RRR: फर्स्ट डे, NTR Jr-रामचरण को बाहुबली रिस्पॉन्स

 
SS Rajmouli ने फिर दिखाया क्यों वो बॉक्स ऑफिस के बादशाह, पहला हाफ ज़बरदस्त, दूसरा हाफ एवरेज़; 550 करोड़ बजट, 182 मिनट लेंथ, 5 भाषा, 1200 थिएटर्स; जिस तरह का रिस्पॉन्स RRR मूवी को पहले दिन मिला है, उससे यही सवाल सबके मुंह पर है कि क्या ट्रिपल आर तोड़ देगी बॉक्स ऑफिस पर बाहुबली के कलेक्शन का रिकॉर्ड



नई दिल्ली (25 मार्च)।

 बाहुबली डायरेक्टर एस एस राजमौली की नई फिल्म RRR में इसके दो लीड स्टार्स राम चरण और एनटीआर जूनियर की कैमिस्ट्री फैंस को खूब भा रही है.

क्या ऐसी दीवानगी पहले कभी किसी फिल्म के लिए देखी. एस एस राजमौली ने RRR के साथ साबित किया कि क्यों उन्हें बॉक्स ऑफिस का बाहुबली कहा जाता है. रात साढ़े बारह बजे पहला शो और एनटीआर जूनियर और राम चरण के फैंस का जोश उफ़ान पर, हैदराबाद हो या मुंबई या फिर सात समंदर पार अमेरिका जैसे देश हर जगह आरआरआर के लिए एक जैसा क्रेज

आंध्र में फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले बाहुबली फिल्म से प्रभास का एक गाना भी दिखाया गया, जिसे राजमौली अपना लकी मस्कट मानते हैं.

 जहां तक फिल्म का सवाल है तो पहला हाफ जबरदस्त है, लेकिन दूसरा हाफ एवरेज कहा जा सकता है.  एनटीआर जूनियर और रामचरण के बीच फिल्म में टकराव की वजह अधिक तार्किक नहीं लगती. इमोशन्स जताने में कुछ और मेहनत की जानी चाहिए थी. एनटीआर जूनियर और रामचरण दोनों ही अपने किरदारों में खूब फबे हैं. आलिया भट्ट और अजय देवगन के लिए फिल्म में ज्यादा कुछ करने को नहीं था.

 182 मिनट की इस फिल्म को 1200 थिएटर्स में पहले दिन रिलीज किया गया. इस फिल्म का बजट 550 करोड़ बताया जा रहा है जिसमें 80-80 करोड़ राम चरण और एनटीआर जूनियर को और 100 करोड़ डायरेक्टर राजामौली को मिलने की रिपोर्ट है.

920 के वक्त को दिखाती इस फिल्म का तानाबाना तब के दो ऐसे युवा बाग़ियों के इर्दगिर्द बुना गया है जिन्होंने मातृभूमि की आज़ादी और अपने लोगों को ज़ुल्म से बचाने के लिए तानाशाह हुक्मरानों के खिलाफ़ बिगुल बजाया. इनमें आज़ादी के मतवाले एक युवा का नाम था अल्लुरी सीताराम राजू, जिसने आंध्र की ज़मीन पर पैदा होकर ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लिया. फिल्म में ये किरदार रामचरण निभा रहे हैं जो मेगास्टार चिरंजीवी के बेटे हैं.  फिल्म में गोंड आदिवासी नेता कोमाराव भीम का किरदार एनटीआर जूनियर ने निभाया है जो आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री एनटी रामाराव के पोते हैं. कोमाराव भीम ने हैदराबाद की आज़ादी के लिए निज़ामों की ईंट से ईंट बजा दी.

फिल्म का हाईलाइट ये है कि अल्लुरी सीताराम राजू और कोमाराव भीम पहले दुश्मनी के बाद कैसे एक दूसरे के करीब आते हैं और अपने लक्ष्य पूरा करने के लिए एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं और दोस्ती की मिसाल बन जाते हैं.


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