'मोनिका ओ माय डार्लिंग' का जीनियस क्रिएटर





आर डी बर्मन की 51 साल पुरानी धुनों का जादू आज भी वैसा ही बरकरार; रिपब्लिक डे परेड रिहर्सल के दौरान इंडियन नेवी बैंड की ओर से बजाई गई दोनों धुनें 1971 में रिलीज़ फिल्मों- अपना देश और कारवां से; खाली बोतल, गार्गल आदि से भी सुपरहिट म्यूज़िक निकाल लेते थे पंचम दा



नई दिल्ली (24 जनवरी)।

मोनिका ओ मॉय डार्लिंग...गाने के ये बोल 23 जनवरी को पूरा दिन सोशल मीडिया पर छाए रहे...दरअसल भारत सरकार के एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल MyGovIndia से 23 जनवरी को एक वीडियो ट्वीट किया गया जिसमें इंडियन नेवी के जवानों को रिपब्लिक डे परेड की तैयारी करते देखा गया.

       

वीडियो में इंडियन नेवी बैंड की ओर से बॉलिवुड के दो हिट गानों की धुन बजाते देखा जा सकता है. ये दोनों धुन पांच दशक पुराने हिट गानों- दुनिया में लोगों को धोखा कभी हो जाता है और पिया तू अब तो आजा, मोनिका ओ मॉय डार्लिंग की थी.

आइए अब बात करते हैं पांच दशक पहले किस जीनियस का दिमाग था इन दोनों धुनों को तैयार करने में. वो जीनियस थे राहुल देव बर्मन यानि आरडी बर्मन जिन्हें लोग प्यार से पंचम दा बुलाते थे.

राहुल देव बर्मन (पंचम दा)

दुनिया में लोगों को धोखा कभी हो जाता है 1971 में रिलीज फिल्म अपना देश में राजेश खन्ना और मुमताज पर फिल्माया गया था. इस गाने को पंचम दा ने खुद ही आशा भोसले के साथ गाया था. वहीं दूसरा गाना पिया तू अब तो आजा 1971 में ही रिलीज फिल्म कारवां से लिया गया था. इस कैबरेट सॉन्ग को आशा भोसले ने गाया था और इसमें मोनिका ओ मॉय डार्लिंग लाइन आरडी बर्मन ने ही गाई थी. इसे हेलन और एक्टर-कोरियोग्राफर चीनू शिकारी पर फिल्माया गया था. 

फिल्म कारवां के गाने मोनिका ओ माय डार्लिंग को हेलन और चीनू शिकारी पर फिल्माया गया था



चीनू का इसी महीने 4 तारीख को निधन हुआ.


ये पंचम दा का ही कमाल है जो उनके दुनिया से अलविदा हुए 28 साल बाद भी उनका म्यूजिक लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है. उनमें आम चीज़ों से कमाल का म्यूज़िक निकालने का हुनर था. पड़ोसन फिल्म में मेरे सामने वाली खिड़की में’ बैकग्राउंड म्यूज़िक उन्होंने एक खुरदुरी सतह पर कंघी को रगड़ कर निकाला था. कहीं रेगमाल, कहीं दो गिलास टकरा कर, कहीं बीयर की बोतल, हर जगह से वो उससे सुपर हिट म्यूजिक दे सकते थे. फिल्म सत्ता पे सत्ता में तो उन्होंने गार्गल की आवाज़ को ही बैकग्राउंड म्यूज़िक बना दिया था. राजपथ पर जो मोनिका ओ माय डार्लिंग की धुन सुनाई दी उस गाने के बारे में आशा भोसले का कहना है कि उन्होंने अपने सात दशक में हज़ारों गाने गाए लेकिन किसी भी कंसर्ट में जाने पर सबसे ज्यादा फरमाइश इसी गाने के लिए रहती थी.

 

मोनिका ओ माय डार्लिंग के क्रिएटर पंचम दा को सैल्यूट...

 



एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (26-01-2022) को चर्चा मंच "मनाएँ कैसे हम गणतन्त्र" (चर्चा-अंक4322) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं