कैसे हुआ रिवर्स स्टिंग ऑपरेशन...खुशदीप

हम पत्रकार लोग खुद को बहुत उस्ताद समझते हैं...लेकिन कभी कभी हमारी सारी उस्तादी धरी की धरी रह जाती है...शिकार करने चलते हैं और खुद ही शिकार हो जाते हैं...यानि इरादा हमारा किसी का स्टिंग ऑपरेशन करने का होता है और हमारा ही रिवर्स स्टिंग हो जाता है,,, भई ऐसे ही एक चक्कर में मैं फंस गया...




अब किसी हाड-मांस के आदमी से सामना हो तो बचा भी जा सकता है...लेकिन यहां तो सामना ब्लॉग जगत के मिस्टर इंडिया (इनविज़ीबल) ताऊ और उसकी टीम के खुराफातियों- राम प्यारी और राम प्यारे से था...ऐसे में मैं भला कैसे बच सकता था...देखिए किस तरह चिकने चुपड़े सवालों के फेर में मुझे उलझा कर मेरे और परम सखा मक्खन के सारे राज़ उगलवा लिए गए...ऊपर से पत्नीश्री ने ये सारा गुल-गुपाड़ा और पढ़ लिया...अब उन्हें जवाब देते बनना भारी पड़ रहा है...लीजिए आप भी इस लिंक पर जाकर पढ़िए मेरा रिवर्स स्टिंग ऑपरेशन...

"दो और दो पांच" में बिना मक्खन के पहुंचे खुशदीप सहगल


(कृपया टिप्पणियां यहां ना देकर उपरोक्त लिंक पर ही दीजिएगा...)

एक टिप्पणी भेजें

6 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. ताऊ के चक्कर में बिना मख्खन के नहीं जाना चाहिए ..

    जवाब देंहटाएं
  2. सतीश जी सही कह रहे हैं मक्खन को साथ ले जाने से कोई समस्या नहीं आती । मक्खन की महिमा पर तो सदियों पूर्व ही किसी ने कह दिया था - साईं मक्खन राखिए , बिन मक्खन सब सून ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चंद्र प्रकाश जी,
      ऊपर जो लिंक दिया है, वहां आपकी टिप्पणी वांछित है...

      जय हिंद...

      हटाएं
  3. ओत्तेरीको, अभी पढता हूँ...

    जवाब देंहटाएं
  4. सतीश जी हमने तो मौका देखा था जब मक्खन कंपीटीशन मे हिस्सा लेने बाहर गया हुआ था और तभी रामप्यारी ने झपट्टा मार लिया.:)

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  5. कुछ भी नहीं दिख रहा ताउ के ब्लॉग पर.क्या ये ताउ की तरह इनविजिबल रैपिड फायर हुआ है।

    जवाब देंहटाएं