इंग्लैंड के हेल्थ मिनिस्टर साजिद जाविद और डॉक्टर के संवाद का वीडियो वायरल, डॉक्टर ने कहा, उसमें एंटीबॉडीज़ मौज़ूद, वो वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहता, इंग्लैंड में हेल्थ केयर स्टाफ को वैक्सीन की डोज़ लगवाना ज़रूरी नहीं तो जॉब जाएगा, टेनिस दिग्गज जोकोविच को लेकर अनिवार्य वैक्सीन पर पहले ही छिड़ी है बहस
नई दिल्ली (8 जनवरी)
कोरोना महामारी की दुनिया में दस्तक के
साथ ही वैक्सीनेशन को लेकर दुनिया भर में बहस चल रही है. अधिकतर लोगों की राय में
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन ज़रूरी है. वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो
वैक्सीनेशन को अनिवार्य बनाए जाने के हक़ में नहीं है. इनका कहना है कि ये अधिकार
हर इनसान को होना चाहिए कि वो वैक्सीन लगवाएं या नहीं.
सर्बिया के दिग्गज टेनिस स्टार नोवाक
जोकोविच को वैक्सीनेशन न करवाने के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलियन ओपन में खेलने न दिए
जाने को लेकर विवाद पहले से ही चल रहा है कि अब इंग्लैंड से स्वास्थ्य मंत्री
साजिद जाविद और एक डॉक्टर के बीच हुई बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो
गया है.
👏What a very patient and reasonable doctor @sajidjavid - he might have been much harsher.
— Steve Baker MP FRSA (@SteveBakerHW) January 8, 2022
I'm glad I voted against vaccination as a condition of employment in health and social care. I am very sorry we lost.
pic.twitter.com/Wwd60zmKDN
दरअसल, इंग्लैंड में सरकार ने नेशनल हेल्थ
सर्विस यानि NHS के ऐसे सारे स्टाफ के लिए 3 फरवरी तक कोविड वैक्सीन की पहली
डोज लेना अनिवार्य कर दिया है, जिनका पेशेन्ट्स के साथ सीधा कॉन्टेक्ट रहता है, जो
डॉक्टर ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें मार्च के अंत तक अपने जॉब से हाथ धोना पड़ेगा.
शुक्रवार को इंग्लैंड के मंत्री साजिद
जाविद दक्षिण लंदन के किंग्स कॉलेज हास्पिटल में विजिट करने गए थे. वहां पर उन्होंने हेल्थवर्कर्स के अनिवार्य
वैक्सीनेशन के फैसले पर डॉक्टर्स और नर्सेज की राय लेनी चाही. उसी दौरान NHS के एक डॉक्टर ने इस फैसले को चुनौती दी . इस डॉक्टर ने
मंत्री से कहा, "मैंने वैक्सीनेशन नहीं कराया है, मैं वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहता."
वहां मौजूद स्काई न्यूज़ के कैमरे ने
डॉक्टर और मंत्री की इस बातचीत को कैद किया, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.
वैक्सीनेशन के समर्थक और वैक्सीनेशन के विरोधी यानि एंटीवैक्सर्स दोनों ही सोशल
मीडिया पर इस वीडियो को धड़ाधड़ शेयर कर रहे हैं.
साजिद जाविद ने हॉस्पिटल में विजिट के
दौरान डॉक्टर्स और नर्सेज से पूछा था कि वो एनएचएस के सारे स्टाफ के लिए
वैक्सीनेशन संबंधी सरकार के प्लान के बारे में क्या राय रखते हैं. कुछ देर की
चुप्पी के बाद एक कंसल्टेंट एनेस्थेटिस्ट स्टीव जेम्स ने बोलना शुरू किया. बता दें
कि पूरी महामारी के दौरान स्टीव जेम्स काम करते रहे हैं. जेम्स ने कहा- "मैं इसको
लेकर खुश नहीं हूं. मुझे भी किसी पाइंट पर कोविड हुआ. मेरे अंदर एंटीबॉडीज हुईं और
मैं कोविड आईटीयूज़ में शुरू से काम कर रहा हूं. मैंने वैक्सीन नहीं ली, मैं
वैक्सीन नहीं लेना चाहता. वैक्सीनेशन डेल्टा के मामले में ट्रांसमिशन को सिर्फ आठ
हफ्तों के लिए घटा रहा है. ओमिक्रॉन के मामले में ये और भी कम है. और इसलिए मुझे
डिसमिस कर दिया जाएगा कि मैंने वैक्सीन नहीं ली. साइंस क्या पर्याप्त मजबूत नहीं
है."
इस पर जाविद को कहते सुना जा सकता है, "ये
आपका नज़रिया है. फिर वो नर्सों की ओर मुड़ कर उनकी राय जानने की कोशिश करते हैं
लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता. जेम्स की ओर मुड़ कर जाविद कहते हैं, मैं सम्मान करता
हूं लेकिन और भी कई अलग नज़रिए हैं. मैं ये समझता हूं और निश्चित तौर पर हेल्थ और
सोशल केयर को लेकर सब पर गौर किया जाएगा और इसके लिए हमेशा बहस की जगह है."
जेम्स ने इस पर जवाब दिया- "बदलती तस्वीर में
ओमिक्रॉन को लेकर दोबारा विचार करने का अवसर हो सकता है, या कम से कम उन डॉक्टरों
को काम करते रहने की अनुमति दी जाए जिन्हें एंटीबॉडी एक्सपोज़र हो चुका है, जिनके
पास एंटीबाडीज है, जिन्होंने वैक्सीनेशन नहीं कराया है. क्योंकि प्रोटेक्शन जो
मेरे पास है वो उसी शख्स के बराबर है जिसका वैक्सीनेशन हो चुका है."
मंत्री जाविद ने इस पर कहा, "हां, जो कुछ
समय बाद खत्म हो जाएगा."
जेम्स ने जवाब दिया- "लेकिन अगर आप प्रोटेक्शन बूस्टर के साथ देना चाहते हैं तो आपको हर महीने हर किसी को इंजेक्ट करना होगा. अगर ट्रांसमिशन के लिए प्रोटेक्शन दो महीने बाद खत्म हो जाता है तो एक महीने के बाद आप में कुछ प्रोटेक्शन बचा होगा. लेकिन प्रोटेक्शन को आप बनाए रखना चाहते हैं तो आपको हर महीने सारे स्टाफ मेम्बर्स को बूस्ट करने की जरूरत होगी, जो आप नहीं करने जा रहे."
जाविद ने इस पर कहा- "हम वैक्सीन एक्सपर्ट्स से हर उस अच्छी
सलाह को लेने की कोशिश करेंगे, जो हम ले सकते हैं."
ट्रेड यूनियन के नेताओं ने शुक्रवार को
सरकार से इस फैसले को टालने के लिए कहा. साथ ही चेताया कि इसे लागू 3 फरवरी से
लागू किया तो हज़ारों हेल्थवर्कर्स के पलायन का खतरा हो जाएगा.
ट्विटर पर वीडियो पब्लिश होने के बाद आधे
घंटे में ही इसे 12 लाख बार देखा जा चुका था.