ब्लॉगर लापता, ढ़ूंढ कर लाने वाले को 500 टिप्पणियां ईनाम...खुशदीप

पिछले कई दिनों से एक ब्लॉगर लापता है...कई ब्लॉग होने के बावजूद इस ब्लॉगर की कोई ख़बर नहीं मिल रही...बेहद संवेदनशील ये ब्लॉगर बेहतरीन लिखते हैं...लेकिन बेमतलब अपनी टांग खिंचाई पर उखड़ भी बहुत जल्दी जाते हैं...आई मौज फ़कीर की दिया झोंपडा फूंक की तर्ज पर ये अपनी जेब का माल लुटा कर दूसरों का सत्कार करने में यकीन रखते हैं...लेकिन ज़माना इतना बेमुरव्वत है कि इन्हीं का खा-पीकर इन्हीं को गरियाने लगता है...ऊपर से ये तोहमत और लगा देता है कि अपनी गरज़ के चलते ये लापता बंधु ब्लॉगर मीट का आयोजन करते रहते हैं...इनसे खर्च का हिसाब मांगा जाने लगता है...जैसे इन्होंने किसी की ज़मीन ज़ायदाद हड़प ली हो...इन सब हरकतों से ये ब्लॉगर बंधु इतने त्रस्त हुए कि अपने कंप्यूटर पर ही ताला झड़ दिया...

क्या ब्लॉगर बिरादरी को दो लाइनों में चर्चा करने वाले इन ब्लॉगर जी की कमी नहीं खल रही...मुझे तो खल रही है, इसलिए मैंने दिल की बात लिख दी...अब आप पर ही छोड़ता हूं कि इन ब्लॉगर जी का कोई अता-पता हो तो फौरन सूचित कीजिए...क्या कहा...नाम तो बताऊं...अरे बाबा यही तो ट्विस्ट है...पहचान कौन ?...

एक हिंट देता हूं, इन ब्लॉगर जी का रोज़ कोर्ट-कचहरी से वास्ता रहता है...आज का स्लॉग ओवर भी इसी कोर्ट-कचहरी पर है....


स्लॉग ओवर

किसी मुकदमे पर दो वकीलों में गर्मागर्म बहस छिड़ी हुई थी कि दोनों आपा खो बैठे...

पहला वकील...आप मूर्ख हो...

दूसरा वकील...आप महामूर्ख हो...

जज दखल देते हुए...दोनों विद्वान वकील एक-दूसरे की अच्छी तरह पहचान कर चुके हैं...क्या अब केस की कार्यवाही आगे बढ़ाई जाए...

एक टिप्पणी भेजें

34 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. हा हा हा हा क्या लिखा है आपने। अरे लेकिन लापता कौन है? कोर्ट कचहरी के मामले वाले वकील साहब तो झा जी लगते हैं।

    जवाब देंहटाएं
  2. जी हाँ कौन लापता है हर कोई पहचान चुका है ... अब केस को आगे बढाया जाये और झा जी से सम्पर्क किया जाये तो बेहतर

    जवाब देंहटाएं
  3. ...जिसे आप खोज रहे हैं वो इस पोस्ट पर है

    http://kaduvasach.blogspot.com/2010/06/blog-post_9833.html

    .... !!!!

    जवाब देंहटाएं
  4. अजय झा जी.... वाकई में लापता हैं..... आजकल अजय जी फ़ोन भी नहीं उठाते हैं.... उन्हें वापस लाना बहुत ज़रूरी है....उनके जैसा दरियादिल इन्सान खोजे नहीं मिलेगा...... उनका दिल लगता है ब्लॉग्गिंग से टूट गया है.... पर मैं तो यही कहूँगा ...कि जब इन्सान आगे बढ़ता है..... तो उसको पीछे खींचने वाले भी कई होते हैं..... इन लोगों से नहीं घबराना चाहिए.... मुझे उम्मीद है जल्द ही लौटेंगे..... मैं उनका फ़ोन ट्राई करने जा रहा हूँ फिर से...... फिर बाकी रिपोर्ट देता हूँ...... आ कर.....

    जय हिंद.....

    जवाब देंहटाएं
  5. अजय झा की कमी तो हमें भी वाकई खल रही है |

    जवाब देंहटाएं
  6. सोद्देश्य और सार्थक लिखने वाले किसी भी लेखक को इस मंच को त्यागना नहीं चाहिये. झा जी को समय देना ही चाहिये...

    जवाब देंहटाएं
  7. अपनी तो रोज बात होती है। लापता नहीं सापता हैं वे आजकल। सापता मतलब समाचार पत्रों पत्रिकाओं में नजर आ रहे हैं। अखबार पढि़ए, कोर्ट कचहरी, अरे भई, मत जाइये, कोर्ट कचहरी, पर लाइब्रेरी तो जा ही सकते हैं। आजकल वे अखबारों में खूब छप रहे हैं। वहां पर बेनामी उत्‍पात नहीं मचा सकते हैं न। अगर इन बेनामियों और तथाकथित नामधारियों पर रोक नहीं लगी न, तो बतला देते हैं कि हम भी छोड़ देंगे ब्‍लॉगिंग, पाबला जी की तर्ज पर। हैप्‍पी ब्‍लॉगिंग।

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरे प्रिय झा जी...मेरे ब्लॉग पर भी नहीं दिख रहे..पहले मैने समझा कि मौसम के हिसाब से मुझसे नाराज होंगे मगर अब तो आम शिकायत लग रही है.

    जवाब देंहटाएं
  9. खुशदीप भाई !
    अगर आधी टिप्पणिया मुझे दे दो तो मैं इनके बारे में बताता हूँ ....

    एक बहुत संवेदनशील, नेक ह्रदय सबको साथ लेकर चलने में यकीन करने वाले इन सज्जन का नाम है अजय कुमार झा ! मुझे इनके द्वारा बुलाये गए लक्ष्मी नगर ब्लॉग सम्मलेन में जाने का अवसर मिला था, यह मिलन मेरे घर के पास ही था अतः मैंने अजय को पहली बार फ़ोन कर उसमें आने की इच्छा प्रकट की थी, और जब मैंने उनका इस परोपकार पर खर्चा देख, आधा पैसा शेयर करना चाहा तो उन्होंने हाथ जोड़ कर मना कर दिया था ! बाद में मैंने कहीं पढ़ा था कि उन पर पैसा इकट्ठा करने के इलज़ाम भी लगाये गए ! यह अफ़सोस जनक बात है कि अगर खुद , आगे बढ़कर मदद करने वालों की ओर शंकित साथी ऊँगली उठाते हैं तो यकीनन समाज में अच्छे लोगों को प्रताड़ित होना पड़ेगा !

    मुझे लगता है कि कम से कम जिसे हम भलीभांति जानते ही नहीं , उसके विरुद्ध कोई बात कहने, लिखने से पहले, कम से कम एक बार मिलकर अपने संशय को दूर तो कर लें ! अगर हम किसी का सम्मान करना नहीं जानते हैं तो कम से कम उसका अपमान करने का प्रयत्न तो न करें ! अगर फिर भी आपको भले और संवेदनशील लोगों का अपमान करने में ही आनंद आता है तो भी जान लें कि आपके खराब समय में जब आपका अपना कोई न हो उस समय भी खुशदीप और अजय झा जैसे लोग आपके पास खड़े होंगे !

    अतः ऐसे लोगों को , अगर वे सौभाग्य से, आपके समाज और परिवार में हैं, उन्हें कम से कम इज्ज़त जरूर देते रहें, जिससे आड़े समय में जब बुरे समय में, आपके धूल धूसरित गर्व पर कोई तालियाँ न बजा रहा हो कुछ मित्र आपका साथ देने उस समय भी पास हों !

    मगर अजय का लेखन कम होना अजय की कमजोरी दिखा रहा है जो जो ऐसे जीवट वाले इंसान के लिए ठीक नहीं है ! उन्हें लिखना चाहिए ......

    जिन मुश्किलों में मुस्कराना हो मना
    उब मुश्किलों में मुस्कराना धर्म है !
    जब हाथ से टूटे न अपनी हथकड़ी
    तब मांग लो ताकत स्वयं जंजीर से
    जिस दम न थमती हो नयन सावन झडी
    उस दम हंसी ले लो , किसी तस्वीर से !
    जब गीत गाना गुनगुनाना जुर्म हो ,

    जवाब देंहटाएं
  10. अजय जी से बात हो गई है..... वो लापता नहीं हैं..... अविनाश जी सही कह रहे हैं.... अविनाश जी के कमेन्ट को ही अब मेरा कमेन्ट माना जाए......


    जय हिंद....

    जवाब देंहटाएं
  11. @सतीश भाईसाहब,
    जब आप जैसे बड़े भाई का हाथ हमारे सिर पर है तो कौन हमारा क्या बिगाड़ सकता है...अब अजय भाई से भी गुहार है कि चंद लोगों की वजह से पूरे ब्लॉगवुड के प्यार को नज़रअंदाज़ न करें और जल्दी से झा स्टाइल कोई फड़कती पोस्ट लिखें...

    @महफूज़ भोले प्यारे,
    तुम्हे अपने स्लॉग ओवर का पहला वकील कहूं या दूसरा, मेरा मकसद ये नहीं कि अजय झा जी का सिर्फ पता लगाना है...मकसद ये है कि वो जल्दी से जल्दी फिर अपनी फॉर्म में लौटें और हम सबको अपनी लेखनी से वैसे ही निहाल करें, जैसे कि पहले करते आए हैं...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  12. अजय जी हो सकता है की अपने गृह निवास घूमने गए हों ?.... ब्लागर कभी लापता नहीं होते देर सबेर प्रगट हो जाते हैं ऐसा मेरा मानना है...

    जवाब देंहटाएं
  13. ाजय जी की हरी बत्ते तो रोज़ जल रही होती है शायद ब्लाग पर नही आते होंगे मगर लापता नही। स्लाग ओवर मस्त । आशीर्वाद्

    जवाब देंहटाएं
  14. धीरु सिंह जी, CBI तो अक्सर दबाव में झुक जाती है :)

    मैं तो संयुक्त संसदीय जाँच समिति की माँग करता हूं… और वह भी ऐसी धारा में जिसमें 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने की बन्दिश हो… :) :)

    जवाब देंहटाएं
  15. उम्मीद तो यही है की...
    अजय झा जी आएंगे खुशदीप भाई... बहुत जल्दी आएंगे :).... और वापसी धमाकेदार होगी.....

    जवाब देंहटाएं
  16. सादर वन्दे !
    खुशदीप जी ! आप तो गए काम से, सभी जानते हैं कि आप झा जी कि बात कर रहे हैं, अब नहा धोकर बैठिये सबको 500 टिप्पणिया देने के लिए |
    झा जी के वापस आने तक यह काम हो जाना चाहिए जो है सो कि |
    झा जी कहाँ हैं आप ? रहते है तो बवाल नहीं हैं तो बवाल | अब जब बवाल होना ही है तो रह कर ही हो ...........
    रत्नेश त्रिपाठी

    जवाब देंहटाएं
  17. आर्या जी,
    मैंने सिर्फ पता लगाने के लिए नहीं कहा...मैंने कहा है जो झा जी को ढूंढ कर लाएगा और पोस्ट लिखवाएगा...कच्ची गोलियां मैं भी नहीं खेला जनाब...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  18. आज मुझे अपनी पोस्ट पर नापसंदगी के चटके लगाने वालों से कोई मलाल नहीं है...क्योंकि यहां विषय अजय कुमार झा हैं और लिखने वाला मैं यानि खुशदीप सहगल हूं...इसलिए हम दोनों को नापसंद करने वाले जी भरकर भड़ास निकाल सकते हैं...क्योंकि पोस्ट की भावना भी हम दो जीवों पर केंद्रित है...दुख तब होता है जब शहरोज़ भाई का दर्द बांटने जैसी पोस्ट पर भी कोई मुझसे दुर्भावना रखने की वजह से चटके से भड़ास निकालता है...वैसे ये लोग मेरा भला ही कर रहे हैं...इनके ऐसा करने से ये हुआ है कि मेरी पोस्ट के पाठक दुगने हो गए हैं...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  19. अरे एक बार यहाँ आकर कोई ज्यादा दिन यहाँ से दूर नहीं रह सकता ..झा जी भी आ जायेंगे एक छोटे से ब्रेक के बाद ..आमीन ...

    जवाब देंहटाएं
  20. कम से कम जिसे हम भलीभांति जानते ही नहीं , उसके विरुद्ध कोई बात कहने, लिखने से पहले, कम से कम एक बार मिलकर अपने संशय को दूर तो कर लें ! अगर हम किसी का सम्मान करना नहीं जानते हैं तो कम से कम उसका अपमान करने का प्रयत्न तो न करें !

    जवाब देंहटाएं
  21. भाइयों रोना बंद करो झा जी क्यों नहीं आ सकते ब्लाग पर लौट कर इसका हकीकत जानना ही है तो विजिट करो..........http://pathakpathak.blogspot.com/2010/06/blog-post_236.html
    सब समझ में आ जायेगा कन्फ़ुजिआइये मत आप लोग....?

    जवाब देंहटाएं
  22. भइया अगर मेरी बजाय ये टिप्पणी नए लोगों को बाँटने का वादा करें तो मैं कोशिश करके देखता हूँ.. वैसे है तो टेढ़ी खीर...

    जवाब देंहटाएं
  23. झा जी एक कमर्सियल ब्रेक ले लिए हैं भाई ।
    आप कहीं मत जाइये उन्हें ढूँढने , बस बैठे रहिये कंप्यूटर के सामने ।
    ज़ल्दी हाज़िर होते हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  24. डॉ टी एस दराल जी का तीर एकदम निशाने पर लगा है।
    तालियाँ

    उन्होंने बिल्कुल ठीक लिखा है कि झा जी ने कमर्शियल ब्रेक लिया है! वे अपनी वेबसाईट में व्यस्त हैं तथा सामाजिक-पारिवारिक-आजीविका व पत्र-पत्रिकाओं के कॉलम लिखने के बाद बचे समय में रूपरेखा, ब्लॉगों का ट्रांसफ़र, रंग-संयोजन में उनका समय बीत रहा है।

    वे जल्द ही सक्रिय होंगे नई ऊर्जा के साथ www.AjayKumarJha.com पर

    जवाब देंहटाएं
  25. कभी तिवारी जी तो नहीं, मैं ढूंढने की कोशिश करता हूं

    जवाब देंहटाएं
  26. ई ल्यो ...ई पाबला जी अऊर डागदर जी सब खेल का सत्यानाश कर दिया. सारी पोल खोल दी. खैर अब टंगडीमार का सलाम कबूल फ़रमाएं. ईश्वर ने चाहा तो फ़िर मिलेंगे.

    जवाब देंहटाएं
  27. आई मौज फ़कीर की दिया झोंपडा फूंक की तर्ज पर ये अपनी जेब का माल लुटा कर दूसरों का सत्कार करने में यकीन रखते हैं.
    यह एक अच्छी और नेक तबियत के इंसान की पहचान है और ऐसों की मुहबत का मज़ाक उड़ना आज एक आम बात है...इन साहेब को तलाश के लाना ही चहिये..

    जवाब देंहटाएं