Watch: हिन्दू क्रिकेटर से बुरा बर्ताव था शाहिद अफ़रीदी का?


दानिश कनेरिया और शाहिद अफ़रीदी (फाइल)


PAK के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया के शाहिद अफ़रीदी पर गंभीर आरोप, दानिश के मुताबिक इस्लाम अपनाने के लिए भी शाहिद अफ़रीदी डालते थे दबाव, दानिश पाकिस्तान के लिए खेलने वाले अनिल दलपत के बाद दूसरे हिन्दू क्रिकेटर, शाहिद अफ़रीदी ने सभी आरोपों को ख़ारिज किया



नई दिल्ली (6 मई)।

16 अक्टूबर 1952 को दिल्ली में भारत के ख़िलाफ अपने पहले टेस्ट मैच से पाकिस्तान ने इंटरनेशनल क्रिकेट का आगाज़ किया. तब से 70 साल बीत गए लेकिन सिर्फ़ दो हिन्दू खिलाड़ी ही पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम में जगह बना सके. एक विकेट कीपर अनिल दलपत सोनावारिया और दूसरे लेग स्पिनर दानिश कनेरिया. अनिल दलपत ने 1984 और 1986 के बीच पाकिस्तान के लिए 9 टेस्ट मैच और 15 वनडे मैच खेले. 59 साल के अनिल क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद कनाडा जाकर बस गए और वहां अपना बिज़नेस चलाते हैं.

अनिल दलपत (फाइल)


अनिल दलपत के बाद लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को 2000 में पाकिस्तान की टीम से खेलने का मौका मिला. अनिल दलपत के ही रिश्ते में भाई लगने वाले दानिश कनेरिया ने 2000 से 2010 के बीच पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट मैच और 18 वनडे मैच खेले. कनेरिया ने टेस्ट मैचों में 261 और वनडे में 15 विकेट लिए.

41 साल के दानिश कनेरिया ने हाल में अपने कुछ इंटरव्यू में इंटरनेशनल क्रिकेट के दिनों को याद किया है. कनेरिया ने जहां शोएब अख़्तर, इंज़माम उल हक़, वक़ार यूनिस, मोइन ख़ान और रशीद लतीफ की तारीफ़ की है, वहीं पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन मोहम्मद इजाज़ बट पर भेदभाव बरतने के गंभीर आरोप लगाए हैं. कनेरिया के मुताबिक शाहिद अफ़रीदी उनसे बुरा बर्ताव करते थे और जानबूझकर आखिरी इलेवन में शामिल नहीं करते थे. कनेरिया का ये भी कहना है कि शाहिद ने उन पर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए भी दबाव डाला था.

शाहिद अफ़रीदी और दानिश कनेरिया (फाइल)


दानिश के मुताबिक शाहिद अफ़रीदी के इस बर्ताव की उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन मोहम्मद इजाज़ बट से शिकायत भी लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि दानिश को टीम से बाहर रखने में शाहिद का ही साथ दिया.

दानिश का कहना है कि शोएब अख्तर पहले इंसान थे जिन्होंने मेरे साथ हुए ऐसे बर्ताव की सार्वजनिक तौर पर चर्चा की थी.
दानिश के मुताबिक शाहिद अफ़रीदी अकेले खिलाड़ी थे जो मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करते थे. हम दोनों ही स्पिनर थे, कप्तान होने के बाद वो मुझे बेंच पर ही बिठाए रखते थे और वन डे टूर्नामेंट नहीं खेलने देते थे. वहीं बाकी सभी सीनियर प्लेयर्स जैसे कि इंजमाम उल हक़,वकार यूनिस, शोएब अख्तर, मोईन खान, रशीद लतीफ उन्हें पूरा समर्थन देते थे. 

दानिश का आरोप है कि डॉमेस्टिक क्रिकेट में अच्छा परफॉर्म करने के बाद भी शाहिद का मेरे साथ ऐसा बर्ताव था, मैं नहीं जानता कि उन्हें मेरे से क्या समस्या थी, हमेशा मुझे नीचा दिखाने की कोशिश मानसिक तौर पर मेरे लिए आघात था. दानिश के मुताबिक उन्होंने इस पर शाहिद से बात भी की लेकिन उनका बर्ताव नहीं बदला. दानिश साथ ही कहते हैं कि वो खुशकिस्मत थे कि पाकिस्तान के बाकी सभी सीनियर प्लेयर्स उनके लिए बहुत सपोर्टिव थे, और जिनके साथ खेलने से उन्हें करियर के पहले दिन से ही बहुत आनंद आया.

दानिश कनेरिया ने कहा कि जब उन पर लाइफ टाइम बैन लगा तो शाहिद अफरीदी ने कोई साथ नहीं दिया बल्कि ऐसा होने से वो खुश थे. मुझे पीसीबी से भी तब कोई सपोर्ट नहीं मिला था और उस वक्त के बोर्ड चेयरमैन ने मुझे अपनी बात रखने का मौका ही नहीं दिया और मेरी पूरी अनदेखी की.

दानिश कनेरिया ने शाहिद अफ़रीदी की ओर से इस्लाम कबूल करने के लिए दबाव डालने के संबंध में कहा कि इसे उन्होंने कभी गंभीरता से नहीं लिया था. मैं अपने धर्म पर विश्वास रखता हूं और ये क्रिकेट पर निर्भर नहीं करता.

शाहिद अफ़रीदी ने दानिश के सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि वो सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं. शाहिद ने ये भी कहा कि वो दानिश को भाई मानते हुए वैसे ही उनके साथ पेश आते थे.

दानिश कनेरिया पर 2009 में इंग्लैंड में एसेक्स काउंटी के लिए खेलते हुए स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप लगा था. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने 2012 में दानिश कनेरिया पर इंग्लैंड में खेलने पर लाइफ टाइम बैन लगा दिया. वहीं से दानिश कनेरिया का क्रिकेट करियर खत्म हो गया.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.