शाबाश सादिया...तिरंगे का मान बढ़ाने के लिए

 



श्रीनगर की रहने वाली 15 साल की सादिया तारिक़ ने मॉस्को वुशु स्टार्स चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता,सादिया को प्रधानमंत्री समेत देश की तमाम जानी-मानी हस्तियों से मिल रही है बधाई,वुशु दमखम वाला खेल होने के साथ लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस का मज़बूत ज़रिया



नई दिल्ली (27 फरवरी)।

कौन हैं सादिया तारिक जिन्हें प्रधानमंत्री समेत देश की जानीमानी हस्तियों से बधाई मिल रही है. कश्मीर की 15 साल की सादिया पर हर कोई क्यों नाज़ जता रहा है. सादिया वुशु प्लेयर हैं और उन्होंने रूस में चल रही मॉस्को वुशु स्टार्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत  का मान बढ़ाया है.

सादिया के बारे में आपको बताने से पहले वुशु खेल के बारे में बता दें, ये चीनी मार्शल आर्ट है जिसे आम भाषा में चीनी कुंगफू कह कर भी बुलाया जाता है. इसमें बॉक्सिंग, किकिंग, रेसलिंग, थ्रोइंग सब कुछ देखा जा सकता है. वुशु में मुंह और शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी पंच मार सकते हैं, ये खेल ऐसा है जैसे अल्फाबेट्स से अक्षर लेकर वाक्य बनाए जाते हैं, वैसे ही वुशु में भी अलग अलग ऐलिमेंट्स को लेकर परफॉर्म किया जाता है.

अब बताते हैं सादिया तारिक के बारे में. सादिया ने 22 से 28 फरवरी तक मॉस्को में हो रही वुशु स्टार्स चैंपियनशिप में 48 किलो केटेगरी में कजाक्स्तान .से प्रतिद्वंद्वी को हराया जिसे गोल्ड मेडल का मजबूत दावेदार माना जा रहा था. इस चैंपियनशिप में भारत की जूनियर और सीनियर टीम हिस्सा ले रही हैं.  38 सदस्यीय भारतीय दल में 23 जूनियर और 15 सीनियर खिलाड़ी शामिल हैं. इनमें जम्मू और कश्मीर से इकलौती सादिया तारिक है.  

सादिया की नज़रें अब चीन  में इसी साल होने वाले युवा एशियाई खेलों पर है. सादिया ने अपनी इस जीत पर मेंटर कुलदीप हांडू को टैग करते हुए ट्वीट में लिखा-  "मैंने अपना बेस्ट दिया और वो मुझे ठीक वो मिला जिसे मैं पाने की योग्यता रखती हूं. और मैं अपने अपने भारत का मान ऊंचा करने के लिए कोशिश जारी रखूंगी. मुझे प्यार, समर्थन और सकारात्मक नजरिया चाहिए. ये मेरे कोच, माता पिता और मेंटर की वजह से हुआ जिनकी वजह से मैं इस ऊंचाई तक पहुंची."

 

श्रीनगर की रहने वालीं सादिया दो बार की जूनियर नेशनल वुशु चैम्पियशिप गोल्ड मेडलिस्ट हैं. अभी हाल में उन्होंने जालंधर में आयोजित 20वीं जूनियर नेशनल वुशु चैम्पियनशिप में दूसरा गोल्ड मेडल जीता. इस चैम्पियनशिप में ओवरऑल मेडल टैली में जम्मू और कश्मीर की टीम तीसरे नंबर पर रही थी.सादिया के पिता तारिक लोन मीडियाकर्मी हैं और इंडिया टुडे ग्रुप में कैमरामैन के तौर पर कार्यरत हैं. उन्होंने बेटी के गोल्ड मेडल जीतने पर खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि ये सिर्फ सादिया का ही नहीं उनका भी मेडल है.

 श्रीनगर के बेमिना इलाके की हाउसिंग कॉलोनी में रहने वालीं सादिया राजबाग़ स्थित प्रेज़ेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा हैं.सादिया को मॉस्को में उनकी उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर बधाई देते हुए लिखा, "मास्को वुशु स्टार्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर सादिया तारिक को बधाई. उनकी सफलता कई नवोदित एथलीटों को प्रेरित करेगी. उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं."

 

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, कानून मंत्री किरेन रिजिजू और पूर्व केंद्रीय मंत्री और एथेंस ओलम्पिक्स सिल्वर मेडल विजेता राज्य वर्धन सिंह राठौर ने भी देश का गौरव ऊंचा करने वाली इस बेटी को बधाई दी.

                             

राज्यवर्धन सिंह राठौर ने ठीक लिखा भारत की बेटियों का चमकना लगातार जारी है.  सादिया तारिक देश की अन्य लड़कियों के लिए भी रोल मॉडल हैं. सादिया ने दमखम वाले जिस वुशु खेल को चुना वो लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस में भी बहुत कारगर है.शाबाश सादिया

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