नई दिल्ली (7 जनवरी)।
पाकिस्तानी
एक्टर-सिंगर अली ज़फर का नाम भारत में जाना पहचाना है. 2010 में डॉर्क कॉमेडी
फिल्म तेरे बिन लादेन में अली हसन के किरदार में दर्शकों को खूब गुदगुदाया था. बॉलिवुड
की किसी फिल्म में जफ़र आखिरी बार 2016 में डियर ज़िंदगी में नज़र आए थे. 41 साल
के जफ़र पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगने की वजह से उनका नाम पाकिस्तान में सुर्खियों
में हैं. आरोप लगाने वालीं 40 साल की मीशा शफ़ी भी जानी-मानी सिंगर-एक्ट्रेस-मॉडल
हैं. कोक स्टूडियो के लिए आरिफ लोहार के साथ जुगनी गाने में मीशा शफी के परफॉरमेंस
को खूब पसंद किया गया था.
19
अप्रैल 2018 को ट्वीट के जरिए मीशा ने जफ़र पर एक से ज्यादा बार सेक्सुअल
हैरेसमेंट करने के आरोप लगाए थे. इन आरोपों को ज़फ़र ने झूठा और बेबुनियाद बताते
हुए मीशा पर 23 जून 2018 को एक अरब रुपए की मानहानि का मुकदमा कर रखा है. इसी के
तहत लाहौर की एक कोर्ट में इस हफ्ते मीशा का क्रॉस एग्जामिनेशन चल रहा है. इस
मामले में आठ जनवरी को अब अगली सुनवाई है. 3 और 4 जनवरी को मीशा ने जफ़र के वकील
के सवालों के जवाब दिए. मीशा 2016 में कैनेडा की परमानेंट रेजीडेंट बन गई थीं और
टोरोंटो में रहती हैं.
आइए
पहले जान लेते हैं, ये पूरा मामला शुरू कैसे हुआ. 19 अप्रैल 2018 को अपने ट्वीट
में मीशा ने लिखा था- "मेरे एक से ज्यादा बार फिजिकल
नेचर का सेक्सुअल हैरेसमेंट मेरे इंडस्ट्री के साथी अली जफर की ओर से हुआ. ये
घटनाएं तब नहीं हुई थीं जब मैं इंडस्ट्री में कोई नई नई आने वाली युवा थी. ये तब
हुआ जब मैं एक अपनी खुद की पहचान बना लेने वाली महिला थीं और जो अपने दिमाग से
बोलने के लिए जानी जाती थी. ये मेरे जैसी दो बच्चों की मां के साथ हुआ. ये मेरे और
मेरे परिवार के लिए बेहद कष्ट देने वाला अनुभव था. अली जफ़र जिसे मैं कई साल से
जानती थी और साथ स्टेज शेयर किया था. अली ज़फर के बर्ताव और रवैये से खुद को छला
हुआ महसूस किया. मैं
जानती हूं कि मैं अकेली नहीं थी. आज मैं चुप रहने की कल्चर को तोड़ रही हूं और
उम्मीद करती हूं कि ऐसा करने से अपने मुल्क की युवा महिलाओं के लिए भी ऐसा करने के
लिए मिसाल कायम कर रहीं हूं. हमारे पास हमारी आवाजें हैं और वक्त आ गया है उसका
इस्तेमाल करने का."
Sharing this because I believe that by speaking out about my own experience of sexual harassment, I will break the culture of silence that permeates through our society. It is not easy to speak out.. but it is harder to stay silent. My conscience will not allow it anymore #MeToo pic.twitter.com/iwex7e1NLZ
— MEESHA SHAFI (@itsmeeshashafi) April 19, 2018
दूसरी
तरफ अली जफ़र लगातार मीशा के आरोपों को झूठा और अपनी छवि को बेहद नुकसान पहुंचाने
वाला बताते रहे हैं. जफ़र का ये भी कहना है इन झूठे आरोपों से उन्हें और उनके
परिवार को मानसिक उत्पीड़न से गुजरना पड़ा है.
जफर के
वकील की ओर से क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान मीशा शफी ने कहा कि जो उनके साथ हुआ वो
उन्होंने देखा नहीं था बल्कि साफ महसूस किया था. मीशा के मुताबिक ऐसा जैमिंग रूम
में होने की वजह से हुआ. मीशा ने ये भी कहा कि उस वक्त जैमिंग रूम में 10-15 लोग
मौजूद थे. मीशा से सवाल किया गया कि क्या घटना का कोई चश्मदीद मौजूद था तो मीशा ने
कहा, हां, यहां तक कि मैं भी घटना की चश्मदीद नहीं, क्योंकि मैंने महसूस किया था,
देखा नहीं था. एक वाट्सग्रुप में मीशा ने मैसेज में लिखा था- हैड ए ग्रेट टाइम
जैमिंग. जब इस मैसेज की ओर जफर के वकील ने ध्यान दिलाया तो मीशा ने कहा कि वो
शिष्टाचार के नाते लिखा था जो कि उनकी आदत में शुमार है.
मीशा से
ये भी पूछा गया कि क्या जब जफर ने अनकमफर्टेबल महसूस कराया तो उन्होंने आपत्ति
जताई थी. इस पर मीशा ने कहा कि उन्होंने जफर से नाराजगी नहीं जताई थी क्योंकि वो
बहुत थोड़ी देर के लिए था.
मीशा के
मुताबिक जफर की ओर से पहले भी उनके साथ ऐसा किया जा चुका था इसलिए जफ़र को बेनिफिट
ऑफ डाउट देना मुश्किल था. मीशा का आरोप है कि ऐसी ही एक बार उनके साथ मार्च 2016 में
जफर की पत्नी के जन्मदिन की पार्टी पर हुआ. हालांकि मीशा ने ये भी कहा कि उन्हें
याद नहीं कि तब केक काटा गया था या कोई गिफ्ट दिया गया था. मीशा ने सबसे पहले इस
तरह के आरोप ट्वीट्स के जरिए 19 अप्रैल 2018 को लगाए गए थे. इन ट्वीट्स से पहले
मीशा ने कानूनी सलाह लेना भी कबूल किया.
मीशा
शफी के मुताबिक उन्होंने आपसी सुलह से इस मामले को खत्म करने की कोशिश की, जब ये
नहीं सुलझा तो उन्होंने इन कथित घटनाओं पर बोलने का फैसला किया. मीशा से जब पूछा
गया कि वो किस तरह से सुलहनामा चाहती थीं तो मीशा ने कहा कि जफ़र अपनी ओर से किए
गए बर्ताव की बात कबूल करें और माफी मांगे. मीशा ने कहा कि ऐसा हुआ होता तो वो सेफ
महसूस करते हुए अपने काम के लिए कमिट कर सकती थीं.
अली
जफ़र को भारतीय दर्शकों ने तेरे बिन लादेन और डियर जिंदगी के अलावा लव का द एंड,
मेरे ब्रदर की दुल्हन, लंडन-पेरिस-न्यूयॉर्क, चश्मे बद्दूर, टोटल सियापा जैसी
फिल्मों में भी देखा.
जहां तक मीशा शफी का सवाल है तो वो भाग मिलखा भाग में काम करने के अलावा मीरा नायर के इंटरनेशनल प्रोजेक्ट द रिलक्टंट फंडामेंडलिस्ट में नज़र आ चुकी हैं. मीशा ने पाकिस्तान में सुपरहिट फिल्म रही वॉर में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की एजेंट लक्ष्मी का किरदार निभाया था.