ब्लॉगिंग में जितने प्यार की मैं उम्मीद के साथ आया था, उससे दुगना क्या, कहीं ज़्यादा गुना मुझे मिला...देखते ही देखते ये मेरी 200वीं पोस्ट आपके सामने हैं....पिछले साल 125 लिखी थीं...इस साल की ये 75वीं पोस्ट है...छह दिसंबर को मेरी 100वीं पोस्ट की तरह मेरे अज़ीज सतिंद्र जी ने इस बार मुझे एक हफ्ते पहले ही सतर्क कर दिया था कि 20 मार्च को मेरी 200वीं पोस्ट होगी...पिछली बार की तरह उन्होंने मुझे अब तक मिली टिप्पणियों का आंकड़ा भी भेज दिया...पोस्ट की डबल सेंचुरी है तो कुछ बढ़िया कॉकटेल तो बनता है न बॉस...
खैर ये सब चक्कर छोड़िए, पहले आपको एक मज़ेदार किस्सा सुनाता हूं...किस तरह बद से बदनाम बुरा होता है...
स्लॉग ओवर
दो नन्हे बाल गोपाल बड़े नटखट, बड़े शैतान...पूरी कॉलोनी का हर वक्त नाम में दम किया रखते थे...कहते है न पूत के पांव पालने में नज़र आ जाते हैं, तो जनाब जिस तरह की इनकी हरकतें थी, उससे एक बात तो तय थी कि दोनों बड़े होकर ब्लॉगर बनेंगे...आए दिन उनकी शरारतों और ज़माने की शिकायतों ने बाल गोपालों की मां बेचारी का जीना दुश्वार कर दिया...तभी उस मां को किसी ने सलाह दी कि शहर में एक बहुत पहुंचे हुए महात्मा आए हुए हैं, बिगड़े बच्चों को तो वो चुटकियों में ठीक कर देते हैं...
मां बेचारी ने भी सोचा, मैंने तो सारे उपाय कर देख लिए हैं, चलो इस महात्मा को भी आजमा लेती हूं...शायद कोई चमत्कार हो जाए...इन दोनों बाल गोपालों में से एक आठ साल का था और दूसरा दस का...रुतबा इतना बढ़िया था कि आस-पास कहीं भी कुछ उलटा-सीधा होता, पहला शक इन दोनों पर ही जाता...मां ने महात्मा से बच्चों को ठीक करने की गुहार लगाई...महात्मा तैयार तो हो गए लेकिन इस शर्त पर कि दोनों बच्चों से अलग-अलग मिलेंगे...मां ने तय किया कि सुबह आठ बजे छोटे बेटे को भेज देगी और बड़े को दोपहर 12 बजे...
अब छोटे मियां को सुबह आठ बजे महात्मा के सामने पहुंचा दिया गया...महात्मा ने लाल-लाल आंखों से बच्चे को घूरा और फिर कड़क आवाज़ में पूछा कि भगवान कहां है...छोटे उस्ताद ठहरे छोटे उस्ताद...सीटी बजा मुंह गोल वाले अंदाज़ में जवाब देने की मुद्रा में आ गए....लेकिन मुंह से आवाज़ नहीं निकली...महात्मा ने फिर पूछा....कहां हैं भगवान...छोटे उस्ताद ने एक्शन रिप्ले के अंदाज़ में फिर वही मुंह गोल करके दिखा दिया...आवाज़ इस बार भी नहीं निकली...
अब महात्मा का पारा चढ़ गया...बच्चे की तरफ़ उंगली करते हुए फिर ज़ोर से पूछा....मैं पूछ रहा हूं कहां हैं भगवान...ये सुनना था कि छोटा उस्ताद सीट से उठा और तेज़ी से कमरे से निकला और तेज़ी से भागता हुआ घर वापस आया और खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया....बड़े भाई ने ये देखा तो छोटे भाई से पूछा कि बता तो सही, हुआ क्या...
छोटे उस्ताद ने तेज़ तेज़ सांस लेते हुए कहा कि इस बार लगता है हम वाकई बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं....
आख़िर हुआ क्या...
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अरे इस बार भगवान गुम हो गए और वो समझ रहे हैं कि हम दोनों ने ही उन्हें गायब किया है....
तो ये है जनाब बद से बदनाम बुरा...
चलिए स्लॉग ओवर भी हो गया...अब आता हूं अपनी इस 200वीं पोस्ट की कहानी पर...16 अगस्त 2009 को मैंने देशनामा पर पहली पोस्ट....कलाम से सीखो शाहरुख...डाली थी...लेकिन टाइमलाइन गलत होने की वजह से पोस्ट पर तारीख 17 अगस्त दर्ज हुई...तब से अब तक ब्लॉगिंग के सफ़र में जो भी मुझसे अच्छा-बुरा बन सका वो मैं पोस्ट पर डालते गया...लेकिन इस दौरान जो मैंने आपका बेशुमार प्यार कमाया, वही सबसे बड़ी पूंजी है...इस दौरान मेरे आइकन्स समेत बड़ों ने मेरा हौसला बढ़ाया, सुझाव दिए...रास्ता दिखाया...वहीं हमउम्र साथियों और छोटे भाई-बहनों ने भी मुझे भरपूर प्यार दिया...मैं किसी एक का नाम नहीं लेना चाहूंगा...सभी मेरे लिए सम्मानित हैं...हां गुरुदेव समीर लाल समीर का नाम इसलिए लूंगा कि उन्होंने ब्लॉगिंग के रास्ते पर पहले दिन से उंगली पकड़ कर चलना सिखाया...
मेरा ब्लॉगिंग का सफ़र
देशनामा ब्लॉग बनाया...फरवरी 2009
पहली पोस्ट डाली...16 अगस्त 2009
ब्लॉगिंग के दिन...217
पोस्ट लिखीं...200
पाठक संख्या...50,450 (20 मार्च 2010, रात 11बजे )
टिप्पणियां... 5,340 (20 मार्च 2010, रात 11 बजे)
आख़िर में गीत के ज़रिए मेरे जज़्बात...
स्लॉग गीत
चले थे साथ मिल कर, चलेंगे साथ मिल कर
तुम्हे रुकना पड़ेगा, मेरी आवाज़ सुन कर
मेरी डबल सेंचुरी और भगवान लापता...खुशदीप
45
शनिवार, मार्च 20, 2010
बधाई !! बधाई !! बधाई !!
जवाब देंहटाएंआप तो चाकर हैं "ब्लॉगिंग" भगवान के.....
जवाब देंहटाएं.....बधाई.....
लड्डू बोलता है...इंजीनियर के दिल से......
...................
चलते...चलते...
विश्व गौरैया दिवस-- गौरैया...तुम मत आना.(कविता)
http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_20.html
वाह बधाई! डबल सैकड़े की।
जवाब देंहटाएंभगवान वाकई गुम हो गया है, बहुत लोग परेशान हैं. यहाँ वहाँ तलाश कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएं200वीं पोस्ट पर बधाई!
चलती रहे जिन्दगी।
बधाई हो बधाई डबल सैकड़े की तुमको
जवाब देंहटाएंजो तुम टॉप होवोगे मिलेंगे लड्डू हमको...!!
हाँ नहीं तो..!!
bahut bahut badhai.......
जवाब देंहटाएंमुबारक हो खुश रहने वाले सहगल साहब....सचिन तेदुलकर का डबल धमाका और अब आपका ..... पार्टी बनती है, पर बाहर कहीं....रोज शाम वाली नहीं.....
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंbadhai ho.......badhai ho
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो 200 वी पोस्ट के लिये बधाई ।
जवाब देंहटाएंदूसरी बात यह कि ऐसी खरी खरी बातें मत लिखा करो भाई.. "बडे होकर ब्लॉगर बनेंगे " ...सब अपने अपने पूतों के पाँव देखने में लगे हैं ।
अब आगे क्या होगा यह तो भगवान को ही पता
लेकिन भगवान को गायब करने मे इन बच्चों का कोई हाथ नही है भाई ।
बधाई हो खुशदीप सहगल साहिब
जवाब देंहटाएंवाह!!! बधाई x 200
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत बधाई हम यहीं प्रार्थना करते है की देशनामा इसी तरह अपने नये नये कीर्तिमान बनाए। यही उत्साह बना रहे। अभी तो आपके कई शतक देखने है।
जवाब देंहटाएंसफलता के इस मुकाम पर पहुँचने के लिए आपको एक बार फ़िर बहुत बहुत बधाई।
यह आंकडे तो आप की उपल्ब्धी हैं, हमने तो केवल इनको पेश किया था फ़िर भी इस ऐतिहासिक पोस्ट लिखते समय याद रखने और मान रखले के लिये आभार।
गाना बहुत अच्छा सुनाया है आप ने।
जय हिंद।
Bahut Bahut Badhai do gune sekde ki aapko .
जवाब देंहटाएंडबल सेंचुरी की बहुत बहुत बधाई हो जी, अब भगवान ही गुम गये..... अब भारत किस के सहारे चलेगा जी??
जवाब देंहटाएं200वी पोस्ट 2 साल में
जवाब देंहटाएंमुबारक हो, बधाई
वैसे भगवान मिला कि नहीं --
दो सैकड़ा पूरे करने की बधाई।
जवाब देंहटाएंवाह!! डबल सेन्चुरी--फटाफट. आनन्द आ गया. बहुत बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंयहाँ जो सम्मान तुमने दिया है, सीना चौड़ा हो गया.
बस, लिखते चलो. जल्द ही हजार पार करना है न!!
बधाई जी बधाई!
जवाब देंहटाएंइस बार लगता है वाकई बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। हमारा ध्यान तो बार बार उस लाईन की ओर जा रहा है, जहाँ आप लिख आए हैं कि पोस्ट की डबल सेंचुरी है तो कुछ बढ़िया कॉकटेल तो बनता है न बॉस...
बधाई ,वीर तुम बढे चलो ..धीर तुम बढे चलो खुशदीप तुम बढे चलो
जवाब देंहटाएंवाह बधाई! डबल सैकड़े की।
जवाब देंहटाएंदो सैकड़ा पूरे करने की बधाई।
जवाब देंहटाएं200वी पोस्ट की बहुत-बहुत बधाई ...आपने साबित किया है कि ब्लॉग जगत में आगे बढ़ने के लिए अपनी प्रविष्टियों में ओछापन लाने की आवशयकता नहीं है ...
जवाब देंहटाएंछोटे उस्ताद और बड़े उस्ताद ...बड़े फंसे बदनाम हो कर ...:):)...
इस उपलब्धि के लिए बहुत बहुत बधाई ...आप इसी तरह लाखों,करोड़ों पोस्ट का आँकड़ा पार करते रहे और हम सब आपकी विचारों और भावनाओं सजी से खूबसूरत आलेख पढ़ते रहें...
जवाब देंहटाएंबधाई हो खुशदीप भाई ...बस आप लगे रहो ..बांकी सब आपका लिखा अपने आप तय कर देता है ....उडन जी ..हमसे कह रहे थे कि जल्दी ही अपनी वसीयत घोषित करने वाले हैं ..जहां जहां उनका नाम आएगा ...एक ठो छोटा सा ..झा जी लगाना भी कंपल्सरी किया जाएगा ..तीन सौ , चार सौ और पांच सौ वाले में ध्यान रखिएगा
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
२१७ दिन में २०० पोस्ट !
जवाब देंहटाएंछा गए बौस , टीचर्स के आशीर्वाद से ।
आज से आप ब्लोगिंग के सचिन --बधाईयाँ।
यह जो १७ दिन आप गैर हाज़िर रहे है उस्का हिसाब भी दे . कुछ दिन तो सुसराल मे बाकि दिन कहां...............;)
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई . २०० पोस्ट कोई उपलब्धि तो नही लेकिन २१७ दिन २०० पोस्ट निरन्तरता और आपकी सक्रियता का परीणाम है .
धीरू भाई,
जवाब देंहटाएंसमझा करो, क्यों सबके सामने पोलपट्टी खोलने में लगे हो...राज़ को राज़ ही रहने दो...
सत्रह दिन के हिसाब का खुलासा लेकर क्यों घर में जूते खिलाने का प्रबंध और बरेली में ससुराल का रास्ता हमेशा के लिए बंद कराना चाहते हो...
रहम मेरे आका...
जय हिंद...
बधाई जी, बस एक बात बता दीजिए कि इस ब्लोगिंग से कितने मित्र बनाए? आपको ऐसा लगा कि ये लोग मेरे जैसा चिंतन करते हैं और इनकी टिप्पणियों से मुझे आंतरिक खुशी मिलती है। हम कितना लिखते हैं यह मूल्यवान नहीं है बस हमने क्या पाया शायद यह मूल्यवान है। दूसरी बात कि आपको कितनी संतुष्टि मिली? अपका मन क्या कभी किसी की टिप्प्णी से दुखी हुआ? मैने यह सब वैसे ही लिख दिया है इसको सही अर्थों मे लें, अन्यथा ना लें।
जवाब देंहटाएंअजित जी,
जवाब देंहटाएंइसी पोस्ट की कुछ पंक्तियां फिर कॉपी कर रहा हूं...
ब्लॉगिंग के सफ़र में जो भी मुझसे अच्छा-बुरा बन सका वो मैं पोस्ट पर डालते गया...लेकिन इस दौरान जो मैंने आपका बेशुमार प्यार कमाया, वही सबसे बड़ी पूंजी है...इस दौरान मेरे आइकन्स समेत बड़ों ने मेरा हौसला बढ़ाया, सुझाव दिए...रास्ता दिखाया...वहीं हमउम्र साथियों और छोटे भाई-बहनों ने भी मुझे भरपूर प्यार दिया...मैं किसी एक का नाम नहीं लेना चाहूंगा...सभी मेरे लिए सम्मानित हैं..
कोई भी सम्मान उस खुशी की बराबरी नहीं कर सकता जो आपको तब मिलती है जिसे कभी आप मिले नहीं, कोई पहचान नहीं, वो भी आपको बस आपके लिखे पर ही आपसे वाफ्ता कायम करता है, आपसे किसी अपने की तरह ही सब कुछ अच्छा करने की उम्मीद करने लगता है...अगर कोई टिप्पणी में मेरी किसी गलती को इंगित करता है तो वो मेरा शुभचिंतक ही होता है...वो चाहता है मैं गलती न करूं...ठीक वैसे ही जैसे हम अपने सगों के लिए चाहते हैं...
ये ब्लॉगवुड है ही ऐसा परिवार...जहां प्यार भी होगा....कभी-कभी हमारे घर की तरह ही बर्तन भी खटकेंगे ही...लेकिन रहना हमें साथ ही है....क्योंकि,
इक दूसरे से करते हैं प्यार हम,
इक दूसरे के लिए बेकरार हम...
जय हिंद...
बहुत बहुत बधाई जी!
जवाब देंहटाएंपोस्ट पे पोस्ट बढ़ाते चलो
ब्लोगिंग की गंगा बहाते चलो
कस्तूरी कुंडली बसै मृग ढूंढे बन माहि.....
जवाब देंहटाएंआपको दोहरे शतक की बधाई....ये दोहरा शतक सार्थक ब्लॉगिंग का है....
बधाई !! बधाई !! बधाई !!
जवाब देंहटाएंoffering a glass of litchi juice to khushdeep ji.
जवाब देंहटाएंLooking forward for the 300th post.
बहुत बहुत बधाई ! अनन्त शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत बधाई....और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई भैया, और धन्यवाद् सतिन्द्र जी को कि उन्होंने आपके आंकड़े याद रखे. और भगवान् गायब हुए तो हुए दो बदमाश तो सुधर गए.. :)
जवाब देंहटाएंbadhaayi hoo
जवाब देंहटाएंsaadar
praveen pathik
9971969084
भाई साहेब पहले दो बधाई देता हूँ आप को । और सब मिल करके भगवान को खोजते हैं , देखते हैं की किसे मिलते हैं।
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी, उत्तर आपका बेहद अच्छा है, आपने जो आगे की पंक्तियां दूसरे पेरेग्राफ में लिखी है बस मैं वही चाहती थी। जो मूल पोस्ट में नहीं है। ये दो लाइने भी नहीं है जो मुझे भी बहुत अच्छी लगती है - एक दूसरे से करते हैं प्यार हम। क्योंकि लिखना कोई बड़ी बात नहीं है बस आपने कितनी जगह बनायी यही बड़ी बात है। और मैं जानती हूँ कि आपने बहुत बड़ी जगह बनायी है। मैं भी जैसे ही आपकी पोस्ट दिखती है फटाक देने से क्लिक करती हूँ, बस यही हमारी जमापूंजी है।
जवाब देंहटाएंऐसे ही चलता रहा तो लगता है कई रिकार्ड कायम करोगे खुशदीप भाई !शुभकामनायें ..
जवाब देंहटाएंbahut badhai....likhte rahen...khoob likhte rahen....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई खुशदीप भाई और आपने जिन बाल गोपालों का ज़िक्र किया हैं,कसम से उसने तो मुझे अपने बचपन की याद दिला दी।अपनी भी इमेज उनसे कम नही थी।लिखता हूं कुछ पुराने किस्से।एक बार फ़िर बहुत बहुत बधाई और वो मुर्गे की दुम का खयाल भी ठीक है।चीयर्स्।
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो आपको बहुत बहुत बधाई...जल्दी ही आपका ब्लॉग ५०० का सैकड़ा भी पार कर जाए...यही दुआ है..और सबका स्नेह आपके ऊपर ऐसे ही बरसता रहें...
जवाब देंहटाएंअरे इस बार भगवान गुम हो गए और वो समझ रहे हैं कि हम दोनों ने ही उन्हें गायब किया है....
जवाब देंहटाएंhahahaha ...........bahut khoob.
200 vi post ki hardik badhayi ...........ab 1000 din poore hone tak 1000vi post ho jani chahiye.