सिंधुताई मरीं नहीं, सिंधुताई कभी मरती नहीं



महाराष्ट्र की मदर टेरेसा सिंधुताई सपकाल का 73 साल की उम्र में निधन, 1500 अनाथ बच्चों का भविष्य संवारने वाली सिंधुताई जैसी ममता की मिसाल मिलना मुश्किल, नौ महीने का गर्भ सिंधुताई की कोख में था तो पति ने मार-मार कर घर से निकाल दिया था



नई दिल्ली (5 जनवरी)।

सागर सिंधुताई सपकाल नहीं रहीं. महाराष्ट्र की मदर टेरेसा के नाम से बुलाई जाने वाली सिंधु ताई अनाथ बच्चों के लिए ममता की ऐसी मूर्त थी जिसकी कहीं मिसाल मिलना मुश्किल है. ताई का जिस बच्चे के सिर पर हाथ हो गया वो भला अनाथ कैसे रहा. ताई ने अपनी संस्थाओं में अनाथ शब्द के इस्तेमाल पर ही रोक लगा दी थी.

सिंधु ताई के लिए हर वो अपना था जिसका अपना कोई परिवार नहीं था. सिंधुताई के पुणे स्थित सन्मती बाल निकेतन में रहते हुए यही बच्चे बढ़े हो कर कुछ बन गए तो उन्होंने सिंधु ताई के संस्कारों को ही आगे बढ़ाते हुए बेसहारों की मदद करना जारी रखा. करीब 1500 बच्चों के भविष्य को संवारने वाली सिंधु ताई के समर्पण को सम्मान देते हुए उन्हें 750 राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया जिनमें पद्मश्री भी शामिल है.

बच्चों के लिए ममता का खजाना लुटाना था इसलिए सिंधु ताई का जन्म भी बाल दिवस पर ही हुआ.महाराष्ट्र के वर्धा जिले में 14 नवंबर 1948 को जन्मीं सिंधुताई का बचपन कठिनाइयों में गुज़रा. महज़ 12 साल की उम्र में ही उनका 20 साल बड़े पुरुष से विवाह करा दिया गया. सिंधु की कोख में 9 महीने का गर्भ था तो पति ने घर से निकाल दिया. गायों के बीच एक गोशाला में तमाम पीड़ा सहते हुए सिंधु ने बेटी को जन्म दिया.

छोटी उम्र में ही ताई ने इतने उतार चढ़ाव देखे कि वो कहा करती थीं- मेरी प्रेरणा, मेरी भूख और मेरी रोटी है, कुछ अर्सा पहले सिंधुताई कौन बनेगा करोड़पति के विशेष कार्यक्रम में आईं थीं तो उनसे अमिताभ बच्चन ने पूछा था कि वे हमेशा गुलाबी साड़ी ही क्यों पहनती हैं, इस पर सिंधु ताई का जवाब था- ज़िंदगी में इतना काला देखा है तो थोड़ा गुलाबी भी होने दो न. सिंधु ताई से अमिताभ बच्चन ने ये भी पूछा था कि आपके साथ जिन्होंने बुरा बर्ताव किया, उनको आपने कुछ कहा नहीं. इस पर सिंधु ताई का मुस्कान के साथ जवाब था, ज़िंदगी में माफ तो मैंने पति को भी किया जिसने मुझे मार मार कर घर से निकाल दिया, मेरा सत्कार हुआ तो मेरे ससुराल वाले रो रहे थे, उस समय मुझे अच्छा लगा, लेकिन फिर अंदर से आवाज़ आई कि गलती कर रही है सिंधु, ये छोड़ते नहीं तो तू यहां तक नहीं पहुंचती.

सिंधु ताई के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम विशिष्ट लोगों ने शोक व्यक्त किया.



सिंधु ताई बेशक नहीं रहीं लेकिन सिंधु नदी की तरह ही उनकी ममता की धारा युगों युगों तक उनके संस्कारों में बहती रहेगी.

अलविदा सिंधु ताई...

 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.