सोशल मीडिया सेलेब्रिटी बनने या व्यूज़ पाने की सनक फंसा सकती है बड़ी मुसीबत में, चर्चित नामों को निशाने पर लेते हुए बंदूक चलाते रहना अवमानना के मुकदमों को न्योता देने जैसा, तिल का ताड़ बना कर अपने यूट्यूब चैनल्स की रीच बढ़ाने का फंडा कितना जायज़
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नई दिल्ली (28 सितंबर)।
सितंबर के इसी महीने में हमने देखा कि मध्य प्रदेश के छत्तरपुर में एक मंदिर परिसर में वीडियो बनाने के लिए एक लड़की पैरों में स्लिपर्स पहने ही फिल्मी गाने 'तेरी सैकेंड हैंड जवानी' पर ठुमके लगाने लगी. इससे कुछ दिन पहले एक लड़की इंदौर में भीड़ भरे चौराहे के ट्रैफिक सिग्नल पर अचानक पहुंच कर डान्स करने लगी. दोनों लड़कियों ने इंस्टाग्राम पर डान्स के वीडियो अपलोड भी किए जो वायरल हो गए.
अब देखते हैं इंदौर के भीड़ वाले ट्रैफिक सिग्नल पर क्या हुआ था. यहां मॉडल श्रेया कालरा ने ज़ीबरा क्रॉसिंग पर रेड सिग्नल होने पर डॉन्स करना शुरू कर दिया. मॉडल को दोजा कैट के वायरल सॉन्ग वीमेन पर ठुमके लगाते देख सारे राहगीर हैरानी से देखने लगे. श्रेया ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर 30 सेकेंड के डॉन्स के वीडियो को अपलोड किया. साथ ही कैप्शन में लिखा कि कानून मत तोड़िए- रेड सिग्नल का मतलब आपको सिग्नल पर रूकना है इसलिए नहीं कि मैं डान्स कर रही हूं और आप अपना मास्क पहनिए. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसका संज्ञान लिया जो इंदौर के गार्डियन मंत्री भी हैं. लड़की ने सफाई में बेशक ये कहा कि उसने ट्रैफिक नियमों और मास्क के लिए लोगों में जागरूकता जगाने के लिए किया. लेकिन मंत्री ने अथारीटीज को एक्शन लेने के निर्देश दिए. पब्लिक प्लेस पर नूसन्स के आरोप में लड़की के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 290 के तहत केस दर्ज किया गया.
#Indore में ट्रैफिक सिग्नल पर फ्लैश मॉब करने को लेकर मॉडल पर नियमों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) September 15, 2021
फ्लैश मॉब का भाव भले ही कुछ हो लेकिन तरीका गलत है।@mohdept @DGP_MP @jdjsindore pic.twitter.com/AgLOVKRhvl
ये दोनों मिसाल ही काफी है ये
बताने के लिए व्यूज़ के लिए कुछ भी करना कितनी परेशानी में भी डाल सकता है. इसलिए
अगर ऐसे वीडियो बनाने भी हैं तो पब्लिक प्लेसेज, धर्मस्थलों और अन्य भीड़ वाली
जगहों पर ऐसा करने से बचा जाए.
इसके अलावा कुछ यूट्यूबर्स भी
व्यूज़ पाने के लिए अवमानना की लकीर पार करने में कसर नहीं छोड़ रहे. वो चर्चित
चेहरों के नाम पर अपनी दुकान चलाना चाहते हैं. रिपोर्टिंग का एक उसूल होता है कि
संबंधित पक्षों से बात करके ही कुछ रिपोर्ट किया जाए. लेकिन यहां ऐसा कोई नियम
कायदा नहीं. जब चाहे किसी का भी मानमर्दन कर दो, कोई भी भड़काऊ हैडिंग लगा दो, कोई
फोटो लगा दो, कोई कहने सुनने वाला नहीं. ऐसी हरकतें करने वाले ये नहीं समझते कि
व्यूज़ पाने के चक्कर में किसी ने मानहानि का मुकदमा ठोक दिया तो लेने के देने पड़
जाएंगे.
कुकुरमुत्तों
की तरह उग आए यूट्यूब चैनल्स जम कर इन दिनों टीवी एंकर्स को निशाना बना रहे हैं. बिना
सोचे समझे कि ये एंकर्स अपने संस्थानों की पॉलिसी से बंधे हैं और सिर्फ़ अपनी
ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं. उनके लिए फुलटू बेइज्ज़ती, नाक कटा दी, जितने भी भारीभरकम शब्द होते हैं वो
इस्तेमाल किए जाते हैं, थंबनेल में भी उसी शख्स की फोटो लगाई
जाती है जिस पर निशाना साधा जा रहा है. ऐसा न करें तो उनके यूट्यूब चैनल पर कौन
झांकने आएगा.ऐसे ही लोगों के दम पर तो उनकी दुकानें चल रही है. पॉजिटिव और वैराइटी
वाला कंटेंट देने का बूता है नहीं.
इसके
अलावा राकेश टिकैत जैसे किसान नेता के दम पर भी कुछ यूट्यूब चैनल्स अपनी दुकानें
सजाए बैठे हैं. सही है राकेश टिकैत ज़मीनी नेता हैं और संघर्ष उन्हें अपने पिता
महेंद्र सिंह टिकैत से विरासत में मिला है. किसान आंदोलन पंजाब से शुरू हुआ लेकिन
राकेश टिकैत ही आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा बन गए हैं या बना दिए गए हैं. सरकार और
किसानों के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है. लेकिन जिन्होंने 80 का दशक देखा है, उन्हें याद है राकेश टिकैत के पिता
महेंद्र सिंह टिकैत या बाबा टिकैत ने ठेठ देसी अंदाज़ में उस वक्त देश के बड़े से
बड़े नेताओं को अपने सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. 28 अक्टूबर 1988 को दिल्ली के बोट क्लब पर बाबा टिकैत
की अगुआई में ऐतिहासिक किसान पंचायत कौन भूल सकता है. ये तो वक्त ही बताएगा कि
राकेश टिकैत अपने पिता की गज़ब की दूरदर्शिता तक पहुंच पाते हैं या नहीं.
अब सवाल ये उठता है कि वायरल
होने के लिए क्या खुद ही कंट्रोवर्सी भी खड़ी की जाती हैं?
Sham Idrees & Queen Froggy Instagram |
कनाडा में पाकिस्तान मूल की यूट्यूबर्स की जोड़ी के हालिया वाकये का जिक्र करना ज़रूरी है. शैम इदरीस और क्वीन फ्रॉगी के लाखों की संख्या में फॉलोअर्स हैं. हाल ही में उन्होंने ओंटेरियो में डीमेटियर्स रेस्तरां पर आरोप लगाया कि उनसे मुस्लिम होने की वजह से भेदभाव किया गया और महिलाओं के हिज़ाब पहने होने की वजह से उन्हें एंट्री नहीं दी गई. शैम इदरीस और क्वीन फ्रॉगी की ओर से इस घटना के छोटे क्लिप्स भी अपने हैंडल्स पर अपलोड किए गए. वहीं रैस्टोरैंट का कहना था कि कोविड-19 प्रोटॉकॉल्स लागू होने की वजह से सीमित गेस्ट्स को ही सर्व किया जा सकता था, इस वजह से यूट्यूबर्स और उनके साथ आए लोगों को सर्व करने से मना किया गया. यूट्यूबर्स की जोड़ी ने क्या व्यूज़ पाने के लिए तिल का ताड़ बनाया था. सोशल मीडिया यूजर्स ने इस जोड़ी को ही लताड़ लगाते हुए कहा कि ऐसी ही हरकतों की वजह से दुनिया में मुस्लिमों की छवि खराब होती है.
अभी दिल्ली में भी एक रेस्तरां में साड़ी पहने हुई महिला को एंट्री न देने का मामला सुर्खियों में है.
बहरहाल, जो भी है ये सारी
घटनाएं बताती हैं कि व्यूज़ के लिए कुछ भी करेगा वाला फंडा आपको बेशक कुछ आर्थिक
लाभ पहुंचा रहा हो लेकिन ये किसी दिन आपको बड़ी मुसीबत में भी फंसा सकता है.