Watch- Yorkshire Suspended: अज़ीम रफ़ीक और क्रिकेट नस्लवाद

Azeem Rafiq (Social Media)

जेंटलमैन गेम क्रिकेट पर नस्लवाद के नासूर का साया, पाकिस्तान मूल के क्रिकेटर रफ़ीक से नस्ली उत्पीड़न और बुलिंग, यॉर्कशायर पर एक्शन, हेडिंग्ले में इंटरनेशनल मैचों का आयोजन सस्पेंड



नई दिल्ली (5 नवंबर)।

पाकिस्तान मूल के  क्रिकेटर अज़ीम रफ़ीक की ओर से लगाए गए नस्लवाद के आरोपों को सही तरीके से हैंडल नहीं करने पर इंग्लैंड के यॉर्कशॉयर काउंटी क्रिकेट क्लब के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड या ईसीबी ने यॉर्कशायर को इंटरनेशनल या अहम मैचों के आयोजन से रोक दिया गया है. ईसीबी  ने 4 नवंबर को यार्कशायर को मैचों के आयोजन से सस्पेंड करने का एलान किया. यॉर्कशायर का लीड्स शहर में हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड है, जहां टेस्ट मैचों और इंटरनेशनल लिमिटेड ओवर्स मैचों का आयोजन होता आया है. इसी मैदान पर इस साल भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज़ का तीसरा टेस्ट हुआ था जिसे इंग्लैंड ने एक पारी और 76 रन से जीता था. 2022 में भी इसी मैदान पर जून में न्यूज़ीलैंड के इंग्लैंड टूर के दौरान टेस्ट मैच होना तय है. इसी तरह जुलाई 2022 में इंग्लैंड को साउथ अफ्रीका से इसी स्टेडियम में वन डे मैच खेलना निर्धारित है.

अब आपको बताते हैं कि अज़ीम रफीक के साथ क्या हुआ?  30 साल के रफ़ीक यॉर्कशायर क्लब के लिए 2008 से 2018 के बीच दो स्पैल्स में खेले. रफ़ीक ने इसी पीरियड में उनके साथ हुए नस्ली बर्ताव से जुड़े 43 आरोप लगाए, रफीक ने ये भी कहा कि क्लब में उनके साथ हुए बर्ताव के बाद उनमें खुदकुशी जैसे नकारात्मक विचार भी आने लगे थे. यॉर्कशायर की संशोधित रिपोर्ट में रफीक के सात दावों को सही माना गया लेकिन साथ ही ये भी कहा गया कि क्लब संस्था के तौर पर नस्लवादी नहीं है.

कराची में जन्मे रफ़ीक दस साल की उम्र में 2001 में परिवार के साथ आकर इंग्लैंड में बसे. ऑफ स्पिनर और राइट हैंड बैट्समैन रफ़ीक ने यॉर्कशायर काउंटी के लिए 2008 में यॉर्कशायर के लिए खेलना शुरू किया. 2012 में रफ़ीक को फ्रैंड्स लाइफ टी20 में यॉर्कशायर का कप्तान चुना गया. यॉर्कशायर काउंटी के करीब डेढ़ सौ साल के इतिहास में रफ़ीक एशियाई मूल के पहले शख्स थे जिन्हें ये गौरव मिला. रफीक इंग्लैंड अंडर 19 टीम के कप्तान भी रह चुके हैं.

Azeem Rafiq Twitter Handle


ईसीबी ने एक बयान में कहा कि ये साफ है कि यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब ने अज़ीम रफीक के उठाए मुद्दों को जिस तरह हैंडल किया वो पूरी तरह अस्वीकार्य हैं और खेल की साख को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं. ईसीबी ने इस मामले को घिनौना और क्रिकेट की भावना और मूल्यों के खिलाफ पाया.

यॉर्कशायर के बैटसमैन गैरी बैलेंस ने हाल ही में एक बयान में माना कि उन्होंने अपने पूर्व टीममेट रफ़ीक के खिलाफ़ नस्लवादी शब्दों का इस्तेमाल किया था. गैरी बैलेंस को भी इंग्लैंड की टीम में चुने जाने से अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. 

Gary Ballance File photo

बैलेंस का कबूलनामा तब सामने आया जब पब्लिशिंग कंपनी एमरल्ड ने यॉर्कशायर और उनके लीड्स शहर में स्थित हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड से अपनी एसोसिएशन को तोड़ लिया. एमरल्ड ने ये कदम तब उठाया जब ये स्वतंत्र रिपोर्ट सामने आई कि रफीक को क्लब में नस्ली उत्पीड़न और बुलिंग का शिकार होना पड़ा था. इसके बाद अन्य स्पॉन्सर्स ने भी ऐसा ही किया.

इस मामले में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड पर दबाव बढ़ाने के लिए दखल दिया था. जॉनसन के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री का साफ मानना है कि नस्लवादी भाषा का किसी भी संदर्भ में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और ये गंभीर आरोप है. उनकी गहराई से और तेज़ी से जांच होनी चाहिए. ईसीबी से अपील की जाती है वो इसे सतर्कता से देखे. 

रफ़ीक के साथ यॉर्कशायर चेयरपर्सन, काउंटी के चीफ एग्जेक्यूटिव और डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट को ब्रिटिश संसद की एक कमेटी के सामने गवाही के लिए 16 नवंबर को बुलाया गया है.

इस बीच रफीक ने अपनी पूर्व इंग्लिश काउंटी और पूरे खेल को लेकर बड़े बदलावों की मांग की है. रफ़ीक का कहना है कि उन्हें अब भी इस गहरे नस्लवाद विवाद को लेकर बहुत कुछ भुगतना पड़ रहा है. 

रफीक के आरोपों पर सितंबर में एक रिपोर्ट में यॉर्कशायर क्लब बिना शर्त माफी मांगने की पेशकश कर चुका है. लेकिन पिछले हफ्ते काउंटी ने ये भी कहा कि वो अपने किसी भी स्टाफ के खिलाफ डिसिपलिनरी एक्शन नहीं लेगा. इससे यॉर्कशायर के खिलाफ आलोचनाओं का तूफान खड़ा हो गया. इसी के बाद स्पॉन्सर्स ने यॉर्कशायर से पार्टनरशिप तोड़ने का एलान किया. 

रफीक ने कहा कि ये सारा विवाद संस्थागत नस्लवाद और खेल को लेकर यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के अनेक लीडर्स की नापाक नाकामियों से जुड़ा है. जिस खेल को मैं प्यार करता हूं और मेरे क्लब को सुधारों और कल्चरल चेंज की जरूरत है.

रफीक ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखी पोस्ट में कहा कि सिस्टम और माहौल में बदलाव बुनियादी तौर पर शिक्षित करेगा और एक नई पीढ़ी को लाएगा जो इस गेम को वैसा ही खूबसूरत बनाएंगे जैसा कि इसे होना चाहिए.

                     
बहरहाल, इस पूरे घटनाक्रम ने जेंटलमैन गेम माने जाने वाले क्रिकेट के एक काले पक्ष को दुनिया को सामने ला दिया है.

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