को देखा जा सकता है जो कि रिलायंस जियो और पतंजलि के प्रोडक्ट्स का बायकॉट करने के लिए कह रहा है. वीडियो के साथ कैप्शन में इस शख्स को हिमालय कंपनी का मालिक बताया गया. ये शख्स कहता दिख रहा है कि ये रिलायंस जियो और पतंजलि जैसी कंपनियां आरएसएस से जुड़ी हैं इसलिए सभी को इनका बायकॉट करना चाहिए.
ऑप इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो में जो शख्स दिखाई दे रहा है वो दिल्ली निवासी वकील भानु प्रताप सिंह है. सिंह का हिमालया कंपनी से किसी तरह का कोई लेना देना नहीं है. ये वीडियो जनवरी 2020 में एंटी सीएए प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके का है. वीडियो के स्क्रीनशॉट में इस प्रदर्शन से जुड़े कई पोस्टर्स भी देखे जा सकते हैं.
दिलचस्प ये है कि 2021 में भी ऐसे ही दावो के साथ ये वीडियो वायरल हुआ था. 20 जुलाई 2021 को द क्विंट ने इसकी सच्चाई बताते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसी रिपोर्ट के लिंक को हाल में ये वीडियो दोबारा वायरल होने के बाद हिमालया कंपनी ने 25 मार्च को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया. साथ ही कंपनी की ओर से लिखा गया कि हिमालया वेलनेस कंपनी को लेकर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट की जा रही पोस्ट्स झूठी और मनगढ़ंत हं. वीडियो में दिख रहा शख्स हिमालया से किसी भी तौर पर जुड़ा नहीं है. हिमालय गर्वित घरेलू विकसित भारतीय कंपनी है जो उच्च स्तर की ईमानदारी के साथ व्यवसाय कर रही है.
The social media posts circulated about #HimalayaWellness Company are #fake & fabricated. The person in the video is not associated with Himalaya in any way. Himalaya is a proud homegrown Indian company conducting business with a high level of integrity. https://t.co/mwm2gWlkRg
— Himalaya Wellness Company (@HimalayaIndia) March 25, 2022
ये पहली बार नहीं जब हिमालया को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर टारगेट किया जा रहा है. मार्च 2020 में सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट वायरल हुई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि हिमालया कंपनी ने आतंकी संगठन को फंड दिया. उस पोस्ट में हिमालय ड्रग कंपनी के प्रेजीडेंट और सीईओ फिलीप हेडॉन की तस्वीर दिखा कर कहा गया था कि वो कंपनी के सस्थापक मोहम्मद मनाल हैं. उन दोनों अवसरों पर हिमालया कंपनी ने बयान जारी कर ऐसे दावों को खारिज किया था और चेतावनी दी थी कि इस तरह के फर्ज़ी दावे करने वालों को कानूनी परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
हिमालया कंपनी के संस्थापक मोहम्मद मनाल ने इसे 1930 में स्थापित किया था. मनाल का निधन 1986 में हुआ.