हॉर्वर्ड लॉ स्कूल से LL.M. जस्टिस आएशा मलिक अभी तक लाहौर हाईकोर्ट में जज, पाकिस्तान के ज्यूडिशियल कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति को मंज़ूरी दी, सरकारी विभागों-मेडिकल कॉलेजों के लिए महिला कोटा फिक्स करने का फैसला सुनाया, टू-फिंगर टेस्ट हटाया
नई दिल्ली (7 जनवरी)।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को पहली बार कोई महिला जज मिलने जा रही है. पाकिस्तान के ज्यूडिशियल कमीशन ने गुरुवार 6 जनवरी को जस्टिस आएशा मलिक की सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी. अभी तक जस्टिस मलिक लाहौर हाईकोर्ट में जज हैं.
हावर्ड
लॉ स्कूल से एलएलएम जस्टिस आएशा मलिक 2012 में लाहौर हाईकोर्ट में जज अपाइंट हुईं
थीं, इससे पहले वो एक लीडिंग कॉर्पोरेट एंड कॉमर्शियल लॉ फर्म में पार्टनर थीं. 55
साल की जस्टिस
मलिक को अनुशासन और निष्ठा के लिए जाना जाता है. उन्होंने लाहौर हाईकोर्ट में कई
संवैधानिक मुद्दों पर अहम फैसले सुनाए हैं. इनमें चुनावों के दौरान उम्मीदवारों के
लिए संपत्ति की जानकारी देना, गन्ना किसानों को भुगतान और पाकिस्तान में इंटरनेशनल
आर्बिट्रेशन को लागू कराना शामिल हैं.
जस्टिस
मलिक जनवरी 2019 में कमेटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ वीमेन जजेस इन लाहौर का प्रेज़ीडेंट
बनाया गया था. ये कमेटी लाहौर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मकसद से बनाई थी कि
डिस्ट्रिक्ट्स कोर्ट में महिला जजों के खिलाफ हंगामा करने वाले वकीलों के खिलाफ
कार्रवाई की जा सके.
जस्टिस
मलिक इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वीमेन जजेस यानि आईएडब्ल्यूजे का भी हिस्सा हैं. जिसका
गठन हर लड़की और महिला को बराबरी और न्याय के आधार पर सशक्त बनाने की पहल के तहत
किया गया. IAWJ की
वेबसाइट के मुताबिक जस्टिस मलिक ने ऐसे कई मुद्दों पर फैसले सुनाएं जिन्होंने
महिला सशक्तिकरण में मदद की. जैसे कि सरकारी विभागों और मेडिकल कॉलेजों में
महिलाओं के लिए कोटा फिक्स करना. उन्होंने टू फिंगर टेस्ट असवैंधानिक करार देने का
फैसला भी सुनाया, साथ ही कहा कि रेप केसों में वर्जिनिटी टेस्टिंग की प्रैक्टिस
अवैध है.
लाहौर
हाईकोर्ट में जस्टिस मलिक ग्रीन जज के तौर पर पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर भी
सुनवाई करती रही हैं. जस्टिस मलिक गरीबी उन्मूलन, माइक्रो फाइनेंस प्रोग्राम्स और
स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के लिए काउंसलर के तौर पर भी
काम कर चुकी हैं. इसके अलावा उन्होने कई साल तक वॉलन्टेरिली लाहौर के हर्मन मीनर
स्कूल में अंग्रेजी और कम्युनिकेशन स्किल्स सिखाने के लिए पढ़ाया भी है.