275 साल बाद फिर हुआ महायुद्ध...खुशदीप
जी हां, आज 93 मिनट में मैंने 275 साल पहले के काल को जिया..आप कह रहे होंगे कि क्या लंबी छोड़ने बैठ गया हूं...या मैं भी भ…
बुधवार, जून 30, 2010जी हां, आज 93 मिनट में मैंने 275 साल पहले के काल को जिया..आप कह रहे होंगे कि क्या लंबी छोड़ने बैठ गया हूं...या मैं भी भ…
Khushdeep Sehgal बुधवार, जून 30, 2010सांची कहे तोरे आवन से हमरे, अंगना में आई बहार भोजी... नदिया के पार का बड़ा हिट गाना है ये...लेकिन आज मुझे क्यों याद …
Khushdeep Sehgal मंगलवार, जून 29, 2010दो सूरतें जो आपकी शख्सीयत को तय करती हैं- पहली सूरत... आप अपने बारे में क्या सोचते हैं, जब आपके पास कुछ भी नहीं हो…
Khushdeep Sehgal सोमवार, जून 28, 2010कल आप से वादा किया था कि आपको भारत-पाकिस्तान सरहद के कुछ अनछुए पहलुओं से रू-ब-रू कराऊंगा...63 साल पहले सरहद नाम की आभास…
Khushdeep Sehgal रविवार, जून 27, 2010पंछी, नदिया, पवन के झोंके, कोई सरहद न इनको रोके, सरहदें इनसानों के लिए है, सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इनसां होके.…
Khushdeep Sehgal शनिवार, जून 26, 2010कुछ दिन पहले खबर आई थी कि औद्योगिक उत्पादन की दर ने देश में कृषि उत्पादन को कहीं पीछे छोड़ दिया है...यानि अब अपना देश क…
Khushdeep Sehgal शुक्रवार, जून 25, 2010संसार में सबसे खुशकिस्मत इनसान कौन है... सबसे खुशकिस्मत इनसान वो है जिसके बेटे की फोटो बिज़नेस वर्ल्ड के कवर पर छ…
Khushdeep Sehgal गुरुवार, जून 24, 2010आजकल कोई किसी को रिश्ता नहीं बताता...संयुक्त परिवार रहे नहीं, न्यूक्लियर फैमिलीज़ का चलन है...ऐसे में शादी लायक बेटे-बे…
Khushdeep Sehgal बुधवार, जून 23, 2010क्या कहा नापसंद का चटका लगाना है...अरे कहां लगाऊं...ये चिट्ठा जगत, इंडली, ब्लॉग प्रहरी वालों ने ऑप्शन ही नहीं छोड़ रखा…
Khushdeep Sehgal मंगलवार, जून 22, 2010ब्लॉगवाणी कॉमा में है, सीता जी की दुविधा को लेकर ऐसी अटकी है कि सुलझने का नाम ही नहीं ले रही है...डॉक्टर भी नहीं बता प…
Khushdeep Sehgal सोमवार, जून 21, 2010अस्सी के दशक के शुरू में नर्गिस की कैंसर से मौत के बाद उनके पति सुनील दत्त ने एक फिल्म बनाई थी दर्द का रिश्ता ...उस फि…
Khushdeep Sehgal रविवार, जून 20, 2010एक शादीशुदा जोड़ा...उम्र 65 के आसपास...दोनों शादी की चालीसवीं सालगिरह मनाने के लिए बेहद खूबसूरत रेस्तरां पहुंचे...हल्क…
Khushdeep Sehgal शनिवार, जून 19, 2010लाला लाजपत राय का नाम कौन नहीं जानता...शहादत की दुनिया में पंजाब केसरी का नाम बड़े मान से लिया जाता है...देश को ब्रिटि…
Khushdeep Sehgal शुक्रवार, जून 18, 2010ब्लॉग जगत में रह रह कर नारी-पुरुष को लेकर बहस छिड़ जाती है...लेकिन आज एक ऐसा फॉर्मूला हाथ लगा है कि बहस की कोई गुंजाइश …
Khushdeep Sehgal गुरुवार, जून 17, 2010कर्नाटक के शिमोगा की मैंने एक ऐसी घटना पढ़ी कि मेरी रूह भी कांप गई...सड़क पर ठेले या खोमचे वालों से खाने-पीने की चीज़ो…
Khushdeep Sehgal बुधवार, जून 16, 2010पिछले कई दिनों से एक ब्लॉगर लापता है...कई ब्लॉग होने के बावजूद इस ब्लॉगर की कोई ख़बर नहीं मिल रही...बेहद संवेदनशील ये ब…
Khushdeep Sehgal मंगलवार, जून 15, 2010भाई राम त्यागी की पोस्ट पढ़ रहा था...उसमें उन्होंने दुनिया के जानेमाने अरबपति वारेन बफ़ेट का ज़िक्र किया था...सरल और …
Khushdeep Sehgal सोमवार, जून 14, 2010दो दिन से मेरठ था...आज आकर नेट खोला तो सतीश सक्सेना भाई की पोस्ट और अविनाश वाचस्पति भाई की ईमेल... शहरोज़ भाई को ले…
Khushdeep Sehgal रविवार, जून 13, 2010इस दुनिया को काफ़ी दर्द सहना पड़ता है... इसलिए नहीं कि बुरे लोग हिंसा और उत्पात मचाते हैं... बल्कि इसलिए कि अच्छे ल…
Khushdeep Sehgal शनिवार, जून 12, 2010मेरे दोस्त पीटर और उसकी पत्नी रबैका के बीच लड़ाई की शुरुआत कैसे होती है... पीटर रबैका को कैंडल डिनर के लिए रेस्तरां…
Khushdeep Sehgal शुक्रवार, जून 11, 2010ज़रा सामने तो आओ छलिए, छुप-छुप छलने में क्या राज़ है, यूं छुप न सकेगा परमात्मा, मेरी आत्मा की ये आवाज़ है... …
Khushdeep Sehgal गुरुवार, जून 10, 2010भगवान ने गधा बनाया और उससे कहा... तुम गधे रहोगे...सूरज उगने से लेकर डूबने तक पीठ पर बोझ उठाने का काम करोगे...वो भी …
Khushdeep Sehgal बुधवार, जून 09, 2010जीत की खुशी का इज़हार करना आसान होता है... हार को गरिमा के साथ स्वीकारना बहुत मुश्किल... हर रात सपना देखना …
Khushdeep Sehgal मंगलवार, जून 08, 2010टेलीफोन डायरेक्टरी में जगह बनाना आसान होता है... किसी के दिल में जगह बनाना बहुत मुश्किल... दूसरों की गलतियां नि…
Khushdeep Sehgal रविवार, जून 06, 2010एक शख्स अपनी नई कार को पॉलिश से चमका रहा था...तभी उसके चार साल के बेटे ने एक नुकीला पत्थर उठा कर कार पर कुछ उकेर दिया..…
Khushdeep Sehgal शनिवार, जून 05, 2010गोल्ड एफएम पर आज हीर रांझा का एक गीत सुना... कैफ़ी आज़मी के बोल... मदन मोहन का संगीत... रफ़ी साहब की आवाज़ ...आप सब …
Khushdeep Sehgal शनिवार, जून 05, 2010क्रोध वो अवस्था होती है जिसमें जीभ दिमाग़ से तेज़ काम करती है...आप अतीत तो नहीं बदल सकते लेकिन आने वाले कल की चिंता में…
Khushdeep Sehgal बुधवार, जून 02, 2010