नई दिल्ली (22 फरवरी)।
37 साल की पत्रकार राणा अय्यूब के कथित उत्पीड़न को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ओर से ट्वीट किए जाने पर भारत ने सख्ती से ऐतराज़ जताया है. भारत ने कहा है कि एक भ्रामक कहानी को आगे बढ़ाना संयुक्त राष्ट्र की साख को धूमिल करता है. भारत ने इस ट्वीट में राणा अय्यूब से जुड़े आरोपों को बेबुनियाद और अवांछित बताया है.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपए कुर्क कर लिए थे और इस मामले में आगे की जांच कर रही है.
राणा अय्यूब - ट्विटर |
संयुक्त राष्ट्र जिनेवा की ओर से एक ट्वीट में आरोप लगाया गया था कि राणा अयूब का न्यायिक उत्पीड़न किया जा रहा है. इस ट्वीट में कहा गया कि पत्रकार राणा अय्यूब पर लगातार नारी-द्वेष और पंथवादी हमले किए जा रहे हैं और इनकी भारतीय अथारटीज़ की ओर से तेजी से गहन जांच कराई जानी चाहिए और उनका न्यायिक उत्पीड़न खत्म किया जाना चाहिए. भारत के जिनेवा स्थित मिशन ने तत्काल एक ट्वीट में इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.
.भारतीय मिशन ने ट्वीट में कहा कथित न्यायिक उत्पीड़न के आरोप बेबुनियाद और अवांछित है, भारत कानून के शासन को कायम रखता है, लेकिन साथ ही समान तौर पर साफ है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. हम एसआरस यानि सीनियर रैपोर्टर्स से उम्मीद करते हैं कि वो वस्तुनिष्ठ और सही तरीके से सूचित रहें. एक भ्रामक कहानी को आगे बढ़ाना सिर्फ यूएन जिनेवा की साख को धूमिल करता है.
Allegations of so-called judicial harassment are baseless & unwarranted. India upholds the rule of law, but is equally clear that no one is above the law.
— India at UN, Geneva (@IndiaUNGeneva) February 21, 2022
We expect SRs to be objective & accurately informed. Advancing a misleading narrative only tarnishes @UNGeneva’s reputation https://t.co/3OyHq4HncD
बता दें रैपोर्टर्स यानि प्रतिवेदक उन्हें कहा जाता है जिन्हें किसी संगठन की ओर से अपनी बैठक के बारे में रिपोर्ट करने के लिए नियुक्त किया जाता है
यूएन ह्यूमन राइट्स एक्सपर्ट्स आइरीन खान मैरी लॉलोर ने कहा है कि राणा अय्यूब का दक्षिणपंथी ग्रुपों की ओर से ऑनलाइन पर गहन हमलों से उत्पीड़न जारी है.
वाशिंगटन पोस्ट के लिए कॉलम लिखने वाली राणा अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से दर्ज किया गया था. ये कदम हिन्दू आईटी सेल नाम के एनजीओ के फाउंडर विकास सांस्कृत्यान की शिकायत के बाद उठाया गया. विकास गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम के रहने वाले हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी सूत्रों के हवाले से एक दस्तावेज में कहा गया कि एंजेंसी ने पाया कि पत्रकार ने 2020 से 2021 के बीच केटो नाम के क्राउडफंडिग प्लेटफार्म से ऑनलाइन 2 करोड़ 69 लाख रुपए चैरिटी मकसद से जुटाए थे. 11 फरवरी 2022 को एजेंसी ने राणा अय्यूब के बैंक खाते में जमा एक करोड़ 77 लाख रुपए को फ्रीज कर दिया.
राणा अय्यूब ने ऐसे आरोपों को खारिज करने के साथ कहा था कि ये उन्हें बदनाम करने की मुहिम का हिस्सा है. राणा अय्यूब ने साथ ही कहा था कि वो आश्वस्त हैं कि किसी भी सही और ईमानदार जांच में मेरे खिलाफ लगाए आरोप कहीं टिक नहीं पाएंगे.