Watch: इति श्री विराट कप्तानी कथा






क्या विराट कोहली ने नाराज़गी में टेस्ट टीम कप्तानी छोड़ी? वन डे फॉर्मेट कप्तानी से हटाए जाने पर 15 दिसंबर को जताया था दिल का दर्द, टेस्ट कप्तानी छोड़ने के एलान के 9 मिनट बाद ही BCCI ने ट्वीट में विराट के नेतृत्व को सराहा

 




 नई दिल्ली (16 जनवरी)।

15 जनवरी को शाम 6 बजकर 44 मिनट पर भारतीय टेस्ट कप्तानी के विराट युग का अंत हुआ जब विराट कोहली ने टेस्ट कप्तान के तौर पर हटने का एलान करते हुए ट्वीट किया. इस संदेश में विराट ने सिर्फ टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री और अपने पूर्ववर्ती कप्तान एम एस धोनी का नाम लेकर शुक्रिया कहा. बाकी उन्होंने बीसीसीआई, टीम के सहयोगियों और सपोर्ट स्टाफ का भी धन्यवाद किया.


आइए पहले जानते हैं- उन्होंने टेस्ट कप्तानी छोड़ने वाले संदेश में क्या कहा-

ये सख्त काम, मेहनत और कठोर दृढ़ता के सात साल थे टीम को सही दिशा में ले जाने के लिए. मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और इसमें सब कुछ झोंका. हर चीज़ को एक वक्त पर आकर रुकना होता है और मेरे लिए अब ये टेस्ट टीम की कप्तानी था. इस सफर में कई चढ़ाव और कुछ उतराव आए, लेकिन कोशिश की कमी या विश्वास की कमी कहीं नहीं रही. मैं जो भी करता हूं उसमें हमेशा अपना 120 फीसदी देने में यक़ीन किया, और अगर मैं ऐसा नहीं कर सकता तो मैं जानता हूं कि ऐसा करना सही बात नहीं है. मेरे दिल में ये बिल्कुल साफ है और मैं अपनी टीम से गैर-ईमानदारी नहीं दिखा सकता.

मैं बीसीसीआई को मुझे अपने देश का नेतृत्व करने का मौका इतने लंबे वक्त तक देने के लिए आभार कहना चाहता हूं, और अपने टीम के सहयोगियों को भी, जिन्होंने पहले दिन से टीम को लेकर मेरी सोच को हक़ीक़त में बदला और किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटे. साथियों तुमने इस सफ़र को इतना यादगार और खूबसूरत बनाया. रवि भाई और सपोर्ट ग्रुप को भी शुक्रिया कहना चाहूंगा जिन्होंने हमारी गाड़ी के इंजन का काम किया जो लगातार टेस्ट क्रिकेट में ऊंचाई की ओर चढ़ती रही. आप सबने ज़िंदगी के नज़रिए में अहम रोल खेला. आखिर में बहुत बड़ा धन्यवाद एम एस धोनी को जिन्होंने मुझ पर पर कप्तान के तौर पर भरोसा किया और मुझे एक योग्य व्यक्तित्व के रूप में पाया जो भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा सकता था.

विराट के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के एलान के ट्वीट के 9 मिनट बाद ही 6 बजकर 53 मिनट पर बीसीसीआई ने एक ट्वीट के जरिए उनकी लीडरशिप की तारीफ की. बीसीसीआई टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को सराहनीय नेतृत्व क्षमता के लिए बधाई देता है जिन्होंने टेस्ट टीम को अभूतपूर्व ऊंचाईयों तक पहुंचाया. उन्होंने भारत के लिए टेस्ट मैचों में कप्तानी की और 40 जीत के साथ सबसे कामयाब कप्तान रहे. सिर्फ 9 मिनट में बीसीसीआई का तारीफ संदेश आने से साफ है कि कोहली ने संभवत: अपने इस फैसले की पहले ही बोर्ड को दी थी.

अब बात करते हैं भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट की कप्तानी से अलग होने की. टी-20 फॉर्मेट की कप्तानी पिछले साल यूएई में टी-20 वर्ल्ड कप के बाद छोड़ने वाले विराट को वनडे की कप्तानी से 8 दिसंबर को हटा दिया गया और इस फॉर्मेट की कप्तानी भी रोहित शर्मा को सौंप दी गई. टी-20 फॉर्मेट की कप्तानी पहले ही रोहित को मिल चुकी थी. जिस तरह से वनडे फॉर्मेट से विराट को हटाया गया, उसे लेकर 15 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि वो वन डे और टेस्ट का कप्तान बने रहना चाहते थे. लेकिन उन्हें अचानक बताया गया कि उन्हें वनडे फॉर्मेट की कप्तानी से हटाया जा रहा है. विराट के मुताबिक इस फैसले की औपचारिक घोषणा से महज़ 90 मिनट पहले उन्हें इसकी जानकारी दी गई थी. हालांकि विराट ने ये भी साफ कर दिया था कि रोहित शर्मा से उनकी कोई अनबन नहीं है और वो उनकी कप्तानी में साउथ अफ्रीका में होने वाली वनडे सीरीज़ में खेलने के लिए तैयार हैं. ये बात अलग है कि चोटिल होने की वजह से रोहित शर्मा साउथ अफ्रीका में होने वाली वनडे सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं हो सके और इस सीरीज के लिए कप्तानी की जिम्मेदारी केएल राहुल को सौंप दी गई.

विराट ने ये भी कहा था कि टी20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने का उनका फैसला अपना था लेकिन इस पर दोबारा सोचने के लिए बीसीसीआई की ओर से उन्हें कभी नहीं कहा गया था. लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की ओर से ऐसा बयान सामने आया था कि विराट को टी—20 की कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए कहा गया था जिसे उन्होंने नहीं माना था.

विराट ने इस मसले पर बैकफुट पर रहने की जगह फ्रंटफुट पर रह कर एक तरह से बीसीसीआई और इसके अध्यक्ष सौरव गांगुली के फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जता दी. भारतीय क्रिकेट के करीब 9 दशक के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब किसी खिलाड़ी ने कप्तानी से हटाए जाने पर खुले तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोर्ड के फैसले पर सवालिया निशान लगाया हो.

17 दिसंबर को इस मसले पर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कोलकाता में कहा था कि बोर्ड इस मसले पर कोई बयान नहीं देगा. गांगुली ने कहा था कि कोई बयान नहीं, कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं, हम इसे डील करेंगे, इसे बीसीसीआई पर छोड़ दीजिए.

इस घटनाक्रम पर कर्नल के नाम से मशहूर रहे बैट्समैन और 83 वर्ल्ड कप विनर टीम का हिस्सा रहे दिलीप वेंगसरकर ने खलीज टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा है कि गांगुली का चयनकर्ताओं की तरफ से बोलने का कोई मतलब ही नहीं बनता। गांगुली वर्तमान में बीसीसीआइ के अध्यक्ष हैं। अगर कोई भी बात टीम के चयन या कप्तान से जुड़ी हुई तो चयन समिति के चेयरमैन ही वो इंसान हैं जिनको बोलना चाहिए।"

जो भी हो 15 दिसंबर को कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बातें कही थीं, उनका पटाक्षेप ठीक एक महीने बाद 15 जनवरी को उनके टेस्ट कप्तानी छोड़ने के एलान के साथ हुआ.

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