अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और बीते ज़माने की ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी आपस में रिश्तेदार हैं...चौंक गए ना आप ये सुनकर...पहले कहीं नहीं पढ़ा ना...चलिए आज इस राज़ को ही जान लीजिए...
अभिनेत्री शर्मिला टैगौर के गुरुदेव रबीन्द्र नाथ टैगोर के वंश से होने का सब को पता है...शर्मिला टैगोर की नानी लतिका गुरुदेव के भाई दिजेंद्रनाथ की पोती थी...
लेकिन बीते ज़माने की ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी का ताल्लुक भी रबीन्द्र नाथ टैगोर के परिवार से रहा है...ये कम ही लोगों को पता है...
मीना कुमारी की नानी सुंदरी देवी का विवाह रबीन्द्र नाथ टैगोर के एक भाई ( हेमेन्द्रनाथ टैगोर, इस की प्रामाणिक पुष्टि के लिए किसी को ज़्यादा जानकारी हो, तो अवगत कराएं) के साथ हुआ था...लेकिन पति की मौत के बाद टैगोर परिवार में सुंदरी देवी के लिए हालात इतने विकट हुए कि उन्हें वो घर छोड़कर लखनऊ जाना पड़ा...सुंदरी देवी ने लखनऊ में नर्स की नौकरी कर ली...यहां उनकी मुलाकात एक ईसाई पत्रकार प्यारे लाल शाकिर से हुई...उर्दू पत्रकारिता में उस वक्त बड़ा नाम माने जाने वाले प्यारेलाल को प्यारेलाल मेरठी के नाम से भी जाना जाता था...क्रांतिकारी विचारों वाले प्यारेलाल खास तौर से सुंदरी देवी का इंटरव्यू लेने के लिए उनसे मिले थे...प्यारेलाल का मकसद ये जानना था कि प्रगतिशील माने जाने वाले टैगोर परिवार ने घर में एक विधवा यानि सुंदरी देवी से ऐसा बर्ताव क्यों किया...
प्यारेलाल शाकिर ने सुंदरी देवी की स्टोरी छापी तो उस वक्त तहलका मच गया...इसी दौरान दोनों ने आपस में शादी भी कर ली...दोनों की छह संतान हुईं...चार लड़कियां और दो लड़के....इन्हीं में से एक लड़की प्रभावती देवी थीं, जिन्होंने आगे चलकर ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी को जन्म दिया...
प्रभावती ने कोलकाता में अपना करियर थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर शुरू किया...प्रभावती बहुत अच्छी नृत्यांगना थीं...लेकिन देश की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर मुंबई ने कोलकाता का स्थान ले लिया तो प्रभावती मुंबई चली आईं...थिएटर में काम करते-करते प्रभावती का हारमोनियम वादक अली बख्श से प्यार हो गया...अली बख्श का ताल्लुक पंजाबी बोलने वाले पेशावर के पठान परिवार से था...हिंदू मां और ईसाई पिता की बेटी प्रभावती ने मुस्लिम अली बख्श से निकाह कर लिया...निकाह के बाद प्रभावती का नाम इकबाल बानो रखा गया...मुस्लिम होने के बावजूद अली बख्श की परवरिश 12 साल तक एक ब्राह्मण ने की थी...अली बख्श को हिंदू ज्योतिष का अच्छा ज्ञान था...
प्रभावती (इकबाल बानो) और अली बख्श की तीन बेटियां हुईं...खुर्शीद, महजबीन और महलका...महजबीन का नाम ही फिल्मों में आने के बाद मीना कुमारी पड़ा...मीना कुमारी की छोटी बहन महलका शादी के बाद माधुरी किशोर शर्मा के नाम से पहचानी जाने लगीं...
माधुरी किशोर शर्मा के मुताबिक टैगोर परिवार ने प्रगतिशील होने के बावजूद उनकी नानी सुंदरी देवी और उनके वंशज़ों से किसी तरह का नाता रखना पसंद नहीं किया...शायद ये उन्हें बर्दाश्त नहीं रहा होगा कि उनके परिवार की एक विधवा पहले तो पुनर्विवाह करे और वो भी एक ईसाई के साथ...माधुरी किशोर शर्मा का कहना है कि मीना कुमारी के जीते जी टैगोर परिवार ने इस दूर के रिश्ते पर चुप्पी साधे रखी...लेकिन उनकी मौत के बाद इस तरह का कोई रिश्ता होने से साफ़ इनकार करना शुरू कर दिया...
अंत में मीना कुमारी का दर्द, उन्हीं की आवाज़ में...
अभिनेत्री शर्मिला टैगौर के गुरुदेव रबीन्द्र नाथ टैगोर के वंश से होने का सब को पता है...शर्मिला टैगोर की नानी लतिका गुरुदेव के भाई दिजेंद्रनाथ की पोती थी...
लेकिन बीते ज़माने की ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी का ताल्लुक भी रबीन्द्र नाथ टैगोर के परिवार से रहा है...ये कम ही लोगों को पता है...
मीना कुमारी की नानी सुंदरी देवी का विवाह रबीन्द्र नाथ टैगोर के एक भाई ( हेमेन्द्रनाथ टैगोर, इस की प्रामाणिक पुष्टि के लिए किसी को ज़्यादा जानकारी हो, तो अवगत कराएं) के साथ हुआ था...लेकिन पति की मौत के बाद टैगोर परिवार में सुंदरी देवी के लिए हालात इतने विकट हुए कि उन्हें वो घर छोड़कर लखनऊ जाना पड़ा...सुंदरी देवी ने लखनऊ में नर्स की नौकरी कर ली...यहां उनकी मुलाकात एक ईसाई पत्रकार प्यारे लाल शाकिर से हुई...उर्दू पत्रकारिता में उस वक्त बड़ा नाम माने जाने वाले प्यारेलाल को प्यारेलाल मेरठी के नाम से भी जाना जाता था...क्रांतिकारी विचारों वाले प्यारेलाल खास तौर से सुंदरी देवी का इंटरव्यू लेने के लिए उनसे मिले थे...प्यारेलाल का मकसद ये जानना था कि प्रगतिशील माने जाने वाले टैगोर परिवार ने घर में एक विधवा यानि सुंदरी देवी से ऐसा बर्ताव क्यों किया...
प्यारेलाल शाकिर ने सुंदरी देवी की स्टोरी छापी तो उस वक्त तहलका मच गया...इसी दौरान दोनों ने आपस में शादी भी कर ली...दोनों की छह संतान हुईं...चार लड़कियां और दो लड़के....इन्हीं में से एक लड़की प्रभावती देवी थीं, जिन्होंने आगे चलकर ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी को जन्म दिया...
प्रभावती ने कोलकाता में अपना करियर थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर शुरू किया...प्रभावती बहुत अच्छी नृत्यांगना थीं...लेकिन देश की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर मुंबई ने कोलकाता का स्थान ले लिया तो प्रभावती मुंबई चली आईं...थिएटर में काम करते-करते प्रभावती का हारमोनियम वादक अली बख्श से प्यार हो गया...अली बख्श का ताल्लुक पंजाबी बोलने वाले पेशावर के पठान परिवार से था...हिंदू मां और ईसाई पिता की बेटी प्रभावती ने मुस्लिम अली बख्श से निकाह कर लिया...निकाह के बाद प्रभावती का नाम इकबाल बानो रखा गया...मुस्लिम होने के बावजूद अली बख्श की परवरिश 12 साल तक एक ब्राह्मण ने की थी...अली बख्श को हिंदू ज्योतिष का अच्छा ज्ञान था...
प्रभावती (इकबाल बानो) और अली बख्श की तीन बेटियां हुईं...खुर्शीद, महजबीन और महलका...महजबीन का नाम ही फिल्मों में आने के बाद मीना कुमारी पड़ा...मीना कुमारी की छोटी बहन महलका शादी के बाद माधुरी किशोर शर्मा के नाम से पहचानी जाने लगीं...
माधुरी किशोर शर्मा के मुताबिक टैगोर परिवार ने प्रगतिशील होने के बावजूद उनकी नानी सुंदरी देवी और उनके वंशज़ों से किसी तरह का नाता रखना पसंद नहीं किया...शायद ये उन्हें बर्दाश्त नहीं रहा होगा कि उनके परिवार की एक विधवा पहले तो पुनर्विवाह करे और वो भी एक ईसाई के साथ...माधुरी किशोर शर्मा का कहना है कि मीना कुमारी के जीते जी टैगोर परिवार ने इस दूर के रिश्ते पर चुप्पी साधे रखी...लेकिन उनकी मौत के बाद इस तरह का कोई रिश्ता होने से साफ़ इनकार करना शुरू कर दिया...
अंत में मीना कुमारी का दर्द, उन्हीं की आवाज़ में...
Story kafi romantic hai
जवाब देंहटाएंनयी जानकारी ..
जवाब देंहटाएंप्रसिद्ध परिवारों के बारे में अनेक कहानियाँ प्रचलित हो जाती हैं। सच-झूठ की परख उतनी आसान नहीं है। पारंपरिक समुदाय में "पीरअली" परिवार के नाम से ख्यात गुरुदेव के पूर्वज पीरअली मुसलमान थे इसलिए उनके गैर हिन्दू वंशज होना न असामान्य है और न ही सनसनीखेज ...
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग को "ब्लॉग - चिठ्ठा" में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।
जवाब देंहटाएंकाफी खोजबीन के बाद आपने नई जानकारी दी
जवाब देंहटाएंlatest post,नेताजी कहीन है।
latest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
यह तो वाकई रोचक और सनसनी खेज जानकारी है, इस बात का अंदाजा तो शायद आम लोगों को बिल्कुल ही नही है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
काफी उथल पुथल हुई लगती है.
जवाब देंहटाएंमीना कुमारी का जीवन भी कुछ ऐसे ही गुजरा।
लेकिन एक बेहतरीन कलाकार थी.
रोचक !
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी है
जवाब देंहटाएंye bat mujhe pata thee ki meena kumari aur sharmila taigor donon ek hi parivar se judi hain lekin itani gahan janakari nahin thee. jankar achchha laga ki khoji patrakarita aisi hoti hai.
जवाब देंहटाएंExtremely fine, enlightening
जवाब देंहटाएंबड़े गहरे उतरी यह रिश्तेदारी भी...काफी शोध मांगता है इस तरह का उत्खनन रिश्तों का मगर रोचक..एक नई जानकारी....तो इस हिसाब से मीनाकुमारी करीना (कपूर)खान की क्या लगीं?? :)
जवाब देंहटाएंAap ke anusaar meenakumari ki nani ka pehla vivaah gurudev ke parivaar me hua , uskae baad unhone dusra vivaah kiya aur us vivvah utpaan unki kanya ki beti meena kumari thee
जवाब देंहटाएंIs jankari ke anusaar toh meena kumari kisi bhi tarah gurudev ke parivaar sae nahin judi haen
Naa to unki maa kisi bhi tarah gurudev kae parivaar sae judi hui haen
Post ka title kisi filmi patrika ko baechnae kae dii hui title jaesaa lagtaa haen
Aap ke blog par is prakaar ki post sae mayusi hui
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंमारे खुशी के सराबोर हो गई
शुक्रिया
सादर
बहुत ही नयी जानकारी मिली, आपको इस खोज को सामने लाने के लिए आपका हार्दिक आभार...
जवाब देंहटाएंवहीं से आयी है, पीड़ा की काव्यमयता।
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