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पत्रकार मोहसिन जमील बेग ने घर पर छापे के दौरान पिस्टल तानी, हवा में फायर; हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद गिरफ्तारी, बेग ने कहा- पीएम इमरान के निर्देश पर छापा, बेग ने कम्युनिकेशन मिनिस्टर मुराद सईद की एक टीवी टॉक शो में की थी आलोचना

नई दिल्ली (19 फरवरी)।

पाकिस्तान में मोहसिन जमील बेग का नाम बहुत सुर्खियों में हैं. कभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के दोस्त बताए जाने वाले बेग खुद को पत्रकार बताते हैं. इमरान के एक मंत्री के खिलाफ टिप्पणियां करना इन्हें भारी पड़ गया. फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी यानि एफआईए ने बुधवार 16 फरवरी को इस्लामाबाद में इनके घर पर छापा मारा. मोहिसन को छापा मारने वाली टीम पर पिस्टल तानने और हवा में गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.

ऐसे वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें मोहसिन के हाथ में पिस्टल है और छापा मारने गई टीम के एक सदस्य को खींच कर ले जाया रहा है. 

इस्लामाबाद में घर में छापे के दौरान हाथ में पिस्टल लिए मोहसिन बेग (ट्विटर)

पॉलिटिकल कम्युनिकेशन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट शाहबाज़ गिल ने सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो शेयर किया है. इसमें पिस्टल से दो फायर की आवाज़ भी सुनी जा सकती है. शाहबाज गिल ने बेग के पत्रकार होने पर ही सवाल उठाते कहा कि मुझे बताएं कि वो कौन से अखबार या न्यूज़ चैनल के साथ जुड़े हैं. गिल ने कहा कि वो एडवरटाइजिंग एजेंसी चलाते थे और फिर अपनी न्यूज़ एजेंसी बना ली.


इस बीच बेग ने हिरासत के दौरान उत्पीड़न और नाक तोड़ने का आरोप लगाया है.

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस्लामाबाद के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस से रिपोर्ट तलब की. साथ ही मोहसिन बेग की पुलिस हिरासत में उत्पीड़न से जुड़े आरोपों की जांच करने का आदेश दिया.

वहीं एफआईए की प्रेस रिलीज़ के मुताबिक एजेंसी के साइबर क्राइम सर्किल ने सबंधित कोर्ट से सर्च और ज़ब्ती वारंट हासिल करने के बाद बेग के घर छापा मारा था. प्रेस रिलीज में कहा गया है कि बेग ने बेटे और नौकरों के साथ मिलकर एफआईए टीम पर गोलियां चलाईं और दो अधिकारियों को बंधक बना लिया. बेग को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और मरगल्ला पुलिस स्टेशन ले जाया गया. 

दरअसल इमरान खान के एक मंत्री की शिकायत के बाद एफआईए ने बेग के घर छापा मारा था. पाकिस्तान के कम्युनिकेशन मिनिस्टर मुराद सईद ने बेग के खिलाफ एजेंसी के लाहौर स्थित साइबर क्राइम रिपोर्टिंग सेंटर पर एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें एक टीवी टॉक शो में मानहानि, साइबर स्टाकिंग और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की अवमानना के झूठे आरोप लगाए गए. जिसे बाद में सोशल मीडिया पर शेयर किया गया जिसमे मंत्री मुराद सईद की छवि खराब हुई. गिरफ्तारी के बाद बेग पर एक धारा आतंकवाद विरोधी कानून के तहत भी लगाई गई है.

बता दें कि ये सारा घटनाक्रम मुराद सईद को अच्छी परफार्मेंस दिखाने वाले 10 मंत्रियों में शामिल होने पर सरकार की ओर से सम्मान दिए जाने के बाद शुरू हुआ. इसी को लेकर न्यूज़ वन चैनल पर पैनल डिस्कशन हुआ जिसमें मोहसिन ज़मील बेग भी शामिल थे. इस शो में कहा गया था कि मंत्री मुराद सईद को परफॉर्मेंस नहीं बल्कि किन्हीं और फैक्टर्स की वजह से मिला. 

इस बीच बेग के वकील राहिल नियाज़ी ने एडिशनल सेशंस जज जफ़र इकबाल की कोर्ट में पेटिशन दाखिल की है. इस पेटिशन में कहा गया कि कुछ अज्ञात लोगों ने सिविल ड्रेस में बुधवार सुबह बिना इजाजत प्रवेश किया. इसकी सूचना पुलिस हेल्पलाइन को दी गई. इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची. पेटिशन में कहा गया कि सिविल ड्रेस वाले लोगों से सर्च या अरेस्ट वारंट दिखाने के लिए कहा गया. लेकिन वहां मौजूद एसपी ने बेग को सिविल ड्रेस वालों के हवाले कर दिया. इस पेटिशन को सुनने के बाद कोर्ट ने बेग को अपने सामने पेश करने का आदेश दिया.

पुलिस ने एक घायल शख्स को कोर्ट में पेश कर उसे एफआईए कर्मचारी वसीम सिकंदर बताया था.

गिरफ्तारी के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने बेग को एंटी टेरेरिज्म कोर्ट के जज मुहम्मद अली वराइच के सामने पेश किया. वहां बेग ने सुनवाई के दौरान कहा कि वो उस वक्त सो रहे थे जब कुछ लोगों ने डकैतों की तरह घर में प्रवेश किया. बेग ने आरोप लगाया कि एआईए के लोगों ने पुलिस स्टेशन में उनका उत्पीड़न किया और नाक तोड़ दी. बेग ने दावा किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान के निर्देशों पर उनके साथ ये सब किया गया. बेग ने ये भी कहा कि उनके पास जितने भी हथियार है वो सभी लाइसेंसी हैं. एंटी टेरेरिज्म कोर्ट ने बेग को तीन दिन के पुलिस रिमांड में सौंप दिया. साथ ही बेग का मेडिकल चेकअप कराने के लिए भी कहा.

विरोधी पार्टियों के नेताओं में पीएमएल-एन प्रेसिडेंट शहबाज शरीफ और पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने बेग की गिरफ्तारी की निंदा की है.

बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने साथ ही इसे प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की कमजोरी बताया है कि वो अपनी सरकार की जरा भी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते.

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