संदीप बाच्चे
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देश बदलेगा तो ऐसे लोगों से बदलेगा...खुशदीप
एक मेल के ज़रिए पढ़ने को मिला कि टाइटन इंडस्ट्री में कार्यरत सुवेंदु राय को मुंबई में ऑटो की सवारी करते हुए कैसा अनुभ…
शुक्रवार, सितंबर 02, 2011एक मेल के ज़रिए पढ़ने को मिला कि टाइटन इंडस्ट्री में कार्यरत सुवेंदु राय को मुंबई में ऑटो की सवारी करते हुए कैसा अनुभ…
सीने में जलन, आंखों में तूफ़ान सा क्यों है... इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है.... पहले लिंक पर इस गीत को सुन ल…
हम तो चले परदेस, हम परदेसी हो गए, छूटा अपना देस हम परदेसी हो गए...आखिर वो कौन सी मजबूरी है जो इंसान को अपनी माटी छोड़कर…