एक शादीशुदा जोड़ा...उम्र 65 के आसपास...दोनों शादी की चालीसवीं सालगिरह मनाने के लिए बेहद खूबसूरत रेस्तरां पहुंचे...हल्का हल्का रोमांटिक संगीत...ऊपर से कैंडल लाइट डिनर का मज़ा...
अचानक उनके टेबल पर कहीं से नन्ही परी पहुंची...
परी ने कहा...आप दोनों इतने अच्छे, एक-दूसरे को समझने वाले, हर वक्त प्यार करने वाले पति-पत्नी हैं...मैं दोनों की एक-एक इच्छा पूरी कर सकती हूं...
ये सुनते ही पत्नी ने कहा...सच, मैं पति के साथ पूरी दुनिया की सैर करना चाहती हूं...
परी ने अपनी जादू की छड़ी घुमाई...फौरन दुनिया की सैर कराने वाले आलीशान क्रूज़ की आल-पेड वर्ल्ड टूर की दो टिकट आ गईं...
ये सब चल रहा था कि पति गहरी सोच में डूबा रहा...वो बस परी और पत्नी के बीच चल रही बातचीत को गौर से सुन रहा था...
काफ़ी मनन करने के बाद बोला...डॉर्लिंग हाऊ रोमांटिक यू आर...लेकिन ये ऐसा मौका है जो ज़िंदगी में दोबारा कभी नहीं आएगा...माई लव, आई एम सॉरी...मैं चाहता हूं कि मुझे अपने से कम से कम 30 साल छोटी पत्नी मिल जाए...
ये सुनकर पत्नी और परी दोनों ही बहुत निराश हुए...लेकिन क्या किया जा सकता था...परी इच्छा पूरी करने का वादा जो कर चुकी थी...वादा वादा होता है...
परी ने जादू की छड़ी घुमाई...और....और...
...
...
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पति 95 साल का हो गया...
निष्कर्ष...बेवफ़ा लेकिन बेवकूफ़ पतियों को याद रखना चाहिए कि परियां मेल नहीं फीमेल होती हैं...
सर जी, बता रहे हैँ या याद दिलवा रहे हैँ ?
जवाब देंहटाएंजय हिन्द ।
अच्छा अंदाज़ !! ज़िन्दगी के लुत्फ़ ..समय हो तो पढ़ें जीने का तमाशा http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/2010/06/blog-post_18.html
जवाब देंहटाएंशहरोज़
वाह क्या बात है। चिराग का गुलाम जिन भी हमेशा पुरुष ही होता है। परी कभी भी परा नहीं होता। वैसे बता दिया इसका शुक्रिया। अब तक तो नहीं मिली परि, अगर मिलेगी तो ध्यान रखूंगा।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबब्बू मान अगर प्रसिद्ध गायक है तो पंजाब का हर बंदा महान गायक है। मस्ती और संगीत पंजाब की फिंजा में घुली हुई है। इसका मतलब यह नहीं कि हर कोई गुरदास मान या दलेर मेहंदी हो गया है। मान जैसे जाने कितने गायक पंजाब के हर शहर में भरे हुए हैं। ऐसी हरकत करने वाले लोगो का बहिष्कार अब खुलकर करना होगा।
जवाब देंहटाएंवैसे भी आजादी के दीवानों के योगदान को कम करने की साजिश पुरानी है।
लालाजी की जहां तक बात है तो उनकी मौत लाठी चार्ज के कारण ही हुई थी। उनकी मौत का ही शहीदे आजम भगत सिंह ने बदला लिया था, ये सर्वविदित है।
एक बात औऱ शायद इन नालायकों को न मालूम हो।
लालाजी की मौत के बाद चितरंजन दास की पत्नी ने एक तकरीर के दौरान भारतीय नौजवानों को ललकारा था कि क्या कोई माई का लाल नहीं है जो लालाजी की मौत का बदला ले सके।
अगर वो सर्वमान्य नेता नहीं थे उन्हें क्या जरुरत थी इस तरह ललकारने की। और उनकी ललकार के बाद भगत सिंह को बदला लेने की। बाल-पाल की तिकड़ी ही गांधी जी पहले भारत के प्रतिक थे। इन्हीं लोगो के द्वारा मजबूत की गई जमीन पर गांधी जी ने आजादी का इतिहास रचा था।
आजादी के दौर में हर इंसान की कमियों को कभी भी उजागर नहीं किया गया क्योंकि देश के लिए लड़ने वाले योद्धाओं के योगदान को देखा जाता है न कि कमियों को।
प्रसिद्धी का घमंड लोगो ने जाने कितने नीच काम कराता है, ये फिर से दिख गया है।
खुशदीप जी सॉरी पिछली पोस्ट का कमेंट भी यहां कर दिया है।
वाह !!बेहतरीन ....प्रस्तुती .
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंहा हा हा…………………ये हुई ना बात्।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब। क्या आज ब्लागवाणी बन्द हो गया? कोई नई पोस्ट नही आ रही। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंशुक्र है बचा लिया आपने वरना मैं भी यही मांगता अगर कोई परी मिलती तो
जवाब देंहटाएंअब प्लान चेंज मैं तो पत्नी के बदले परी को ही साथ ले जाऊंगां टूर पर
हे हे हे हा हा हा
(भगवान गंजे को नाखून नही देता)
प्रणाम
हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंनिष्कर्ष...बेवफ़ा लेकिन बेवकूफ़ पतियों को याद रखना चाहिए कि परियां मेल नहीं फीमेल होती हैं...
क़ायल हो गया आपकी कहानी अर्थात सीख का !!!
मेरे पास अगर यह परी आ गई तो वापिस केसे जायेगी :) बांध कर रख लुंगा
जवाब देंहटाएंSir!! lagta hai ............aapne bhi aisee hi koi wish sochi thi............aur sapna tut gaya...ha ha ha ha :D
जवाब देंहटाएंha ha ha ..ये बात ....मजा आ गया ..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन :-) बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंआप पढ़िए:
चर्चा-ए-ब्लॉगवाणी
चर्चा-ए-ब्लॉगवाणी
बड़ी दूर तक गया।
लगता है जैसे अपना
कोई छूट सा गया।
कल 'ख्वाहिशे ऐसी' ने
ख्वाहिश छीन ली सबकी।
लेख मेरा हॉट होगा
दे दूंगा सबको पटकी।
सपना हमारा आज
फिर यह टूट गया है।
उदास हैं हम
मौका हमसे छूट गया है..........
पूरी हास्य-कविता पढने के लिए निम्न लिंक पर चटका लगाएं:
http://premras.blogspot.com
बहुत बढ़िया...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंपरियां मेल नहीं फीमेल होती हैं..हा हा!! याद रखेंगे. :)
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