Watch: पति को खोने वाली महिला से 'एक शर्मिंदा पाकिस्तानी' की माफ़ी

Sialkot Chamber of Commerce, people pay homage to Sri Lankan national Priyantha Kumara who was lynched by a mob on 3rd December 2021
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ज़ुनैरा साक़िब का ख़त प्रियांथा कुमार की पत्नी के नाम, 3 दिसंबर को सियालकोट में भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में प्रियांथा को पीट-पीट कर मार डाला था, डॉ जुनैरा साक़िब के मार्मिक शब्दों ने किया नफ़रती सोच को तार-तार



नई दिल्ली (17 दिसंबर)।

डाक्टर जुनैरा साकिब पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में ह्यूमन रिसोर्सेज डवलपमेंट डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में उनका छपा एक लैटर बहुत सुर्खियों में है. ये लैटर डॉक्टर ज़ुनैरा ने श्रीलंकाई नागरिक प्रियांथा कुमारा दियावदाना की पत्नी निरूशा दिसानायके के नाम लिखा है. बता दें कि प्रियांथा को 3 दिसंबर 2021 को सियालकोट में भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट पीट कर मार डाला था. डॉक्टर जुनैरा ने लैटर में माफी मांगते हुए खुद को एक शर्मिंदा पाकिस्तानी बताया है. डॉक्टर जुनैरा ने मार्मिक शब्दों में पाकिस्तान के हालात को दर्शाया है. इस लैटर का जिक्र करने से पहले उस जघन्य घटना के बारे में संक्षेप में जान लें.   

सियालकोट के वज़ीराबाद रोड इलाके में मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना में प्रियांथा की हत्या के बाद भीड़ ने उनके शव को आग के हवाले कर दिया. जिस इलाके में ये घटना हुई वहां बहुत सारी प्राइवेट फैक्ट्रीज मौजूद हैं. यहीं एक फैक्ट्री में प्रियंथा 2012 से ऑपरेशनल मैनेजर के तौर पर काम कर रहे थे. जब प्रियांथा पर हमला हो रहा था तो मलिक अदनान नाम के एक शख्स ने भीड़ से बचाने के लिए कोशिश की थी. अदनान ने बाद में एक पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल से कहा था कि वो मानवता को बचाने की कोशिश कर रहे थे. राजको इंडस्ट्रीज़ में प्रोडक्शन मैनेजर मलिक अदनान को पाकिस्तान सरकार ने तमगा ए शुजात सम्मान देने का एलान किया. 


Pakistan's Prime Minister Imran Khan awarding a commendatory certificate to Malik Adnan


इस घटना में अब तक 34 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस घटना पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने एक बयान में उम्मीद जताई थी कि इस संगीन अपराध में शामिल लोगों को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान न्याय के कठघरे में लाएंगे.

अब आते हैं डॉ जुनैरा के उस लैटर पर जिसका एक एक शब्द हिला देने वाला है.

Dr Zunaira Saqib 



डॉ जुनैरा ने लिखा-

प्रिय मिसेज प्रियंथा कुमारा,

जब मेरी ओर से ये लाइन्स लिखी जा रही हैं, आप अपने पति के पार्थिव अवशेषों को पा रही होंगी. वो पति जिसे आप मुहब्बत करने वाले और ज़िंदा इनसान के तौर पर जानती थीं, आपका जीवन साथी, जिसके साथ आपने ज़िंदगी की कई खूबसूरत यादों को साथ जिया होगा...आपके बच्चों के पिता...बच्चे जो अब भी हैरानी जता रहे होंगे कि असल में हुआ क्या था...एक मां का बेटा...मां जो अब तक बेटे की मौत के बारे में नहीं जानती.

 मैं आपको एक शर्मिंदा और ग्लानि महसूस करने वाली इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान की नागरिक के तौर पर यह सब लिख रही हूं. एक हिंसक और उग्र समाज के सदस्य के तौर पर. मेरा सिर शर्म से झुका हुआ है और मैं प्रियांथा के बारे में सोचना बंद नहीं कर सकती.   

काश मैं आपसे कह सकती कि मैं जानती हूं कि आप कैसा महसूस कर रही हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर सकती. आखिर किसी को कैसा महसूस होगा जिसके अज़ीज़ को पीट पीट कर मार दिया जाए. मुझे हैरानी होती है और मैं ये सोच कर रोती हूं कि वो कैसे आपको और अपने बच्चों को आखिरी बार देखने के लिए प्रार्थना कर रहे होंगे. वो कैसे अपने आप से सवाल कर रहे होंगे कि उन्होंने ऐसा किया क्या जो भीड़ के गुस्से का शिकार होना पड़ा.

मैं आपको सच बताती हूं कि मैंने खुद को और अपने अज़ीज़ों को इस स्थिति में कई बार देखा. क्या आप ये जानकर हैरान हैं? क्योंकि मैं इस देश में रहती हूं और मुझे डर है कि किसी दिन कोई मेरा भाग्य भी इसी तरह तय करेगा. किसी दिन कोई एलान करेगा कि मैं या मेरे प्रियजन उनकी धारणाओं के ढांचे में अब फिट नहीं बैठते. ऐसा ख्याल ही मेरी रीढ़ को कपकपा देता है.

मैं चाहती थी कि आपको मलिक अदनान के बारे में बताऊं. जानवरों के समंदर में अकेला इनसान जिसने आपके पति को बचाने की कोशिश की. मैं चाहती थी कि आपको बता सकूं कि अदनान असली पाकिस्तान है न कि गुस्सैल भीड़, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती. क्योंकि ऐसा करना झूठ बोलना और ढोंग होता. सच तो ये है कि अदनान दुर्लभ प्रजाति है. उस जैसे लोग या तो हमारे समाज में होते ही नहीं या वो अपनी सोच और विचारों के साथ छुपे रहते हैं. अदनान बहादुर था. अदनान हिम्मत वाला था. अदनान में भीड़ के सामने खड़े होने और आपके पति को बचाने के लिए आगे आने का जज़्बा था.

 काश मैं आपसे कह सकती कि हमारे प्रधानमंत्री, मंत्री और धार्मिक नेता भी उतने ही बहादुर हैं जितना कि अदनान ने दिखाई. लेकन मैं ऐसा नहीं कह सकती क्योंकि ये सच नहीं है. अगर हमारी पिछली और मौजूदा सरकारें अदनान से आधी भी बहादुर होतीं तो आपके पति आज भी जीवित होते.अगर वो अदनान से आधी भी दिलेर होतीं तो हम इस देश को अच्छे के लिए छोड़ने की बात नहीं सोच रहे होते. लेकिन उन्हें पॉपुलर वोट चाहिए.वो भीड़ को नाराज नहीं कर सकते. वो इससे नहीं निपट सकते. वो कायर हैं. वो आतंकी संगठनों से शांति समझौते करते हैं. वो पाकिस्तान का असली चेहरा हैं. 


काश मैं आपसे कह सकती कि ये अकेली घटना है. ऐसा जो फिर कभी नहीं होगा. ऐसा जो पहले कभी नहीं हुआ था. ये चुन्नी गोथ में 2012 में हुआ, ये 2012 में चुन्नी गोथ में हुआ. ये 2014 में कोट राधा किशन में हुआ. ये 2017 में मरदान में हुआ, ये केवल चार ब्लसफमी लिंचिंग केस हैं जो सुर्खियों में रहे.

सियालकोट शहर में ही ज्यादा अर्सा नहीं हुआ भीड़ ने दो युवा भाइयों को भीड़ ने डकैती के आरोप में पीट पीट कर मार डाला था.


काश मैं, आपसे कह सकती कि हमारे प्रधानमंत्री ने वादा किया है कि आपके पति के हत्या के दोषियों को कानून के अंजाम तक पहुंचाया जाएगा. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि ये सच नहीं है. मैंने जिन चार घटनाओं का जिक्र किया, उनमें एक भी दोषी को सजा ए मौत नहीं दी गई. उनमें से अधिकतर ऐसे ही छूट गए. कुछ ने थोड़ी सज़ा काटी और अब बाहर आ चुके हैं या जल्दी छूटने वाले हैं.  ऐसे में आप से कहना चाहूंगी कि ज्यादा बड़ी उम्मीद न रखें. आपको निराशा ही होगी.


काश मैं आपसे कह सकती कि ये जघन्य हत्या असली पाकिस्तान नहीं दिखाती. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि ये सच नहीं है. यही पाकिस्तान की असली तस्वीर है.  हममें से अधिकतर बाहर नहीं जाएंगे और लोगों की हत्या नहीं करेंगे लेकिन छुपे तौर पर उनकी तारीफ करेंगे. हम हत्याओं की निंदा करेंगे लेकिन साथ ही अगर मगर लगा कर, हम हत्यारो को हीरो की तरह सराहेंगे और उनके जनाजों में बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे.


काश मैं, आपसे कह सकती कि प्यार ताकतवर है और ये हर चीज़ को बदल सकता है. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि ये सच नहीं है. नफरत कहीं ज्यादा ताकतवर हथियार है. ये लोगों, उनकी धारणाओं, उनके विश्वास, उनकी ज़िंदगियों पर काबू कर लेता है. ये उन्हें अंधा कर देता है. ये उन्हें बताता है कि इनसानी ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं. हमने धीरे धीरे अपने समाज में नफरत के बीजों को पाला परोसा. अब वो बड़े पेड़ बन गए हैं, अब वो हर उस बात को ओवरपावर करते जा रहे हैं जिसे हम विवेक या समझदारी के तौर पर जानते थे. नफ़रत, मैं आपको बताती हूं, मुहब्बत से कहीं ज्यादा ताकतवर है.


मिसेज प्रियथा, मैं माफी मांगती हूं. मेरे पास ऐसा कहने को कुछ नहीं है जिससे कि आप बेहतर महसूस कर सकें. मैं कबूल करती हूं कि मेरे पास कुछ नहीं है बस शर्मिंदगी है. मैं कबूल करती हूं कि हमारी सरकार के पास खोखले शब्दों के अलावा कुछ नहीं है. मैं कबूल करती हूं कि हम पहले ही मर चुके हैं. हमारी रूह हमें छोड़ चुकी है. हम इन बंजर शरीरों में चलते फिरते हैं, जिनमें प्यार, समझदारी या मानवता जैसा कुछ नहीं है. मैं कबूल करती हैं कि हम पाकिस्तानी थोड़े दिनों में आपके पति को भूल जाएंगे, वैसे ही जैसे हम आर्मी पब्लिक स्कूल नरसंहार, मुगीस और मुनीब, शमा और शहजाद , मशाल खान और 80,000 अन्य पाकिस्तानियों को भूल गए जिन्होंने बिना बात अपनी जान गंवाई.

मैं क्षमाप्रार्थी हूं


एक शर्मसार पाकिस्तानी


डॉ जुनैरा साकिब के इन शब्दों के बाद कहने को और कुछ नहीं रह जाता.

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