सड़क पर चटखारे लेने के शौकीन हैं, संभल जाइए...खुशदीप

कर्नाटक के शिमोगा की मैंने एक ऐसी घटना पढ़ी कि मेरी रूह भी कांप गई...सड़क पर ठेले या खोमचे वालों से खाने-पीने की चीज़ों का लुत्फ़ उठाना इतना ख़तरनाक भी हो सकता है...सोच रहा हूं इस मुद्दे पर देश में जागरुकता बहुत कम है और हम बिना सोचे समझे कहीं भी खड़े होकर बिना हाइजिन का ध्यान किए कुछ भी खाने-पीने लगते हैं...स्वाद-स्वाद के चक्कर में भले ही सेहत का कितना भी कबाड़ा क्यों न कर लें...

शिमोगा में दस साल के एक बच्चे ने अन्नानास (पाइनेपल) खाया और बीमार पड़ गया...कई दिन तक कोई आराम न आने पर उसे डॉक्टरों को दिखाया गया तो डायग्नोस में बच्चा एड्स से संक्रमित निकला...इसके बाद बच्चे के परिवार के हर सदस्य का चेक-अप कराया गया...किसी भी सदस्य को एड्स नहीं निकली...फिर डॉक्टरों ने पता लगाने की कोशिश की बच्चे का बाहर किसी व्यक्ति से संपर्क रहा हो या उसने बाहर किसी से कुछ लेकर खाया हो...तो बच्चे ने बताया कि उसने दो हफ्ते पहले स्कूल के बाहर एक खोमचे वाले से कटा हुआ पाइनेपल लेकर खाया था...

डॉक्टरों की टीम ने फौरन उस खोमचे वाले का पता लगाया...उस खोमचे वाले की उंगलियों में कई कट थे...और वो जब भी पाइनेपल काटता था तो उसके रक्त की कुछ बूंदे पाइनेपल तक पहुंच जाती थी...खोमचे वाले का पूरा चेकअप किया गया तो डॉक्टरों को जो अंदेशा था वो सही निकला...खोमचे वाला एड्स का शिकार था...ताज्जुब ये कि खोमचे वाले को खुद भी नहीं पता था कि वो किस ख़तरनाक बीमारी से पीड़ित है...




इसलिए कृपया सभी सजग रहिए...रोडसाइड या अनहाइजिनिक जगह पर कुछ भी खाएं तो पूरे सावधान रहें...

डिस्क्लेमर- ये एजेंसी की रिपोर्ट मैंने पढ़ी...इसे लेकर कुछ संशय भी मेरे मन में जागे...आशा है कि डॉ अमर कुमार , डॉ टी एस दराल मेरे इन संशयों को दूर करने की कृपा करेंगे...ये सबके स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है, इसलिए विस्तार से कोई रिपोर्ट भी अपने ब्लॉग पर लिखें तो सबका भला होगा...जहां तक मैं समझता हूं, संक्रमित रक्त या अनप्रोटेक्टेड सेक्स से कोई भी इनसान पहले एचआईवी से संक्रमित होता है...बाद में यही संक्रमण एड्स में तब्दील हो जाता है....अब पता नहीं एजेंसी की रिपोर्ट लिखने वाले का आशय एड्स से था या एचआईवी संक्रमण से...लेकिन क्या इस तरह खाने-पीने की चीज़ों से भी एड्स का वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है...डॉक्टर साहिबान के जवाब के इंतज़ार में...

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33 टिप्पणियाँ
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  1. agar ese AIDS fail sakta hai to ye gambhir baat hai. Dhyan dena padega.

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  2. ये तो बहुत ही गम्भीर बात है और इसके बारे में पूरी जानकारी सभी को होनी भी जरूरी है………………शुक्रिया।

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  3. खुशदीप जी..

    ये बिलकुल गलत स्टोरी है... एसी कई कहानिया इंटरनेट पर घूमती है.. ये साईट देखे.. http://www.snopes.com/horrors/food/pineapple.asp

    आपसे निवेदन है की आप इस पोस्ट के अंत में इसके भ्रान्ति होनो की सूचना लगा दे.. ताकि के बीमारी और नहीं फैले...

    अपने मित्रों से अक्सर निवेदन करता हूँ.. की किसी इमेल को Fw करने से पहले उसकी सत्यता परख लें.. ऐसा न हो अनजाने में हम भी कहीं किसी गलत बात का पप्रचार कर बैठे...

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  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  5. रंजन भाई,
    लगता है आपने प्रतिक्रिया देने से पहले डिस्क्लेमर को शायद पढ़ा नहीं...मैंने डिस्क्लेमर में अपनी शंकाओं के लिए इसीलिए डॉक्टर अमर कुमार और डॉक्टर टी एस दराल से ब्लॉगवुड को वस्तुस्थिति से पूरी तरह अवगत कराने का अनुरोध किया है...ख़बर की सत्यता को लेकर शोध अलग विषय है...किंतु इसमें उठाया गया मुद्दा ज्वलंत और हम सब की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाला है...क्या बिना सोचे समझे कहीं भी कुछ भी खाने के लिए तैयार हो जाना सही है...हाइजिन का ध्यान तो रखना ही चाहिए...मेरी समझ से ये विषय जागरूकता लाने के लिए ज़रूरी है, इसीलिए मैंने इसे पोस्ट में उठाना ज़रूरी समझा...आपको इससे असुविधा हुई, उसके लिए मुझे खेद है...

    जय हिंद...

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  6. खुशदीप भाई , रिपोर्ट सही नहीं लगती ।
    एड्स के प्रमुख कारण :
    इसके ४ मुख्य कारण हैं ---
    १- अनैतिक , असुरक्षित यौन संबध ।
    यानि असुरक्षित प्री-मेराईतल या पोस्ट- मेराईतल सेक्स।---
    समलैंगिक सम्बन्ध।--- वेश्यावर्ती ।--- एच आई वी पोजिटिव पति या पत्नी से असुरक्षित यौन सम्बन्ध।
    २ -एच आई वी पोजिटिव ब्लड ट्रांसफ्यूजन।
    ३ -नशा करने के लिए उपयोग की गई सूई , विशेषकर जब एक ही सूई से कई लोग नशा करते हों।
    ४ -एच आई वी पोजिटिव गर्भवती महिला से शिशु को एड्स हो सकती है।
    इन कारणों से एड्स नहीं फैलता :
    सामान्य संपर्क से
    हाथ मिलाने से
    गले लगाने से
    आलिंगन या चुम्बन से
    साथ खाना खाने से
    एक ही तालाब में स्नान करने से
    कीड़े या मच्छर के काटने से
    एड्स होने में कम से कम तीन महीने लगते हैं । इसलिए टेस्ट करने के तीन महीने के अन्दर हुआ संक्रमण पोजिटिव नहीं आता । यानि नेगेटिव होने का मतलब नेगेटिव नहीं है , जब तक तीन महीने बाद भी नेगेटिव नहीं आता ।

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  7. खुशदीप भाई: डिस्क्लेमर पढ़ा.. हालाँकि मुझसे राय नहीं मांगी गई. पर मैं इस बारे में पहले ही पढ़ चुका था इसलिए अपनी राय व्यक्त कर दी...

    मुझे डर है की आपकी पोस्ट देख कर लोग इस घटना को सच्ची बात मान कर प्रतिक्रिया देगें.. और आगे भी इसका उल्लेख करेंगे...

    हाइजिन जरुरी है.. पर एच आई वी अलग मामला है.. और चुकीं एच आई वी को लेकर आई भ्रान्तिया है.. इसलिए जरुरी समझा की कम से कम स्ट्रीट फूड को इससे न जोड़ा जाए..

    माफी चाहूँगा अगर मैं अपनी बात सही तरीके से न रख पाया..

    thanks

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  8. खाने पीने से होने वाली बीमारियों की ओर अच्छा ध्यान दिलाया है आपने । जल्दी ही इस पर एक पोस्ट लिखने का विचार है ।

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  9. डॉ. साहेब ने भी अपनी राय दे दी...

    थैंक्स..

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  10. डॉक्टर टी एस दराल सर,
    अगर किसी संक्रमित व्यक्ति का रक्त किसी भी माध्यम से ओरली (खाने या किस) के माध्यम से शरीर में पहुंच जाए तो क्या असर पड़ सकता है...क्या इससे संक्रमित होने का खतरा रहता है...

    जय हिंद...

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  11. खुशदीप जी ,खाने और किस करने से नहीं होता । यह निश्चित है ।
    एड्स के वायरस जब तक सीधे खून में नहीं जाते तब तक एड्स नहीं होता

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  12. मांफ कीजिये , किसी कारण वश अब शाम को ही बात हो पायेगी ।

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  13. रंजन भाई ने सही कहा, कि ऐसी कई फ़र्जी ईमेल घूमती रहती हैं और कई तो कई साल बाद भी घूम-फ़िरकर मेल बॉक्स में आती रहती हैं।

    सड़क किनारे खाने वालों को खतरे के बारे में मैंने एक पोस्ट में मुम्बई के मिड-डे के हवाले से चित्र सहित बताया था कि शवगृहों और पोस्टमार्टम केन्द्र से बचा हुआ बर्फ़ सस्ते में नींबू पानी वाले खरीद रहे हैं। अब सोचिये, कैसा लगेगा नींबू पानी… :)

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  14. hmm रिपोर्ट सही हो या गलत.. वैसे डॉ. साहब ने शंकाओं का समाधान कर दिया है ..पर हाइजीन का मामला है ..स्ट्रीट फ़ूड में सावधानी तो बरतनी चाहिए .

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  15. खुशदीप भाई, बढ़िया जानकारी दी आपने ............वैसे इस विषय पर सटीक जानकारी होनी ही चाहिए ! भाई, जान है तो जहान है !

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  16. किसी भी संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का ख्याल तो रखना ही चाहिए ...

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  17. 40% abadi sadak par hi khati hai roj dopahar ka khan.

    kisko - kisko rokenge.

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  18. इस तरह से एड्स हो या न हो पर इसके अनेक खतरे है जो एड्स से कम नहीं हैं. वैसे दराल सर ने स्पष्ट कर ही दिया.

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  19. अगर मच्छर एड्स वाले को काटे फ़िर मुझे .... तो क्या सम्भावना बनेअगी

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  20. चलिए दराल सर ने स्पष्ट कर ही दिया..

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  21. अच्छा हुआ आप सबके कमेन्ट से पता लग गया कि किस करने से एड्स नहीं होता.... ही ही ही ही ......

    जय हिंद....

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  22. एड्स की बात तो सही नहीं है लेकिन इस बात से सहमति कि बाहर की कोई भी चीज खाते समय स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिये और साफ सुथरी जगह और लोगों से ही चीज खरीदी जाये तो बेहतर हो..

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  23. आपकी पोस्‍ट से लोगों के भ्रम दूर हुए यह अच्‍छा हुआ।

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  24. fir bhi ek prash hai mere dimaag me...agar do logon ke shareer pe ghaav hota hai aur unme se koi sankramit hai aur aap nahi jaante aur agar ghaav kisi bhi wajah se aapas me ragad khaate hain to aids hoga ya nahi...ya fir agar sankramit vyakti ke gale me koi ghaav hai jisse khhon nikal raha ho...aur saamne waale ke shareer pe bhi khula ghaav ho...to kya sankramit ke khaansne se aids ho sakta hai... ?????

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  25. डॉ. साहब ने शंकाओं का समाधान कर दिया है ..पर हाइजीन का मामला है ..स्ट्रीट फ़ूड में सावधानी तो बरतनी ही चाहिए...जान है तो जहान है...
    विचारणीय पोस्ट

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  26. सड़क पर बिक रहे खाने से सावधानी तो बरतना ही चाहिए
    एड्स नहीं तो अन्य बिमारियाँ तो हो ही जाती हैं
    जैसे टीबी और पीलिया इत्यादि।

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  27. अरे बाप रे!!! रूह कंपा देने वाली पोस्ट!!! वैसे मैं कभी भी खोमचे वालों से कुछ खरीदने के पक्ष में नहीं रहती फिर भी..... बहुत-बहुत ज़रूरी पोस्ट है ये. आभार.

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  28. क्या बतायें नींद में क्यों रोटी हमे दिखती रही
    हमने तो ग़म के सिवा और कुछ खाया न था
    ( शायर - शरद कोकास )

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  29. दिलीप भाई,
    जो शंका आपको है, वही शंका मेरे मन में भी थी...लेकिन डॉक्टर दराल ने साफ किया है कि खाने या किस करने से एड्स नहीं होती...जब तक संक्रमित रक्त स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में घुल नहीं जाता एड्स के वायरस स्वस्थ व्यक्ति को शिकार नहीं बना सकते...लेकिन फिर भी मान लीजिए कोई स्मूच (किस और स्मूच का फर्क सभी को पता होगा) करता है...और संक्रमित व्यक्ति का रक्त घाव या कट होने की वजह से स्वस्थ व्यक्ति के रक्त से मिल जाता है तो क्या फिर भी स्वस्थ व्यक्ति संक्रमण से बचा रहेगा...खैर हमें क्या, जिस गली हमने जाना नहीं, उसकी फ़िक्र क्यों करें...

    जय हिंद...

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  30. एड्स का किटाणु तो खुली हवा में तीन सेकेंड से ज्यादा जिंदा नहीं रहता। अगर इस तरह से एड्स होता तो नाई के पास सेव बनवाने में भी खतरा होता। जो कि गलत सिद्द किया जा चुका है।

    पर डर तो लगता ही है कि मेडिकल वाले कब अपनी ही रिपोर्ट को गलत बता दें। हीहीहीही

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  31. chalo ji ant bhala to sab bhala...
    lekin safaai ke hisaab se khomchon ka khana na hi kahaya jaay to accha hai...
    acchi post hai...kam se kam isi bahane baat to saamne aayi aur kuch baaton ka khulaasa hua ...
    aapka abhaar..

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  32. चिन्ताजनक बात है। ये तो अनजाने मे हुया लेकिन अस्पतालों और प्राईवेट कलिनिक शायद इस बीमारी के फैलने के सब से बडे अड्डे हैं। अच्छा विषय उठाया है आशीर्वाद्

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