ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सेमीफाइनल मैच में मेथ्यू वेड का अहम कैच गिराया था हसन अली ने, पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स ने हसन अली को विलेन के तौर पर पेश किया था, हसन अली ने कहा कि उस कैच ड्रॉप के बाद कई दिन ठीक से सो नहीं पाया था
नई दिल्ली (3 फरवरी)।
पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में दुबई में हुए टी-20 वर्ल्ड कप की यादें अभी भी सबके ज़ेहन में ताज़ा हैं. टीम इंडिया के लिए पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड से पहले दोनों अहम मैच हारना बड़े झटके वाला रहा और सेमीफाइनल में पहुंचने का उसका सपना पूरा नहीं हो सका. दूसरी तरफ़, पाकिस्तान की टीम ने पूरे वर्ल्ड कप के दौरान शानदार खेल दिखाया था और अपने सभी पांच ग्रुप मैच जीतकर सेमीफाइनल में पहुंची थी. लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को धूल चटाकर उसके वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतने के अरमानों को चकनाचूर कर दिया. पाकिस्तान की सेमीफाइनल में हार के लिए सबसे बड़ी वजह मैच के बड़े क्रूशियल मौके पर मीडियम पेसर हसन अली की ओर से मैथ्यू वेड का कैच गिराना रहा. पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 175 रन का टारगेट रखा था. जिसे ऑस्ट्रेलिया ने पांच विकेट खोकर 19 ओवर में ही हासिल कर लिया. इस जीत नें छठे विकेट के लिए मैथ्यू वेड और मार्कस स्टोइनिस के बीच हुई नाबाद 81 रन की साझेदारी ने निर्णायक भूमिका निभाई.
मैथ्यू वेड ने 17 गेंद पर 41 रन की पारी खेली. मैथ्यू वेड जब 21 के निजी स्कोर पर थे तो शाहीन अफरीदी की गेंद पर लॉफ्टेड शॉट खेला. गेंद सीधे हसन अली की ओर गई लेकिन वो उस कैच को नहीं पकड़ पाए. इसके बाद 19वें ओवर में मैथ्यू वेड ने शाहीन अफ़रीदी के ओवर में तीन छक्के जड़कर ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में पहुंचा दिया. बस उस कैच ड्रॉप को ही पाकिस्तान के टूर्नामेंट से बाहर होने की वजह बताकर पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर अनेक यूज़र्स हसन अली को सबसे बड़े विलेन के तौर पर पेश करने लगे. हसन अली उस मैच में बोलिंग में भी कुछ खास नहीं कर सके थे और अपने निर्धारित 4 ओवर्स में बिना कोई विकेट लिए 44 रन दिए थे.
हसन अली ने बहुत कुछ सुनने के बाद भी इस घटना पर कोई बयान नहीं दिया. हालांकि पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म ने हसन अली को फाइटर बताते हुए उनका समर्थन किया था. हसन अली ने उस सेमीफाइनल मैच के करीब ढाई महीने बाद बताया है कि उस कैच को छोड़ने के बाद उन्हें किस मानसिक स्थिति से गुज़रना पड़ा था. हसन अली के मुताबिक वो कई दिन तक सो नहीं पाए थे. हसन अली ने क्रिकेट पाकिस्तान के लिए क्रिकेट कॉर्नर में सलीम ख़ालिक को दिए इंटरव्यू में बताया- ये मेरे करियर का सबसे सख्त लम्हा था और इसे भुलाना बहुत मुश्किल था. मैंने अभी तक किसी को नहीं बताया लेकिन मैं दो दिन तक सो नहीं पाया था. मेरी पत्नी मेरे साथ थी और तनाव में थी कि मैं सो नहीं रहा था. मैं खामोश था और कोने में बैठे हुए हर वक्त वही कैच मेरे ज़ेहन में आता रहता था. फिर बांग्लादेश के टूर पर जाने के दौरान मैंने अपने से इसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ने के लिए कहा. मैंने अपनी कमज़ोरियों को दूर कर फिर अपना बेस्ट देने की बात सोची और नतीजा बांग्लादेश में पहले मैच में ही मैन ऑफ द मैच रहा.
हसन अली के मुताबिक उनकी टीम के सभी साथी खिलाड़ी जानते थे कि मैं गेम्स को किस तरह गंभीरता से लेता हूं और हमेशा पाकिस्तान के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं. मैच के खत्म होने से पहले ही शोएब मलिक ने मुझसे आकर कहा था कि तुम टाइगर हो और हताश नहीं होना है. हसन अली ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया से सेमीफाइनल में मैच हारने के बाद मैं रो रहा था. फास्ट बोलर शाहीन अफरीदी का भी यही हाल था. ये बहुत दुखद मौका था. शाहीन ने उस मैच के पेनल्टीमेट ओवर में 22 रन दिए थे.
हसन अली इस वक्त पाकिस्तान सुपर लीग यानि पीएसएल में इस्लामाबाद यूनाइटेड टीम की ओर से खेल रहे हैं.