वारेन बफ़ेट ने अपना पहला शेयर ग्यारह साल की उम्र में खरीदा था...उन्हें इस बात का अफ़सोस है कि उन्होंने ये काम लेट शुरू किया...
उस वक्त चीज़ें बड़ी सस्ती थी...अपने बच्चों को निवेश करना सिखाइए...
वारेन बफ़ेट ने अखबारों की डिलीवरी से हुई बचत को जो़ड़कर 14 साल की उम्र छोटा फॉर्म हाउस खरीदा...
छोटी छोटी सी बचत से कई चीज़ें खरीदी जा सकती है...
बच्चों को उद्यमिता का महत्व समझाइए...
वारेन बफ़ेट अब भी ओमाहा में उसी तीन बे़डरूम के मकान में रहते हैं जो उन्होंने पचास साल पहले शादी के बाद खरीदा था...
अपनी वास्तविक ज़रूरत से ज़्यादा कभी कुछ मत खरीदो...बच्चों को भी इस आदत के लिए प्रोत्साहित कीजिए...
वारेन बफ़ेट अपनी कार खुद ड्राइव करते हैं...न ड्राइवर उनके साथ होता है और न ही बॉडीगार्ड्स...
आप जो हैं सो हैं...
वारेन बफ़ेट कभी यात्रा के लिए निजी जेट का इस्तेमाल नहीं करते...जबकि वो खुद दुनिया की सबसे बड़ी निजी जेट एयरलाइंस के मालिक हैं...
हमेशा ध्यान रखिए कि आप कोई काम कितने कम से कम खर्च में कर सकते हैं...(हां, गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए)...
सही लोगों को सही काम की ज़िम्मेदारी दीजिए और उन पर भरोसा करना सीखिए...
वारेन बफ़ेट कभी हाई सोसायटी के साथ मिक्सअप नहीं होते...घर आकर फुर्सत में खुद के लिए पॉपकॉर्न्स बनाकर टेलीविजन देखना पसंद करते हैं...
कभी शो-ऑफ मत करिए...अपनी पहचान बनाए रखिए और वही करिए जिसे करने में आपको आनंद आता है...
वारेन बफ़ेट के पास न सेल फोन है और न ही उनकी डेस्ट पर कंप्यूटर...
पांच साल पहले माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने वारेन बफ़ेट से पहली मुलाकात की...बिल गेट्स समझते थे कि उनमें और वारेन बफ़ेट में कुछ भी समान नहीं होगा...इसलिए उन्होंने मुलाकात का वक्त सिर्फ आधा घंटा निर्धारित किया...लेकिन मुलाकात शुरू हुई तो दस घंटे तक बदस्तूर चलती रही...और उस दिन के बाद से बिल गेट्स खुद को वारेन बफ़ेट का मुरीद मानने लगे...
युवा पीढ़ी को वारेन बफ़ेट की सलाह...
क्रेडिट कॉर्ड (कर्ज़) से दूर रहें और खुद में ही निवेश करें...
याद रखिए आदमी ने पैसे को बनाया है, पैसे ने आदमी को नहीं...
जैसे आप सादा हैं, वैसे ही अपना जीवन सादा रखें...
जो दूसरे आप से कहते हैं, वो ज़रूरी नहीं कि आप करें...दूसरों की सुनिए...करिए वही जो आपको अच्छा लगता है...
ब्रैंड नामों पर मत जाइए...वहीं चीज़ें इस्तेमाल कीजिए जिसमें आप खुद को आरामदायक समझते हैं...
आखिरकार ये आपकी ज़िंदगी है...आप इस पर दूसरों को राज करने का मौका क्यों देते हैं...
सबसे खुश लोग वो नहीं हैं जिनके पास ऐशो-आराम की सारी चीज़ें मौजूद हैं, खुश वो हैं जो अपने पास हैं, उसी का शुक्रिया करते हुए जीवन का आनंद लेते हैं...
जीवन का सादा और स्मार्ट रास्ता अपनाइए...जीने का लुत्फ़ लीजिए..
भैया.... यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी..... inspiring ...
जवाब देंहटाएंjai hind....
baat to theek hai....par manega kaun..?
जवाब देंहटाएंye cable-yug ki aulaad to tv dekh kar khati-peeti or hagati-mootati hai....
fir bhi aapke or tyagi ji ke sad-prayas ko naman......
अंकल अंकल क्या लिखे हो मुझे कुछ समझ नही आया मैं अभी बच्चा हूं हा हा हा मै ब्लाग बाबू हूं हा हा हा ।
जवाब देंहटाएंप्रवृत्ति तो हमारी अच्छी रहनी ही चाहिए .. वैसे इसके बावजूद हर मोड पर संयोग या दुर्योग का महत्व होता है .. जो हमें किसी भी दिशा में मोड सकता है .. हर कोई तो वारेन बफेट भी नहीं बन सकता !!
जवाब देंहटाएंवारेन बफेट मानव जाति के महान नायकों में से एक हैं ! आपकी सधी भाषा द्वारा उन्हें पारिभाषित किया जाना सुखकर है और नयी पीढ़ी के लिए एक दस्तावेज का कार्य करेगा खुशदीप भाई !
जवाब देंहटाएंसादर
सबसे खुश लोग वो नहीं हैं जिनके पास ऐशो-आराम की सारी चीज़ें मौजूद हैं, खुश वो हैं जो अपने पास हैं, उसी का शुक्रिया करते हुए जीवन का आनंद लेते हैं...
जवाब देंहटाएंउत्तम
खुशदीप जी आपने आज खुश कर दिया..
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रेरक प्रसंग है.
जवाब देंहटाएंआज की आपकी पोस्ट बहुत बहुत बहुत अच्छी लगी...
जवाब देंहटाएंवारेन बफेट पर कई फिल्में देख चुकी हूँ आये दिन उनक interview भी देखती ही रहती हूँ...उनका घर उनका रहन सहन बहुत ही सादा है....सच पुछा जाए तो उन्होंने जो बातें बताई हैं इतनी कठिन भी नहीं हैं कि खुद पर लागू न किया जा सके...एक सार्थक पोस्ट...अनुकरण करने योग्य....
बहुत सही प्रविष्ठी....
एक बेहद उम्दा पोस्ट ! बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंankhir vali baat to behtarin hai.
जवाब देंहटाएंबहुत प्रेरक विचार...अच्छा लगा पढ़कर.
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट आज के जमाने में जीने का सब से आसान तरीका है ये। पर आदमी सीखता है गलतियाँ कर के।
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रेरक और ज्ञान वर्धक पोस्ट :)
जवाब देंहटाएंशायद इसे ही कहते है सदा जीवन ऊँच विचार |
जवाब देंहटाएंपर लगता नहीं की हर कोई इस पर अमल करके वारेन बफेट बन सकता है
बिल गेट्स समझते थे कि उनमें और वारेन बफ़ेट में कुछ भी समान नहीं होगा...इसलिए उन्होंने मुलाकात का वक्त सिर्फ आधा घंटा निर्धारित किया...लेकिन मुलाकात शुरू हुई तो दस घंटे तक बदस्तूर चलती रही...
जवाब देंहटाएंसंसार के दो सफलतम लोगों में अनेकों समानताएं होना स्वाभाविक ही है.
achchhi avm prerna dayak rchna..badhayee
जवाब देंहटाएंसादा तो ठीक है लेकिन जो सुविधाएँ आजकल सब को मुहैया हैं और लोग उनका लुत्फ़ उठा रहे हैं , क्या कोई छोड़ने को तैयार होगा ? और छोड़कर भी क्या हो जायेगा ? मोबाईल , टी वी , नेट , कार , ए सी --इनको छोड़कर कोई क्या हासिल कर लेगा ।
जवाब देंहटाएंहाँ , बेकार के दिखावे में पड़ना ठीक नहीं , जो लोग आजकल ज्यादा कर रहे हैं ।
बहुत कुछ सीख देती हुई पोस्ट
जवाब देंहटाएंयह पोस्ट बहुत अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएंयह सभी ब्रह्म वाक्य जैसे हैं!
जवाब देंहटाएंसीख देती हुई बढ़िया पोस्ट...बशर्ते इन पे अमल किया जा सके
जवाब देंहटाएंऐसे ही प्रेरणास्रोत की जरूरत है आज को...
जवाब देंहटाएंजैसे गांधी को लोग भुनाते हैं अनुसरण नहीं करते वैसे ही बफेट का भी अमेरिका में शायद ही कोई अनुसरण करता हो।
जवाब देंहटाएंहर बात सोने सी खरी है . जीवन मे अनुसरण योग्य , कोशिश कर रहा हूं . पर जब मै ११ साल का था तब शायद बाल काढना सीख रहा था या साईकिल चलाना
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