बुढ़ापा हुआ पुराना, अब खुद की क्लासिक या डरावनी पेंटिंग देखें...खुशदीप



खुद को उम्रदराज़ होने पर देखने की चाहत...

अपना फोटो को क्लासिक पोर्ट्रेट में बदलने की ख्वाहिश...

खुद का डरावना चेहरा देखने की सनक...

फोटो आभार- एआईपोर्ट्रेट्स डॉट कॉम

जी हां, ये सब मुमकिन है. सोशल मीडिया पर अपने जानने वालों की बुढ़ापे की तस्वीरें देख देख कर अब तक आप फेसऐप के बारे में तो काफ़ी कुछ जान गए होंगे. ये ऐप इतनी तेज़ी से वायरल हुआ कि तमाम सेलेब्रिटीज़ को भी अपने घेरे में ले लिया.

फेसऐप पर बाद में आते हैं. पहले ये जान लें कि कैसे अपनी फोटो को क्लासिक पोर्ट्रेट और डरावने अंदाज़ में बदला जा सकता है. इस काम के लिए आपको इस वेबसाइट की मदद लेनी होगी. ये वेबसाइट किसी भी फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से पुरानी क्लासिक पेंटिंग का लुक दे सकती है. ये साइट यही नहीं आपके लुक को ख़ौफ़नाक भी बना सकती है. ये साइट हज़ारों क्लासिकल पोर्ट्रेट्स के ट्रेंड ऐल्गोरिथ्म्स पर काम करती है.

फोटो आभार- एआईपोर्ट्रेट्स डॉट कॉम


वेबसाइट के डेवेलपर्स का दावा है कि इस साइट से किसी भी यूज़र की निजता को कोई ख़तरा नहीं है. इनके मुताबिक जो भी तस्वीर सर्वर पर आती है उसे प्रोसेस करने के बाद तत्काल डिलीट कर दिया जाता है.

ब बात करते हैं बुढ़ापा दिखाने वाले ऐप की

लोग खुद के साथ-साथ अपने जानने वालों की तस्वीरों को भी इस ऐप का इस्तेमाल कर देख रहे हैं कि वो उम्रदराज़ होने पर कैसे दिखेंगे. यहां तक कि क्रिकेटर्स, फिल्म स्टार्स और तमाम सेलेब्रिटीज़ की तस्वीरों के साथ भी इस एप्प को आज़माया जा रहा है.
अगर आपके मन में भी खुद के चेहरे को बड़ी उम्र में ‘फेसऐप’ के ज़रिए देखने की इच्छा जागी है तो सावधान. ऐसा करने से पहले आप अपनी ‘प्राइवेसी’ को संभावित ख़तरे के बारे में जान लें.  

फेसऐप कैसे करता है काम?

फेसऐप’ एक ऐसा ऐप है जिसके जरिए यूजर्स किसी भी तस्वीर पर ‘एज फिल्टर’ का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही देख सकते हैं कि कोई शख्स (पुरुष या महिला) उम्रदराज़ होने पर कैसा दिखेगाफेसबुक समेत सोशल मीडिया के तमाम  प्लेटफार्म्स पर लोग ऐसी तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं.

फेसऐप को रूसी डेवेलपर कंपनी वायरलेस लैब ने बनाया है. इस ऐप के इस्तेमाल से निजता को जो खतरा जताया जा रहा है उसके पीछे इसके नियम और शर्तों का हवाला दिया जा रहा है.

क्या हैं फेसऐप के नियम और शर्तें

इन नियम और शर्तों के मुताबिक 'आप फेसएप्प को अपने कंटेंट का ना बदलने वाला,नॉनएक्सक्लूसिवरॉयल्टी फ्रीविश्वव्यापीपूरा भुगतान हुआट्रांसफर किए जा सकने वाला सब लाइसेंस देते हैं जिसका इस्तेमाल कंटेंट को दोबारा प्रोड्यूस करने, मोडिफाई, अडैप्ट, प्रकाशित, अनुवाद करने के लिए किया जा सकता है.  

ऐसी आशंका जताई जा रही है आप इस ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो इसके जरिए सीधे तौर पर आपके फोन में मौजूद कंटेट, आईपी पता, ब्राउजर किस्म, तस्वीरों और नाम तक रिकॉर्ड हो जाता है. फेसऐप की नीति के मुताबिक कंपनी इस ऐप से जुड़ी सभी चीजों का इस्तेमाल अपने व्यावसायिक हितों के लिए कर सकती है.

क्या तस्वीरों का हो सकता है दुरुपयोग?

ऐसे ऐप के इस्तेमाल से इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि भविष्य में आपकी तस्वीरों का इस्तेमाल कॉमर्शियल या सार्वजनिक तौर भी हो सकता है. यानि इन्हें आपकी पसंद के मुताबिक टेलिमार्केटिंग विज्ञापनों और मार्केटिंग के दूसरे फॉर्मेट्स में भी यूज़ किया जा सकता है.

ऐसी भी चिंताएं हैं कि फेसऐप सिर्फ आपकी उन्हीं फोटो को ही अपलोड नहीं करता जिन पर आप इसके सर्वर में एज फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं, बल्कि वो आपके फोन की बाकी सभी तस्वीरों को भी अपलोड कर लेता है. लेकिन अभी तक ये आशंका मात्र ही है क्योंकि सुरक्षा शोधकर्ताओं को अभी तक इस बात की पुष्टि करता कोई सबूत नहीं मिला है. ये सच है कि जिस फोटो पर आप एज फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं वो फेसऐप सर्वर्स पर अपलोड हो जाती है.

फेसऐप ने दी स़फाई
फेसऐप ने स्पष्टीकरण दिया है कि इसके इस्तेमाल से यूजर्स की निजता को खतरा नहीं है. एक बयान में फेसऐप ने कहा, “फेसऐप अधिकतर फोटो प्रोसेसिंग क्लाउड में करता है. हम सिर्फ वही फोटो अपलोड करते हैं जिसे यूज़र एडिटिंग के लिए चुनता है. हम कभी फोन से किसी दूसरी तस्वीर को क्लाउड को ट्रांसफर नहीं करते. साथ ही अधिकतर तस्वीरें अपलोड की तारीख से 48 घंटे में हमारे सर्वर से डिलीट कर दी जाती हैं. हम यूजर्स के ऐसे आग्रह भी स्वीकार करते हैं कि उनके सारे डेटा को हमारे सर्वर से हटा दिया जाए. फेसऐप का कहना है कि हमारी शोध-विकास (R&D) टीम रूस में है लेकिन ये यूजर्स डेटा को रूस में स्टोर नहीं करते.

अमेरिकी सांसद ने कहा- फेसऐप की FBI जांच करे

अमेरिका में भी फेसऐप को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं. अमेरिकी सांसद चक शुमेर ने कहा है कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (FBI) को जांच करनी चाहिए कि क्या अमेरिकी यूजर्स का डेटा रूस में स्टोर किया गया है.
एप्स और वेबसाइटों के प्राइवेसी जोखिम और उल्लंघनों पर नज़र रखने वाले संगठन प्राइवेसी इंटरनेशनल ने कहा है कि यूजर्स के फोटो का इस्तेमाल करने वाले फेसऐप जैसे ऐप यूजर्स के डेटा का दुरुपयोग कर सकते हैं. लोगों की तस्वीरों पर फिल्टर अप्लाई करने से फेसऐप उनके चेहरों का विस्तृत बायोमीट्रिक नक्शा तैयार कर लेता है जो कि उतना ही विशिष्ट होता है जितना कि किसी शख्स का फिंगरप्रिंट या डीएनए होता है.

एक और प्राइवेसी खतरा ये है कि यूजर्स की फोटो का इस तरह के ऐप अपने स्मार्ट एलगोरिथ्म्स को ये सिखाने में भी कर सकते हैं कि लोगों के चेहरे उम्र बढ़ने पर कैसे बदलेंगे. फिर ऐसे सोल्यूशन्स विकसित कर सकता है जो निगरानी और मॉनिटरिंग के लिए चेहरे की पहचान का इस्तेमाल करते हैं.

ऐसे ही खतरे तब भी जताए गए थे जब इस साल जनवरी में फेसबुक पर #10YearChallenge हैशटेग वायरल हुआ था. इसमें लोग 10 साल पहले की अपनी फोटो को अपलोड कर दिखा रहे थे कि उनमें कैसा बदलाव आया.

पहले भी फेसऐप के फिल्टर पर हुआ विवाद

ये पहला मौका नहीं है कि फेसऐप का गलत वजह से नाम सामने आ रहा है. दो साल पहले कंपनी ने एक जातीयता फिल्टर बनाया था जिसके जरिए लोग अपनी तस्वीर को किसी दूसरे देश या नस्ल के शख्स के रूप में बदल कर देख सकते थे. विवाद के बाद फेसऐप ने माफ़ी मांगी थी और इस फिल्टर को हटा लिया था.    

#हिन्दी_ब्लॉगिंग    


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3 टिप्पणियाँ
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  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (25-07-2019) को "उम्मीद मत करना" (चर्चा अंक- 3407) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. इस चीनी मनोरंजन के दुरूपयोग की संभावना ही ज्यादा है

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  3. रचना सम्मिलित करने का हार्दिक आभार !

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