रेडियो तेहरान पर मेरा इंटरव्यू...खुशदीप



रेडियो तेहरान की हिंदी सेवा ने सौहार्द बढ़ाने के उद्देश्य से एक बेहतरीन श्रंखला चलाई...इसी के तहत मेरा इंटरव्यू भी लिया...इसमें मैंने यह बताने की कोशिश की-सांप्रदायिकता हो या दूसरे कोई फसाद, उनकी  मार सबसे ज्यादा गरीब तबको को ही सहनी पड़ती है, यह ऊंच-नीच का फर्क हमारे समाज  में सदियों से चला आ रहा है, जिसे सही शिक्षा कि रोशनी से ही दूर किया जा सकता है...यह भी बताया कि मेरा हिन्दू धर्म सही मायने  में मुझे क्या सिखाता है...

आप भी सुनिए यह इंटरव्यू....


 

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24 टिप्पणियाँ
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  1. बधाई!
    अदालत जा रहा हूँ। लौट कर पढ़ता हूँ।

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  3. वाह खुशदीप भाई आप ने बेहतरीन इंटरव्यू दिया है. हमारा समाज दो हिस्से मैं बाँट गया है . अमीर और ग़रीब. चाहे कोई फसाद हो या बाढ़ ,मरता बिचारा ग़रीब ही है.

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  4. बधाई ... बहुत ही लाजवाब इंटरव्यू है खुश्दीप भाई ... बहुत सफाई से अपनी बात रखी है आपने ...

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  5. बहुत महत्वपूर्ण साक्षात्कार है। इसे पठनीय आलेख बना कर आप हमारीवाणी पत्रिका को दीजिए।

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  6. महत्त्वपूर्ण उपलब्धि ।
    मुबारक हो ।
    अच्छे विचार प्रस्तुत किये हैं आपने ।

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  7. मुझे विश्वास है कि एक बड़ी ज्वलंत समस्या पर "बड़ी खबर" के प्रोडयूसर का इंटरव्यू लेना रेडियो तेहरान के लिए निश्चित ही महत्वपूर्ण रहा होगा !
    शुभकामनायें !

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  8. बहुत ही सुंदर बात कही आप ने,चाहे कोई फसाद हो या बाढ़ ,मरता बिचारा ग़रीब ही है.यही तो हे आज का सच, धन्यवाद

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  9. मेरे यहां ब्राडबैण्ड परेशान कर रहा है... शायद कल तक सुन पाऊं..

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  10. कलम स्वस्थ विचारों की ओढ़नी ओढ़ती रहे ... बिखरे दिलों को जोड़ती रहे ... इस तरह की जंग जारी रहे ... वो सुबह जरूर आएगी । जय हिंद
    - सी पी बुद्धिराजा

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  11. बहुत बहुत बधाई खुशदीप भाई.

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  12. बहुत ही लाजवाब इंटरव्यू|आपको बहुत-बहुत बधाई|

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