PAK के मशहूर सर्जन डॉ जावेद इक़बाल ने कहा- सर्जरी लता मंगेशकर से सीखी!, डॉ इक़बाल बहावलपुर में कायदे आज़म मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और पूर्व HOD, Surgery; कई सर्जन्स को किया ट्रेंड, ट्रेनी महिला सर्जन्स के साथ फोटो पर हुए थे ट्रोल, डॉ इक़बाल ने कहा- हर प्रोफेशनल को सीखना चाहिए, लता कैसे एक एक हर्फ़ का हक़ अदा करती थीं
नई दिल्ली (8 फरवरी)।
डॉ जावेद इक़बाल पाकिस्तान के जाने-माने सर्जन हैं. वो बहावलपुर में कायदे आज़म मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और पूर्व हेड ऑफ द डिपार्टमेंट, सर्जरी रहे हैं. वे पाकिस्तान में अनेक सर्जन्स को ट्रेंड कर चुके हैं.
डॉ जावेद इक़बाल - सोशल मीडिया |
अब पाकिस्तान के इन सबसे मशहूर सर्जन ने कहा है कि उन्होंने लता मंगेशकर से सर्जरी सीखी, क्यों कहा डॉ इक़बाल ने ऐसा, उन्हीं की जुबानी सुनिए.
Has Lata really died? | Urdu | | Prof Dr Javed Iqbal |https://t.co/0V8DYOAWVA
— Dr. Javed Iqbal (@_surgeonjaved) February 6, 2022
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में माहिर डॉ इकबाल को 35 साल से अधिक का अनुभव है. वो MBBS, FCPS (Surgery), FRCS (Surgery), MCPS (Surgery) हैं.
डॉ. इकबाल ने उस ट्वीट के कैप्शन में लिखा था- “कौन कहता है कि सर्जरी लड़कियों के लिए नहीं है. ये सातों (सर्जन) हैं. मुझे फख़्र कि मुझे इन्हें ट्रेंड करने का मौका मिला.”
Who says, surgery is not for girls. All seven of them are. I am humbled that I could train them in my unit pic.twitter.com/7ucEQ7bIfV
— Dr. Javed Iqbal (@_surgeonjaved) July 8, 2021
सोशल मीडिया पर अधिकतर यूजर्स ने डॉ. इकबाल के ट्वीट और फोटो के मकसद की तारीफ की लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं रही जिन्होंने डॉ. इकबाल के ट्वीट को लेकर कहा कि महिलाओं को सर्जन नहीं बनना चाहिए.
एक यूजर ने महिलाओं अजब सी दलील दी, “उन्हें गुमराह मत करो, उनकी अच्छी पत्नी और अच्छी मां वाली जिंदगी को बर्बाद मत करो. क्यों उन पर और बोझ बढ़ा रहे हो. उन्हें MBBS में ही कुछ आराम वाली और अधिक रिवार्ड वाली उभरती फील्ड को चुनना चाहिए."
एक यूजर ने कहा कि सर्जरी महिलाओं के लिए फील्ड नहीं है. साथ ही इसके पीछे ‘शारीरिक क्षमता’ का कुतर्क दिया. इस यूजर को दूसरे यूजर्स से तगड़ा जवाब मिला, उसने कहा- ''महिलाएं कोई सा भी फील्ड जॉइन कर सकती हैं, उन्हें नकारने से पहले उन्हें बस मौका दीजिए. आप देखेंगे कि महिलाएं किसी भी जॉब को करने में सक्षम हैं.''
डॉ. इकबाल की पोस्ट के मकसद से ठीक उलट एक यूजर ने फोटो में दिख रही 7 महिलाओं की पोशाक पर कमेंट किया- “सोचता हूं कि आपने उन्हें पर्दा करना सिखाया होता.”
पाकिस्तान में डॉक्टर होने के नाते प्रैक्टिस करने में महिलाओं को कैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसी पर एक महिला डॉक्टर ने अपने ट्वीट में कहा- मुझे अपना सर्जरी हाउस जॉब छोड़ना पड़ा क्योंकि साथी पुरुष हाउस-ऑफिसर्स मेरा मनोबल गिराते रहते थे. मुझे उनसे बहुत नेगेटिविटी का सामना करना पड़ा.
कुछ यूजर्स ने हवाला दिया कि पाकिस्तान में महिला डॉक्टर्स की कितनी अधिक जरूरत है. एक यूजर ने कहा कि कैसे कई महिलाओं को पुरुष डॉक्टरों के पास जाना सुविधाजनक नहीं लगता, लेकिन महिला डॉक्टर्स की कमी की वजह से ऐसा करना पड़ता है.
बहरहाल, अब डॉ इकबाल ने लता को जिस वीडियो में अनूठी श्रद्धांजलि दी, वो वीडियो पाकिस्तान के साथ साथ भारत में भी वायरल हो रहा है. डॉ इकबाल की ये बात क़ाबिले गौर है कि लता मंगेशकर जिस तरह सुर और अल्फ़ाज़ की एक एक बारीकी पर ध्यान देती थीं, उसी तरह हर फनकार और प्रोफेशनल को होना चाहिए.