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समीर जी क्यों मेरे गुरुदेव हैं...खुशदीप
चाटुकारिता, प्रशंसा या दिल से किया गया सम्मान...ये सब हैं तो एक जैसे ही लेकिन इनमें फ़र्क ज़मीन-आसमान का है...फिर महीन …
शनिवार, अक्टूबर 09, 2010चाटुकारिता, प्रशंसा या दिल से किया गया सम्मान...ये सब हैं तो एक जैसे ही लेकिन इनमें फ़र्क ज़मीन-आसमान का है...फिर महीन …