बप्पी लहरी 1952-2022: गोल्ड से प्यार से जुड़े अनसुने किस्से

     
                                          


4 साल की उम्र में कंसर्ट में बजाया था तबला, लता मंगेशकर की गोद में नन्हे बप्पी, माइकल जैक्सन को कैसे अपना लकी गणेश लॉकेट देने से खुद को रोका, एक फैन बैग में अपना सोना भर कर बप्पी दा को देना चाहती थी, एक्टर राज कुमार ने एक बार बप्पी दा के गले में गोल्ड देखकर कहा था- जानी तुम्हारा मंगलसूत्र कहां है, किशोर कुमार को क्यों मामा कहते थे बप्पी दा...



नई दिल्ली (16 फरवरी)।

चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना,

कभी अलविदा न कहना, कभी अलविदा न कहना...

भारतीय सिनेमा संगीत के गोल्डमैन बप्पी लाहिरी का बुधवार 16 फरवरी को मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में निधन हो गया. 69 साल के बप्पी दा को एक महीने पहले कोविड-19 संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें 14 फरवरी को ही अस्पताल से छुट्टी मिली थी. लेकिन अगले दिन ही तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें सांस लेने में दिक्कत समेत स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं थीं. अस्पताल के डायरेक्टर डॉ दीपक नामजोशी के मुताबिक उनका निधन ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया यानि ओएसए की वजह से हुआ. बप्पी दा के परिवार में पत्नी चित्राणी, बेटा बप्पा और बेटी रीमा हैं.

पत्नी चित्राणी, बेटे बप्पा और बेटी रीमा के साथ बप्पी दा (फाइल)


आइए जानते हैं संगीतकार-गायक बप्पी दा के बारे में कुछ खास बातें-

27 नवंबर 1952 को जलपाईगुड़ी में जन्मे बप्पी दा का असली नाम आलोकेश लाहिरी था.

जब फैन महिला ने अपना सारा सोना बप्पी दा को देना चाहा

गोल्ड पहनने के शौकीन बप्पी दा फिजी आइलैंड में एक कंसर्ट के बाद होटल में रात को डिनर की तैयारी कर रहे थे तो रिसेप्शन से उनके पास एक फोन आया और कहा गया कि कोई आपकी फैन आपसे मिलना चाहती है, वो महिला एक बैग साथ लेकर आई थी. उस महिला ने बप्पी दा से कहा कि मैं जानती हूं आप गोल्डमैन हैं. आपने कंसर्ट में जो गाना गाया— याद आ रहा है तेरा प्यार, मेरे दिल को छू गया, मैं वहां कंसर्ट में आपको कुछ नहीं दे सकी, ये मैं अपना सारा सोना आपको देना चाहती हूं. तब बप्पी दा हैरानी में कुछ नहीं बोल पाए लेकिन उनके पिता अपरेश लाहिरी भी उस वक्त उनके साथ थे, उन्होंने महिला से कहा कि इतना सोना तो ये गले में पहनता है. सोने की सात चेन गले में पहनने वाले बप्पी दा ने ये किस्सा सुनाया तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी.

एक्टर राजकुमार ने बप्पी दा से पूछा था- जानी तुम्हारा मंगलसूत्र कहां है

एक्टर राजकुमार के साथ बप्पी दा (फाइल)

बताया जाता है कि दिवंगत अभिनेता राजकुमार जब पहली बार बप्पी लाहिरी से मिले थे तो उन्होंने इतना सोना पहने देख बप्पी दा से कहा था- जानी और तो सब ठीक, तुम्हारा मंगलसूत्र कहां है.

बप्पी दा बताते थे कि फिल्म इंडस्ट्री ने उनके संगीत को 1975 में रिलीज फिल्म ज़ख्मी से पहली बार पहचाना था, तब उनकी मां बंसारी ने उन्हें एक गोल्ड नेकलेस दिया था. 1977 में बप्पी दा की चित्राणी लाहिरी से शादी हुई तब पत्नी ने उन्हें दो लॉकेट और दिए. एक पर बप्पी का बी अंकित था और दूसरे पर भगवान गणपति.

पत्नी चित्राणी ने दिए थे बप्पी दा को दो लॉकेट (फाइल)


बप्पी दा के गणपति लॉकेट पर माइकल जैक्सन का आ गया था दिल

1996 में माइकल जैक्सन भारत आए तो बप्पी दा से मिले (फाइल)

1996 में पॉप किंग माइकल जैक्सन भारत आए तो उन्होंने बप्पी लाहिरी के गले में गणेश का लॉकेट देखकर कहा था कि ये बहुत खूबसूरत है. उस वक्त एक बार तो बप्पी दा ने वो लॉकेट माइकल को भेंट करने की सोची. पर फिर वो ये सोचकर रुक गए कि माइकल के पास तो सब कुछ पहले से ही, मेरा ये लकी लॉकेट है जिसने मुझे इतना कुछ दिया.

बप्पी दा का संगीत कितना पॉपुलर हुआ इसका सबूत है 100 से ज़्यादा फ्रेम्ड डिस्क उनके जुहू स्थित बंगले के लिविंग रूम की हर दीवार पर सजी हैं.

चार साल की उम्र में कंसर्ट में बजाया था तबला

4 साल की उम्र में पिता अपरेश और मां बांसरी के साथ कंसर्ट में तबला बजाते बप्पी लहरी (फाइल)


बप्पी दा ने पहली बार चार साल की उम्र में कोलकाता के इडन गार्डन्स में हुए एक कंसर्ट में तबला बजाया था. उनके माता-पिता अपरेश और बांसरी दोनों ही कोलकाता में जानेमाने सिंगर थे. गायक किशोर कुमार के परिवार से उनकी काफी नजदीकी थी. बप्पी दा किशोर कुमार को मामा कह कर बुलाते थे. 

लता मंगेशकर ने दी ट्रेनिंग दिलाने की सलाह

लता मंगेशकर की गोद में नन्हे बप्पी लहरी (फाइल)


बप्पी दा की मां बांसरी लता मंगेशकर की भी अच्छी दोस्त थीं. लता मंगेशकर ने ही उन्हें बप्पी को पंडित समता प्रसाद के पास ट्रेनिंग के लिए भेजने की सलाह दी थी. उनकी ख्याति तबला के सबसे बड़े गुरू के तौर पर थी.

माता-पिता के साथ कंसर्ट में गाने वाले बप्पी दा ने 11 साल की उम्र में ही अपने गाने बनाना शुरू कर दिया था. 20 साल की उम्र में उन्होंने बांग्ला फिल्म दादू का संगीत कंपोज किया. लेकिन बप्पी हिन्दी सिनेमा में पहचान बनाना चाहते थे इसलिए उन्होंने मुंबई का रुख किया. उनके माता-पिता भी बेटे के भविष्य की खातिर कोलकाता में अपना जमा जमाया करियर छोड़ कर मुंबई आ गए.

मुंबई आने पर किशोर कुमार ने की थी मदद

किशोर कुमार को मामा कह कर बुलाते थे बप्पी दा (फाइल)


मुंबई आने पर किशोर कुमार ने बप्पी दा की मदद की. मुंबई में बप्पी दा को 1973 में पहली बार शोमू मुखर्जी की फिल्म नन्हा शिकारी में संगीत देने का मौका मिला. निर्माता निर्देशक ताहिर हुसैन ने बप्पी दा के टेलेंट को पहचान लिया और फिल्म ज़ख्मी में बड़ा ब्रेक दिया.

इस फिल्म के सारे गाने सुपरहिट साबित हुए. इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई हिट फिल्मों चलते चलते, आप की खातिर, पापी, प्यारा दुश्मन, नमक हलाल, थानेदार में संगीत दिया. 1982 में रिलीज डिस्को डान्सर ने बप्पी दा के करियर को नई ऊंचाई दी.

एल्विस प्रेस्ली के मुरीद थे बप्पी दा

बप्पी दा हॉलिवुड के प्रसिद्ध गायक एल्विस प्रेस्ली के बहुत मुरीद थे इसलिए अपना गेटअप भी उन्होंने प्रिसले जैसा ही रखा.

बप्पी दा ने 1982 में फिल्म नमक हलाल के लिए राग दरबारी पर आधारित पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी किशोर कुमार से गाना गवाया था तो किशोर दा ने उनसे कहा- क्या चार गाने के बराबर एक गाना लेकर आया, क्या नहीं है इस गाने में.

2014 में लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखा

बप्पी दा ने 2014 में बंगाल में श्रीरामपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था लेकिन टीएमसी के कल्याण बनर्जी के सामने उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था.

कभी अलविदा न कहना

बप्पी लाहिरी 

जन्म- 27 नवंबर 1952, जलपाईगुड़ी

निधन- 16 फरवरी 2022,  मुंबई

 

 

 

 

 

 

 







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