रोहित टेस्ट कप्तान...तो विराट से हुआ था खेल




रोहित शर्मा को मिली तीनों फॉर्मेट की कप्तानी तो BCCI के पूर्व स्टैंड का क्याकहा गया था- रेड बॉल और व्हाइट बॉल गेम के कप्तान अलग-अलग रहेंगे, फिर विराट के टेस्ट और वनडे फॉर्मेट की साथ कप्तानी करने में क्या दिक्कत थी



नई दिल्ली (19 फरवरी)।

रोहित शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी सौंप दी गई है. इसका मतलब है कि अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कप्तानी की कमान रोहित के हाथ मे रहेगी. वन डे और टी 20 फॉर्मेट में वो पहले से ही कप्तान थे. बीसीसीआई ने रोहित शर्मा को कप्तान घोषित कर पिछले एक महीने से चल रही इस बहस पर फुलस्टॉप लगा दिया कि विराट के बाद भारतीय टीम का कप्तान कौन?

 टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित शर्मा को टेस्ट टीम का कप्तान चुने जाने की जानकारी दी. साथ ही श्रीलंका के खिलाफ होने वाली सीरीज़ के लिए भारतीय टेस्ट टीम का ऐलान भी किया गया. चेतन शर्मा के मुताबिक रोहित शर्मा को श्रीलंका के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए कप्तान बनाया गया है. चेतन ने कहा, ''एक कप्तान के तौर पर हम लोग रोहित को ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहते हैं.'' उन्होंने टेस्ट कप्तान के विकल्प को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, ''रोहित क्लियर चॉइस थे. किसी और के नाम को लेकर चर्चा नहीं हुई.''

भारत के सीनियर खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली है. ये दोनों ही खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका दौरे पर कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए, इससे पहले भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं चल रहा था. फिलहाल ये दोनों ही खिलाड़ी फिलहाल रणजी ट्रॉफी में खेल रहे हैं. श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के लिए 18 सदस्यीय टीम का एलान किया गया. तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को इस सीरीज़ के लिए रोहित शर्मा का डिप्टी बनाया गया है.



रोहित को तीनों फॉर्मेट की कप्तानी मिल गई और पूर्व कप्तान विराट कोहली पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें रोहित की कप्तानी में खेलने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि बीसीसीआई के उस पहले स्टैंड का क्या हुआ जिसमें कहा गया था कि  रेड बॉल और व्हाइट बॉल गेम के दोनों अलग अलग कप्तान होंगे. विराट कोहली को इसी आधार पर वनडे फॉर्मट की कप्तानी से हटाकर पिछले साल दिसंबर में रोहित शर्मा को टी-20 के साथ वनडे फॉर्मेट का भी कप्तान बनाया गया था. अगर रोहित तीनों फॉर्मेट की कप्तानी कर सकते हैं तो उस वक्त विराट भी टेस्ट और वनडे फॉर्मेट की कप्तानी करते रह सकते थे. तो क्या ये विराट कोहली के साथ खेल हुआ जिससे त्रस्त होकर पिछले महीने साउथ अफ्रीका से टेस्ट सीरीज हारने के बाद उन्होंने खुद ही कप्तानी छोड़ने का एलान कर दिया था.

15 जनवरी को शाम 6 बजकर 44 मिनट पर भारतीय टेस्ट कप्तानी के विराट युग का अंत हुआ जब विराट कोहली ने टेस्ट कप्तान के तौर पर हटने का एलान करते हुए ट्वीट किया. इस संदेश में विराट ने सिर्फ टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री और अपने पूर्ववर्ती कप्तान एम एस धोनी का नाम लेकर शुक्रिया कहा. बाकी उन्होंने बीसीसीआई, टीम के सहयोगियों और सपोर्ट स्टाफ का भी धन्यवाद किया.

 

🇮🇳 pic.twitter.com/huBL6zZ7fZ

— Virat Kohli (@imVkohli) January 15, 2022

विराट ने टेस्ट कप्तानी छोड़ते वक्त अपने संदेश में कहा था कि "ये सख्त काम, मेहनत और कठोर दृढ़ता के सात साल थे टीम को सही दिशा में ले जाने के लिए. मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और इसमें सब कुछ झोंका. हर चीज़ को एक वक्त पर आकर रुकना होता है और मेरे लिए अब ये टेस्ट टीम की कप्तानी था. इस सफर में कई चढ़ाव और कुछ उतराव आए, लेकिन कोशिश की कमी या विश्वास की कमी कहीं नहीं रही. मैं जो भी करता हूं उसमें हमेशा अपना 120 फीसदी देने में यक़ीन किया, और अगर मैं ऐसा नहीं कर सकता तो मैं जानता हूं कि ऐसा करना सही बात नहीं है. मेरे दिल में ये बिल्कुल साफ है और मैं अपनी टीम से गैर-ईमानदारी नहीं दिखा सकता. मैं बीसीसीआई को मुझे अपने देश का नेतृत्व करने का मौका इतने लंबे वक्त तक देने के लिए आभार कहना चाहता हूं, और अपने टीम के सहयोगियों को भी, जिन्होंने पहले दिन से टीम को लेकर मेरी सोच को हक़ीक़त में बदला और किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटे. साथियों तुमने इस सफ़र को इतना यादगार और खूबसूरत बनाया. रवि भाई और सपोर्ट ग्रुप को भी शुक्रिया कहना चाहूंगा जिन्होंने हमारी गाड़ी के इंजन का काम किया जो लगातार टेस्ट क्रिकेट में ऊंचाई की ओर चढ़ती रही. आप सबने ज़िंदगी के नज़रिए में अहम रोल खेला. आखिर में बहुत बड़ा धन्यवाद एम एस धोनी को जिन्होंने मुझ पर पर कप्तान के तौर पर भरोसा किया और मुझे एक योग्य व्यक्तित्व के रूप में पाया जो भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा सकता था."

विराट के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के एलान के ट्वीट के 9 मिनट बाद ही 6 बजकर 53 मिनट पर बीसीसीआई ने एक ट्वीट के जरिए उनकी लीडरशिप की तारीफ की. बीसीसीआई टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को सराहनीय नेतृत्व क्षमता के लिए बधाई देता है जिन्होंने टेस्ट टीम को अभूतपूर्व ऊंचाईयों तक पहुंचाया. उन्होंने भारत के लिए टेस्ट मैचों में कप्तानी की और 40 जीत के साथ सबसे कामयाब कप्तान रहे. सिर्फ 9 मिनट में बीसीसीआई का तारीफ संदेश आने से साफ है कि कोहली ने संभवतअपने इस फैसले की पहले ही बोर्ड को दी थी.

BCCI congratulates #TeamIndia captain @imVkohli for his admirable leadership qualities that took the Test team to unprecedented heights. He led India in 68 matches and has been the most successful captain with 40 wins. https://t.co/oRV3sgPQ2G

— BCCI (@BCCI) January 15, 2022

 जिस तरह पिछले साल 8 दिसंबर को विराट को हटाकर रोहित को वनडे फॉर्मेट का कप्तान बनाया गया था उसे लेकर 15 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि वो वन डे और टेस्ट का कप्तान बने रहना चाहते थे. लेकिन उन्हें अचानक बताया गया कि उन्हें वनडे फॉर्मेट की कप्तानी से हटाया जा रहा है. विराट के मुताबिक इस फैसले की औपचारिक घोषणा से महज़ 90 मिनट पहले उन्हें इसकी जानकारी दी गई थी. हालांकि विराट ने ये भी साफ कर दिया था कि रोहित शर्मा से उनकी कोई अनबन नहीं है और वो उनकी कप्तानी में साउथ अफ्रीका में होने वाली वनडे सीरीज़ में खेलने के लिए तैयार हैं. ये बात अलग है कि चोटिल होने की वजह से रोहित शर्मा साउथ अफ्रीका में होने वाली वनडे सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं हो सके और इस सीरीज के लिए कप्तानी की जिम्मेदारी केएल राहुल को सौंप दी गई.

विराट ने ये भी कहा था कि टी20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने का उनका फैसला अपना था लेकिन इस पर दोबारा सोचने के लिए बीसीसीआई की ओर से उन्हें कभी नहीं कहा गया था. लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की ओर से ऐसा बयान सामने आया था कि विराट को टी-20 की कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए कहा गया था जिसे उन्होंने नहीं माना था.

विराट ने इस मसले पर बैकफुट पर रहने की जगह फ्रंटफुट पर रह कर एक तरह से बीसीसीआई और इसके अध्यक्ष सौरव गांगुली के फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जता दी. भारतीय क्रिकेट के करीब 9 दशक के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब किसी खिलाड़ी ने कप्तानी से हटाए जाने पर खुले तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोर्ड के फैसले पर सवालिया निशान लगाया हो.

17 दिसंबर को इस मसले पर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कोलकाता में कहा था कि बोर्ड इस मसले पर कोई बयान नहीं देगा. गांगुली ने कहा था कि कोई बयान नहींकोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहींहम इसे डील करेंगेइसे बीसीसीआई पर छोड़ दीजिए.

इस घटनाक्रम पर कर्नल के नाम से मशहूर रहे बैट्समैन और 83 वर्ल्ड कप विनर टीम का हिस्सा रहे दिलीप वेंगसरकर ने खलीज टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा था कि "गांगुली का चयनकर्ताओं की तरफ से बोलने का कोई मतलब ही नहीं बनता. गांगुली वर्तमान में बीसीसीआइ के अध्यक्ष हैं. अगर कोई भी बात टीम के चयन या कप्तान से जुड़ी हुई तो चयन समिति के चेयरमैन ही वो इंसान हैं जिनको बोलना चाहिए."

जो भी हो 15 दिसंबर को कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बातें कही थीं, उनका पटाक्षेप ठीक एक महीने बाद 15 जनवरी को उनके टेस्ट कप्तानी छोड़ने के एलान के साथ हुआ.

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