सोनागाछी
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औरत की बोली...खुशदीप
मेरठ रहता था...बचपन, पढ़ाई, किशोरावस्था में यारों के साथ धमाल...उम्र के साथ सब छूटता गया...शहर भी...मस्तमौला अंदाज़ भी…
गुरुवार, मई 19, 2011मेरठ रहता था...बचपन, पढ़ाई, किशोरावस्था में यारों के साथ धमाल...उम्र के साथ सब छूटता गया...शहर भी...मस्तमौला अंदाज़ भी…
चिनाय सेठ, जिनके घर शीशे के बने हों, वो दूसरों पर पत्थर नहीं उछाला करते हैं...फिल्म वक्त में राजकुमार का ये डॉयलाग आज …
आज पोस्ट पर अपना कुछ नहीं लिख रहा...आज बस सूत्रधार की भूमिका निभा रहा हूं...दरअसल आज ब्लॉगसागर के दो अनमोल मोती आप तक प…