भगाणा की चार बेटियों का दर्द...खुशदीप
मूलत: प्रकाशित- जनसत्ता, 26 अप्रैल, 2014 खबर, खबर होती है। खबर का कोई मजहब नहीं होता। न ही खबर की कोई जात या क…
रविवार, अप्रैल 27, 2014मूलत: प्रकाशित- जनसत्ता, 26 अप्रैल, 2014 खबर, खबर होती है। खबर का कोई मजहब नहीं होता। न ही खबर की कोई जात या क…
मूलत: प्रकाशित- हिन्दुस्तान, 24 अप्रैल 2014 आधे से ज्यादा आम चुनाव संपन्न हो जाने के बाद कई पुराने सवाल फिर सिर…
मूूलत: प्रकाशित - नवभारत टाइम्स, 21 अप्रैल 2014... “2014 का संदेश कमल और मोदी का है। ” “ कमल पर दबाये बटन से आ…
“ हर पुरुष की ज़िप पर ताला लगा दिया जाए और चाभी घर पर छोड़ दी जाए, बस यही आदेश देना बाकी रह गया है ” ...दिल्ल…
राजनीति को नई दिशा-परिभाषा देता युवा... मूलतः प्रकाशित- नई दुनिया-जागरण आई नेक्स्ट, 9 अप्रैल 2014 यंगिस्तान …
नमो खिचड़ी, रागा चॉकलेट, केजरी चना... अरे ओ सांभा, ये रामगढ़ वाले कौन सी चक्की का आटा खाते हैं रे...लेकिन आज सवा…
मुस्लिम वोट बैंक क्या हक़ीक़त है या सिर्फ़ एक भ्रम, इस मुद्दे पर आज मेरा एक लेख अमर उजाला कॉम्पैक्ट में छपा है। इस…
(खुशबतिया की तीसरी कड़ी आपके लिए हाज़िर है, मेरे इस प्रयास पर अपनी राय ज़रूर दीजिएगा) मजबूरी का नाम... …
पति, पत्नी और 'वो'... चुनावी ख़बरों की बमबारी...पतियों की मगज़मारी...पत्नियों की दुश्वारी...नेताओ…