नमो खिचड़ी, रागा चॉकलेट, केजरी चना...
अरे ओ सांभा, ये रामगढ़ वाले कौन सी चक्की का आटा खाते हैं रे...लेकिन आज सवाल ये है कि हमारे देश की पॉलिटिकल पार्टियों के नेता कौन सी चक्की का आटा खा रहे हैं...दिन भर देश में जगह जगह जाकर पूरी ताकत से शब्दों के बाण चलाते हैं...अगले दिन फिर तरोताजा होकर वही काम...क्या है इनकी इस ऊर्जा का राज़? कैसा है इनका खानपान? कैसे रखते हैं ये खुद को फिट?
वेबदुनिया पर इसी विषय पर है आज मेरा लेख।
अगर आप अपनी पार्टी के शीर्ष नेता हैं तो चुनाव प्रचार के लिए देश के कोने-कोने की खाक छाननी ही पड़ती है लेकिन इतनी ऊर्जा आख़िर कहां से आती है। ये नेता इतने टाइट शैड्यूल में खाते क्या हैं। हर नेता का खान-पान का अपना अंदाज़ है। बीजेपी के ‘पीएम उम्मीदवार’ नरेंद्र मोदी खिचड़ी के मुरीद हैं तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए चॉकलेट पहली पसंद है। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को डॉयबिटीज़ है, इसलिए वो डाइजेस्टिव बिस्किट और भुने चनों से भूख मिटाते हैं।
मोदी इन दिनों नवरात्र के नौ दिन के उपवास पर हैं। इसलिए नींबू और गर्म पानी का सेवन कर रहे हैं। मोदी वैसे भी अल्पाहारी हैं। नई जगहों पर वो खाने से बचते हैं। उनका खाना बनाने के लिए रसोइया उनके साथ रहता है। आम दिनों में वो गुजराती खाना, खास तौर पर शाम को खिचड़ी खाना ही पसंद करते हैं।
दूसरी ओर, राहुल गांधी अक्सर अपना नाश्ता नहीं लेते। उन्हें व्यस्त कार्यक्रम के दौरान ‘रेडी टू ईट’ नूडल्स खाते देखा जा सकता है। ‘मिंट’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार राहुल अधिक यात्रा वाले दिनों में डाइट कोला और लेमन जूस के सिप लेते रहते हैं। ये उन्हें डिहाइड्रेशन से बचाता है, लेकिन राहुल को चॉकलेट बहुत पसंद हैं। उनके मुताबिक चॉकलेट एनर्जी-लेवल बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा राहुल सी-फूड भी पसंद करते हैं।
अरविंद केजरीवाल मिर्च-मसाले वाले खाने से पूरी तरह परहेज़ करते हैं। जब वो दिल्ली में होते हैं तो उनकी पत्नी लंच-बॉक्स तैयार कर उन्हें देती हैं। व्यस्त दिनचर्या के दौरान केजरीवाल के सहयोगी ध्यान रखते हैं कि वो वक्त-वक्त पर फल या जूस लेते रहें। अक्सर उन्हें पार्टी के कार्यकर्ताओं के घरों पर भोजन के लिए रुकना पड़ता है। लेकिन साधारण खाना बनाने की पहले से ही हिदायत रहती है।
46 साल के केजरीवाल शुगर-लेवल कंट्रोल में रखने के लिए डाइजेस्टिव बिस्किट और भुने चनों से भूख मिटाते हैं। भोजन में मूंग की दाल उन्हें पसंद है। कोल्ड ड्रिंक्स से केजरीवाल बचते हैं। लेकिन कभी ठंडा पीना भी हो तो डाइट-कोला ही लेते हैं।
खुद को फिट रखने के लिए क्या करते हैं ये नेता...
मोदी, राहुल और केजरीवाल तीनों के अपनी काया के अनुसार स्वास्थ्य मानदंड अलग-अलग हैं। 63 साल के मोदी वजन के हिसाब से ओवरवेट (90 किलोग्राम) हैं। लेकिन वो अपनी फिटनेस को लेकर बहुत सजग हैं। उनके दिन की शुरुआत सुबह 5 बजे प्राणायम, योग और अपने गांधीनगर के आवास के बगीचे में टहलने से होती है। सुबह साढ़े सात बजे तक वो घर से निकलने के लिए तैयार हो जाते हैं। आजकल दिन में चार-चार रैलियों को संबोधित करने की वजह से मोदी ज़रूरी फाइल्स यात्रा के दौरान ही देखते हैं। दौरे पर वो कहीं भी जाएं लेकिन रात को वो घर आना ही पसंद करते हैं। उनका दिन अममून रात को डेढ़ बजे तक ख़त्म होता है।
केजरीवाल खाली वक्त मिलने पर योग और विपासना करते हैं। प्रचार के वक्त उनका दिन सुबह 6 बजे शुरू होता है। आधी रात तक उनकी व्यस्तता बरकरार रहती है। 44 साल के राहुल गांधी कितने भी व्यस्त हों, शाम को दौड़ के लिए ज़रूर वक्त निकालते हैं। कहीं चुनावी दौरे पर भी हो तो उनके लिए दौड़ने का मार्ग पहले से ही निर्धारित रहता है। दिल्ली में राहुल साइकिलिंग और स्विमिंग से भी खुद को फिट रखते हैं। इसके अलावा उन्हें बैडमिंटन और आइकिडो (जापानी मार्शल आर्ट की एक किस्म) का भी शौक है।
अरे ओ सांभा, ये रामगढ़ वाले कौन सी चक्की का आटा खाते हैं रे...लेकिन आज सवाल ये है कि हमारे देश की पॉलिटिकल पार्टियों के नेता कौन सी चक्की का आटा खा रहे हैं...दिन भर देश में जगह जगह जाकर पूरी ताकत से शब्दों के बाण चलाते हैं...अगले दिन फिर तरोताजा होकर वही काम...क्या है इनकी इस ऊर्जा का राज़? कैसा है इनका खानपान? कैसे रखते हैं ये खुद को फिट?
वेबदुनिया पर इसी विषय पर है आज मेरा लेख।
अगर आप अपनी पार्टी के शीर्ष नेता हैं तो चुनाव प्रचार के लिए देश के कोने-कोने की खाक छाननी ही पड़ती है लेकिन इतनी ऊर्जा आख़िर कहां से आती है। ये नेता इतने टाइट शैड्यूल में खाते क्या हैं। हर नेता का खान-पान का अपना अंदाज़ है। बीजेपी के ‘पीएम उम्मीदवार’ नरेंद्र मोदी खिचड़ी के मुरीद हैं तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए चॉकलेट पहली पसंद है। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को डॉयबिटीज़ है, इसलिए वो डाइजेस्टिव बिस्किट और भुने चनों से भूख मिटाते हैं।
मोदी इन दिनों नवरात्र के नौ दिन के उपवास पर हैं। इसलिए नींबू और गर्म पानी का सेवन कर रहे हैं। मोदी वैसे भी अल्पाहारी हैं। नई जगहों पर वो खाने से बचते हैं। उनका खाना बनाने के लिए रसोइया उनके साथ रहता है। आम दिनों में वो गुजराती खाना, खास तौर पर शाम को खिचड़ी खाना ही पसंद करते हैं।
दूसरी ओर, राहुल गांधी अक्सर अपना नाश्ता नहीं लेते। उन्हें व्यस्त कार्यक्रम के दौरान ‘रेडी टू ईट’ नूडल्स खाते देखा जा सकता है। ‘मिंट’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार राहुल अधिक यात्रा वाले दिनों में डाइट कोला और लेमन जूस के सिप लेते रहते हैं। ये उन्हें डिहाइड्रेशन से बचाता है, लेकिन राहुल को चॉकलेट बहुत पसंद हैं। उनके मुताबिक चॉकलेट एनर्जी-लेवल बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा राहुल सी-फूड भी पसंद करते हैं।
अरविंद केजरीवाल मिर्च-मसाले वाले खाने से पूरी तरह परहेज़ करते हैं। जब वो दिल्ली में होते हैं तो उनकी पत्नी लंच-बॉक्स तैयार कर उन्हें देती हैं। व्यस्त दिनचर्या के दौरान केजरीवाल के सहयोगी ध्यान रखते हैं कि वो वक्त-वक्त पर फल या जूस लेते रहें। अक्सर उन्हें पार्टी के कार्यकर्ताओं के घरों पर भोजन के लिए रुकना पड़ता है। लेकिन साधारण खाना बनाने की पहले से ही हिदायत रहती है।
46 साल के केजरीवाल शुगर-लेवल कंट्रोल में रखने के लिए डाइजेस्टिव बिस्किट और भुने चनों से भूख मिटाते हैं। भोजन में मूंग की दाल उन्हें पसंद है। कोल्ड ड्रिंक्स से केजरीवाल बचते हैं। लेकिन कभी ठंडा पीना भी हो तो डाइट-कोला ही लेते हैं।
खुद को फिट रखने के लिए क्या करते हैं ये नेता...
मोदी, राहुल और केजरीवाल तीनों के अपनी काया के अनुसार स्वास्थ्य मानदंड अलग-अलग हैं। 63 साल के मोदी वजन के हिसाब से ओवरवेट (90 किलोग्राम) हैं। लेकिन वो अपनी फिटनेस को लेकर बहुत सजग हैं। उनके दिन की शुरुआत सुबह 5 बजे प्राणायम, योग और अपने गांधीनगर के आवास के बगीचे में टहलने से होती है। सुबह साढ़े सात बजे तक वो घर से निकलने के लिए तैयार हो जाते हैं। आजकल दिन में चार-चार रैलियों को संबोधित करने की वजह से मोदी ज़रूरी फाइल्स यात्रा के दौरान ही देखते हैं। दौरे पर वो कहीं भी जाएं लेकिन रात को वो घर आना ही पसंद करते हैं। उनका दिन अममून रात को डेढ़ बजे तक ख़त्म होता है।
केजरीवाल खाली वक्त मिलने पर योग और विपासना करते हैं। प्रचार के वक्त उनका दिन सुबह 6 बजे शुरू होता है। आधी रात तक उनकी व्यस्तता बरकरार रहती है। 44 साल के राहुल गांधी कितने भी व्यस्त हों, शाम को दौड़ के लिए ज़रूर वक्त निकालते हैं। कहीं चुनावी दौरे पर भी हो तो उनके लिए दौड़ने का मार्ग पहले से ही निर्धारित रहता है। दिल्ली में राहुल साइकिलिंग और स्विमिंग से भी खुद को फिट रखते हैं। इसके अलावा उन्हें बैडमिंटन और आइकिडो (जापानी मार्शल आर्ट की एक किस्म) का भी शौक है।
Keywords:Election,Food,Fitness
बहुत दूर नजर मारी है :)
जवाब देंहटाएंसुशील जी,
हटाएंराजनीतिक सत्ता का नशा भी कुछ ऐसा होता है कि सरपट दौड़ा देता है...1991 में पी वी नरसिंह राव खराब स्वास्थ्य के चलते राजनीतिक वनवास की स्थिति में पहुंच गए थे...लेकिन पीएम बनते ही ऐसे तेवर अपनाए कि 10, जनपथ को भी अपने से नीचे समझने लगे थे..
जय हिंद..