स्त्री को पुरुष के बराबर नहीं होना चाहिए...
बल्कि आगे होना चाहिए...
बड़े बदलाव के लिए हर एक को छोटी शुरुआत करनी पड़ेगी...
और भी करना है....आगे....
जागो रे...जागो रे...सीरीज़ में टाटा चाय का बेहतरीन सामाजिक संदेश...जिसने भी इस एड का क्रिएटिव किया है, उसे मेरा सैल्यूट...शाहरुख़ ने इस एड के संदेश को अमल में लाना भी शुरू कर दिया है...उनकी रिलीज़ होने वाली अगली फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' के टाइटल में हीरोइन दीपिका पाडुकोण का नाम उनके नाम से पहले जाएगा..
दूसरी ओर, राजनेता लाख महिला सशक्तिकरण की बात करें...लेकिन उनकी कथनी और करनी में फ़र्क होता है...ये राजनेता हर चीज़ में अपना फ़ायदा ढूंढते है...चुनावी मौसम में ये महिलाओं को ज़्यादा अधिकार संपन्न बनाने की वक़ालत करते हुए मगरमच्छ के आंसू बहाते भी देखे जा सकते हैं...कन्या भ्रूण हत्या पर कलेजा चाक कर देने वाली बातें करते हैं...लेकिन सच्चाई जाननी है तो उनके क्षेत्र में ही जाकर देख लिया जाए कि महिलाओं की क्या दशा है...ये महिलाओँ का आह्वान करते हैं कि ट्विटर और फेसबुक पर उन्हें अपनी समस्याएं बताएं...ज्वलंत मुद्दों पर सुझाव दें...क्या सर्वहारा वर्ग की महिलाएं इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के इन औज़ारों का इस्तेमाल कर सकती हैं...जवाब आप और मैं सब जानते हैं...
चलिए आपने ये पढ़ लिया...अब बताइए इस मुद्दे पर आप खुद क्या करते हैं...चलिए हिंदी ब्लॉगर्स के लिए अब बढ़िया मौका है...कुछ कर दिखाने का...खास कर पुरुष ब्लॉगर्स के लिए...
हिंदी समेत 14 भाषाओं में ऑनलाइन सक्रियता की अलग-अलग विधाओं को बढ़ावा देने के लिए जर्मनी का अंतरराष्ट्रीय ब्रॉ़डकॉस्टर डॉयचे वेले बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स के तहत बॉब्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार देने जा रहा है...इसके लिए तीन अप्रैल से वोटिंग भी शुरू हो चुकी है...ये वोटिंग 7 मई तक चलेगी...इन पुरस्कारों के लिए 'हिंदी का बेहतरीन ब्लॉग' कैटेगरी में नामांकित किए गए दो ब्लॉग्स का ज़िक्र करना चाहूंगा...
स्त्री प्रश्नों पर केंद्रित हिंदी का पहला सामुदायिक ब्लॉग 'चोखेर बाली'
और
'The woman has arrived' का उद्घोष करता ब्लॉग 'नारी'...
स्त्री विमर्श के इन दोनों ब्लॉग्स में 'चोखेर बाली' की तुलना में 'नारी' अधिक सक्रिय है...'चोखेर बाली' की इस साल यानि 2013 में सिर्फ एक पोस्ट आई है...दूसरी ओर 'नारी' की इसी साल 29 पोस्ट आ चुकी हैं...लिंगभेद या जेंडर के आधार पर किए गए अधिकारों के बंटवारे के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद करने में 'नारी' कभी पीछे नहीं रहा...वैसे भी देखा जाए तो डॉयचे वेले का इन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों को देने का उद्देश्य ऑनलाइन एक्टिविज्म को सम्मान देना है...इस मापदंड पर भी 'नारी' खरा उतरता है...
तो अब आप भी 'नारी' को आगे करना चाहते हैं तो सोच क्या रहे हैं....फटाफट जाइए इस लिंक पर और श्रेणी वाले कॉलम में 'बेहतरीन हिंदी ब्लॉग' चुनिए और फिर वेबसाइट वाले कॉलम में 'नारी' ब्लॉग को चुनिए और दे दीजिए अपना वोट...लेकिन वोट देने से पहले आपको फेसबुक, ट्विटर या ओपन आईडी से खुद को लॉग करना होगा...24 घंटे में आप एक आईडी से एक बार ही वोट कर सकते हैं...यानि आप चाहें तो रोज़ एक बार अपनी पसंद के नामांकित ब्लॉग को वोट कर सकते हैं...
http://thebobs.com/hindi/category/2013/best-blog-hindi-2013/
(नारी की मॉडरेटर रचना जी से पूर्व में मेरे कुछ मुद्दों पर मतभेद रहे हैं, तीखी तकरार भी हुई है, लेकिन बॉब्स पुरस्कारों की दौड़ में मैं उन्हें आगे देखना चाहता हूं...सबसे आगे...)
हमने तो कल ही वोट कर दिया नारी ब्लॉग को। :)
जवाब देंहटाएंअनूप जी,
हटाएंआज फिर वोट करना होगा...7 मई तक रोज़ करना होगा...
जय हिंद...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज मंगलवार (09-04-2013) के मंगलवारीय चर्चा ---(1209)--करें जब पाँव खुद नर्तन (मयंक का कोना) पर भी होगी!
सूचनार्थ...सादर!
शास्त्री जी,
हटाएंआपका आभार...चर्चा के साथ 'नारी' ब्लॉग के लिए वोटिंग की भी अपील कीजिए...
जय हिंद...
:)
जवाब देंहटाएं:):)
हटाएंजय हिंद...
जवाब देंहटाएंखुशदीप भाई ,
नारी को सपोर्ट करके आपने एक बढ़िया पहल की है ..
मैं रचना को वोट दे चुका हूँ ...
वह निर्विवादित नहीं है मगर उनका सम्मान होना चाहिए....
एक्टिविस्ट विवादित ही होते है क्युकी वो उसके खिलाफ आवाज उठाते हैं जो बहुतो को सही लगता . आप नारी ब्लॉग की बात कहे रचना की नहीं तो बेहतर होगा सतीश :)
हटाएंसतीश भाई,
हटाएंसिर्फ़ आज पर ही नहीं रुकना है, अब 7 मई तक रोज़ वोट करना है...
जय हिंद...
kar diya
जवाब देंहटाएंवंदना जी,
हटाएंअब रोज़ करना है...
जय हिंद...
done
जवाब देंहटाएंShikha,
हटाएंTill 7th May done...dana..done...done...
Jai Hind
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंभाई फिल्म के टाईटल में हिरोईन का नाम पहले आने से कुछ नहीं होगा उनके रोल महत्वपूर्ण होने चाहिए।पर चलिए शुरूआत इस तरह ही सही।नारी और चोखेरबाली में वोट किसे दें बड़ा मुश्किल है हालाँकि ये बात तो है कि आम आदमी के ज्यादा निकट नारी ब्लॉग ही है।लेकिन फिर भी असमंजस में हूँ।क्या कोई ऐसा तरीका नहीं कि दोनों को चुना जा सके?
जवाब देंहटाएंbaat vote karnae ki haen din me ek baar ek vote
हटाएंtum alternate day kar lo
dono ko daetae raho
:)
राजन जी,
हटाएंरचना जी ठीक कहती हैं...
जय हिंद...
सिहांसन खाली करो - नारी आती है....:)
जवाब देंहटाएंबाबा जी,
हटाएंसिंहासन तो तब खाली होता है जब वहां पहले से कोई हो...यहां तो पहली बार का मामला है...
जय हिंद...
नारी नहीं बाली
जवाब देंहटाएंचोखेरबाली
अन्ना जी,
हटाएंहे ब्लॉगिंग के माली,
बैठे नहीं रहो ठाली,
वोट करो जनाबे आली...
जय हिंद...
यहाँ तो सारा मुकाबला सिर्फ तसलीम और नारी के बीच ही चलता दिख रहा है.
जवाब देंहटाएं'नारी' को और भी करना है...आगे...
हटाएंजय हिंद...
हम तो स्वतः पीछे हो जाते हैं।
जवाब देंहटाएंनव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!!
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