सोशल मीडिया पर
टिकटॉक ऐप के जरिए आपके किसी दोस्त की ओर से शेयर किए गए वीडियो से आपके चेहरे पर
कभी मुस्कान आई होगी. हो सकता है कि आपने भी उसे अपने फ्रेंड सर्किल में शेयर किया
हो. लेकिन ठहरिए, इस ऐप का हंसने-हंसाने के लिए ही इस्तेमाल नहीं हो
रहा. चीन से संचालित इन ऐप के जरिए ‘भारत विरोधी
कंटेंट’ और अश्लील वीडियो क्लिप्स शेयर किए जाने के खतरे
को लेकर भारत सरकार ने गंभीर रुख अपनाया है.
भारत में टिकटॉक
ऐप पर बैन की तलवार लटक रही है. भारत सरकार ने टिकटॉक के साथ ही हेलो ऐप को नोटिस
जारी कर 22 जुलाई तक 24 सवालों पर जवाब तलब किए हैं. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर
संतोषजनक जवाब नहीं मिले तो इन दोनों ऐप को बैन किया जा सकता है. सरकार की ओर से
तय मियाद ख़त्म होने से पहले टिकटॉक ने रव बड़ा एलान किया है. टिकटॉक का कहना है
कि ये भारतीय यूजर्स का डेटा अब भारत में ही स्टोर करेगी और यहां सेंटर खोला जाएगा.
कंपनी अभी तक सिंगापुर और अमेरिका में ऐसा डेटा स्टोर कर रही थी. टिकटॉक और
हेलो ऐप को चीन की कंपनी बाइटडॉन्स (ByteDance) संचालित करती
है. टिकटॉक शॉर्ट ड़्यूरेशन वीडियो ऐप है जिसमें लोग ह्यूमर या अपनी अन्य टेलेंट
दिखाने के लिए वीडियो बनाते हैं.
सरकार ने 24
सवालों पर मांगा था जवाब
बता दें इलेक्ट्रोनिक्स
और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साइबर ल़ॉ और ई-सिक्योरिटी विंग (MeitY) ने टिकटॉक और हेलो ऐप प्लेटफॉर्म्स के
ऑपरेटर्स को बुधवार को सख्त नोटिस भेज कर 22 जुलाई तक जवाब मांगा है.
मंत्रालय ने ‘टिकटॉक’ और ‘हेलो’ को भेजे नोटिस के साथ 24 सवालों की फेहरिस्त
भेजी है. दोनों ऐप के ऑपरेटर्स से उन आशंकाओं पर विस्तार से जवाब देने के लिए कहा
है जिनके मुताबिक इन ऐप के जरिए ‘भारत विरोधी
कंटेट’ और अन्य गैर कानूनी गतिविधियों
को बढ़ावा दिया जा रहा है.
सूत्रों के
मुताबिक दोनो ऐप से पूछा गया है कि
-आपत्तिजनक कंटेंट पर कैसे नज़र रखी जाती है? और
अगर ऐसा कोई कंटेंट मिलता है तो उसे कैसे हटाया जाता है.
- अंडरऐज यूजर्स को लेकर क्या प्रावधान हैं?
- कैसे यूजर्स का डेटा इकट्ठा किया जाता है और उसे कहां शेयर किया
जाता है?
- क्या भारतीय यूजर्स के डेटा को चीन में
भी स्टोर किया जा रहा है?
- कैसे आश्वस्त करेंगे कि भारतीय
यूज़र्स का डेटा किसी विदेशी सरकार, किसी तीसरे पक्ष या
निजी संस्था को भविष्य में नहीं बेचा जाएगा?
स्वदेशी जागरण मंच ने लिखी थी पीएम को चिट्ठी
मंत्रालय ने ये सख्त कदम कुछ एजेंसियों की तरफ से लिखित शिकायत के
बाद उठाया है. राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े
संगठन स्वदेशी जागरण मंच (SJM) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन
ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर ‘टिकटॉक’ और ‘हेलो’ समेत
सभी चीनी एप्प पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
महाजन ने चिट्ठी में लिखा है, “ हाल के हफ्तों में टिकटॉक
राष्ट्रविरोधी कंटेंट के लिए हब बन चुका है जिसे एप्प पर धड़ल्ले से शेयर किया जा
रहा है जो हमारे समाज के तानेबाने को बिगाड सकता है. ये भी गौर करने लायक है कि
हेलो ने अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 11,000 मॉर्फ्ड राजनीतिक
विज्ञापनों के लिए 7 करोड़ रुपए खर्च किए.”
महाजन ने शिकायत की कि इनमें से कुछ विज्ञापनों में वरिष्ठ भारतीय
राजनेताओं की मॉर्फ्ड तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया. दिलचस्प है कि कुछ बीजेपी
नेताओं ने भी हालिया लोकसभा चुनाव के दौरान ऐप के कंटेंट को लेकर चुनाव आयोग से
शिकायत की थी.
महाजन की चिट्टी टिकटॉक पर उस वीडियो के शेयर किए जाने के बाद आई, जिसमें तीन यूजर्स लिंचिंग की घटनाओं की वजह से मुस्लिम युवकों के आतंकवाद
की ओर मुड़ने जैसी बात कर रहे थे. हालांकि टिकटॉक ने इन तीनों यूजर्स को सस्पेंड
कर दिया और वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटा लिया.
टिकटॉक के दुनिया में 80 करोड़ यूजर्स
टिकटॉक के दुनिया भर में 80 करोड़ यूजर्स हैं. भारत में भी इनकी
अच्छी खासी तादाद है. इस ऐप में लोगों को कुछ ही सेकेंड लंबे वीडियो शेयर करने की
अनुमति दी जाती है. ये ऐप हाल ही में तेजी से लोकप्रिय हुआ है. लेकिन साथ ही इसकी
पेरेंट कंपनी बाइटडांस के लिए यूसेज गाईड को फाइन ट्यून करना और ऐप के गलत
इस्तेमाल को रोकना भी चुनौती बन गया है. यूजर्स टिकटॉक का इस्तेमाल तमाम तरह के
वीडियो अपलोड करने और शेयरिंग में कर रहे हैं. इनमें चुटकुलों से लेकर गंभीर
राजनीतिक और सामाजिक कमेंट्री जैसा कंटेंट भी होता है.
सरकार से पूरा सहयोग करेंगे : टिकटॉक
टिकटॉक ने एक बयान में कहा है, ‘हम अपनी
जिम्मेदारियों को समझते हैं और टिकटॉक समुदाय तक इन्हें गंभीरता से ले जाते हैं.
हम अपने दायित्वों की पूर्ति के लिए सरकार से पूरा सहयोग करेंगे.”
टिकटॉक ने ये भी कहा है वो भारत के लिए प्रतिबद्ध है और वो यहां एक
अरब डॉलर का निवेश कर रही है.
कोर्ट के आदेश पर टिकटॉक पर पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
ये पहली बार नहीं है कि टिकटॉक को लेकर भारत में सवाल उठे हैं. इसी
वर्ष अप्रैल में मद्रास हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर एंड्रॉयड और आईफोन ऐप स्टोर से
हटा दिया गया था. इसे तभी बहाल किया गया जब टिकटॉक ने विस्तार से बताया कि वो ऐप
पर आपत्तिजनक कंटेंट से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के
लिए क्या क्या कर रहा है.
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
हमे तो लगता है सभी एप्प खतरनाक हो सकते हैं क्योंकि सभी आपका सारा डेटा मांगते हैं। सावधान रहना चाहिए।
जवाब देंहटाएंसावधान रहकर भी क्या कर लेंगे? फेसबुक जो डेटा मांगता है, सब उसका हो जाता है... ऑप्शंस क्या हैं उससे बचने के, सिवाए फेसबुक पर अकाउंट ही नहीं खोलने के?
हटाएंअच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (24-07-2019) को "नदारत है बारिश" (चर्चा अंक- 3406) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जरुरी जानकारी !
जवाब देंहटाएंसटीक और सचेत करती विवेचना
जवाब देंहटाएंआजकल बच्चों में भी बहुत प्रचलन है . बन्द होना चाहिते क्योंकि अन्य नुकसान हों या न हों पर समय तो खराब होता है
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