क्रिकेटर प्रवीण ताम्बे ने साबित किया- जज़्बा हो तो उम्र एक नंबर के सिवा कुछ नहीं, 41 साल की उम्र में राहुल द्रविड़ ने दिया था 2013 में राजस्थान रॉयल्स टीम में मौका, ताम्बे अब KKR सपोर्ट स्टाफ में, ताम्बे पर बायोपिक की स्क्रीनिंग देख सब की आंखें हुईं नम
नई दिल्ली (2 अप्रैल) |
Just never give up on your dreams...
आदमी हार न माने तो उसके सपने एक दिन ज़रूर पूरे होते हैं. देर हो सकती है अंधेर नहीं. इसी की जीती जागती मिसाल हैं, प्रवीण ताम्बे...
कौन प्रवीण ताम्बे? जी हां यही नाम है उस बायोपिक फिल्म का जो डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने प्रवीण ताम्बे पर बनाई है. जब प्लेयर रिटायर हो जाते हैं, कोच बन जाते हैं, उस उम्र में यानि 41 साल की उम्र में लेग स्पिनर तांबे को ऊंचे स्तर की क्रिकेट खेलने का मौका मिला था. अब तांबे की उम्र 50 साल है और वो कोलकाता नाइटराइडर्स के सपोर्ट स्टाफ का हिस्सा हैं.
31 मार्च को कोलकाता नाइटराइडर्स टीम और सपोर्ट स्टाफ के लिए कौन प्रवीण ताम्बे की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई. इस मौके पर हर कोई जज़्बाती दिखा. ताम्बे ने रूंधे गले से इस मौके पर कहा कि अपने सपने को कभी मत छोड़ो.
"𝘕𝘦𝘷𝘦𝘳 𝘨𝘪𝘷𝘦 𝘶𝘱 𝘰𝘯 𝘺𝘰𝘶𝘳 𝘥𝘳𝘦𝘢𝘮𝘴, 𝘵𝘩𝘦𝘺 𝘥𝘰 𝘤𝘰𝘮𝘦 𝘵𝘳𝘶𝘦" 💜
— KolkataKnightRiders (@KKRiders) April 1, 2022
🎥 Scenes from last night as the boys watched the inspiring #KaunPravinTambe at a special screening by @DisneyPlusHS! @legytambe #KKRHaiTaiyaar #IPL2022 pic.twitter.com/LKjABXk1Qj
तांबे का करियर, नाम, सबकुछ उम्र की इसी कहानी के इर्द-गिर्द सिमटा हुआ है. लेकिन धुन के पक्के तांबे ने कभी इसे अपने सपने के पूरा होने में रुकावट नहीं माना. उनके लिए बस एक ही बात मायने रखती थी और वो थी क्रिकेट.
तांबे पर बनी बायोपिक में उनके किरदार को एक्टर श्रेयस तलपड़े ने शिद्दत के साथ जिया है. आपको याद होगा कि श्रेयस ने 2005 में रिलीज हुई फिल्म इक़बाल में भी क्रिकेटर का रोल निभा कर खूब तालियां बटोरी हैं. श्रेयस इस वक्त 46 साल के हैं, इसलिए प्रवीण तांबे के किरदार में पूरी तरह फिट बैठे.
तांबे पर बनी बायोपिक में उम्र के एंगल की छाप ही हर जगह दिखती है. हर जगह तांबे को यही ताना सुनने को मिलता है कि इतनी उम्र में डेब्यू करने का सोचा भी कैसे जा सकता है.
तांबे ने शुरुआत मीडियम पेसर से की थी लेकिन उम्र को देखते हुए ही लेग स्पिनर बनने की सलाह दी गई. 2013 में तांबे को 41 साल की उम्र में आईपीएल में खेलने का मौका मिला तो इसका पूरा श्रेय वो भारतीय टीम के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ को देते हैं. राहुल उस वक्त राजस्थान रॉयल्स टीम के कप्तान थे. राहुल ने एक जगह कहा भी था कि उन्होंने तांबे की उम्र को नहीं उनकी बोलिंग और जोश को देखते हुए खेलने का मौका दिया था.
उस समय तक तांबे की सबसे बड़ी उपलब्धि यही थी कि टेनिस बॉल क्रिकेट और मिड-लेवल टूर्नामेंट खेलते हुए उनका नाम मुंबई टीम के लिए संभावित खिलाड़ियों की लिस्ट में आया था।
तांबे ने जब पहली बार राजस्थान के प्रैक्टिस सेशन में नेट पर क़दम रखा, तो वहां अपने से आधी उम्र के खिलाड़ी वहां उन्हें साथ खेलने के लिए दिखे. उनमें संजू सैमसन भी थे तब उनकी उम्र महज़ 18 साल की थी, आज संजू राजस्थान रॉयल्स के कप्तान हैं.
आईपीएल से रातोंरात प्रवीण तांबे का नाम हर कोई जान गया. उस साल के आखिर में हुई चैंपियंस लीग टी-20 में तांबे ने सबसे ज़्यादा विकेट लिए. फिर आईपीएल के 2014 के सेशन में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए कोलकाता नाइटराइडर्स के ख़िलाफ़ हैटट्रिक ली. 2013-14 में ही तांबे को पहली बार ओडिशा के खिलाफ मुंबई की टीम से रणजी ट्राफी खेलने का मौका मिला.
तांबे के मुताबिक जैसे आम मिडिल क्लास से आने वाला खिलाड़ी बड़ा क्रिकेटर बनने के सपने देखता है, वैसे ही वो भी देखते थे. ऐसा शख्स जो कभी-कभार टेनिस बॉल से खेलता है, कहीं नौकरी भी करता है और खेल और परिवार के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश कर रहा है. तांबे ने घर चलाने के लिए नौकरी जॉब जरूर किया लेकिन क्रिकेट कभी उनके ज़ेहन से दूर नहीं हुआ.
तांबे का क्रिकेट का जुनून उम्र को दरकिनार कर लगातार जारी है. 2020 में 48 साल की उम्र में वह पहले भारतीय बने, जिन्हें कैरेबियन प्रीमियर लीग में खेलने का मौका मिला. ताम्बे ट्रिनबागो नाइट राइडर्स की टीम से खेले. तांबे अब 50 से पार हैं. अब भी उन्हें वेस्टइंडीज और अबूधाबी में लीग में खेलते देखा जा सकता है.
प्रवीण तांबे के जज़्बे को सैल्यूट...