जय भीम फिल्म के सीन को लेकर विवाद पर प्रकाश राज ने चुप्पी तोड़ी, कहा- मैंने कट्टरपंथियों का एजेंडा बेनक़ाब कर दिया,आदिवासियों का दर्द नहीं दिखा, मेरा थप्पड़ दिख गया
नई दिल्ली (7 नवंबर)।
एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर प्रकाश राज ने हाल में रिलीज फिल्म जय भीम के एक सीन को लेकर विवाद पर अपना रिएक्शन दिया है. इस सीन में प्रकाश राज को हिन्दी बोलने वाले एक शख्स को तमाचा जड़ने के बाद तमिल में बोलने के लिए कहते सुना जा सकता है. प्रकाश राज ने इस बारे में न्यूज नाइन चैनल को दिए एक इंटरव्यू का लिंक ट्वीट किया है. इस इंटरव्यू में अपने रिएक्शन में प्रकाश राज ने कहा कि जिन लोगों को जय भीम के सीन से दिक्कत है, मैंने उनके एजेंडे को बेनकाब कर दिया है. प्रकाश राज का कहना है कि हिन्दी पर साउथ इंडियन्स का गुस्सा उन पर थोपा जा रहा है.
Opened up on the slapping controversy of #JaiBheem and more. Do spend a few minutes to read and share… keep supporting relevant cinema .. love you all #JaiBheem https://t.co/THpZZYhzDY
— Prakash Raj (@prakashraaj) November 6, 2021
प्रकाश राज ने कहा कि "जय भीम जैसी फिल्म देखने के बाद, लोगों ने आदिवासी लोगों की पीड़ा नहीं देखी, उन्होंने नाइंसाफी के बारे में नहीं देखा और न उनकी समस्या महसूस की, उन्होंने फिल्म में केवल थप्पड़ देखा, उन्हें बस इतना ही समझ में आया, यह उनके एजेंडे को उजागर करता है.
प्रकाश राज ने सवाल किया कि एक पुलिस अधिकारी जो किसी मामले की जांच कर रहे हैं, वह कैसे प्रतिक्रिया देगा जब वह जानता है कि स्थानीय भाषा जानने वाला व्यक्ति हिंदी बोलना चुनता है, हिंदी में पूछताछ को चकमा देने के लिए?
कुछ लोगों के लिए, थप्पड़ वाला सीन ने परेशान कर दिया है। क्योंकि स्क्रीन पर प्रकाश राज था। वे अब मुझसे ज्यादा नेकेड दिखाई देते हैं, क्योंकि उनकी मंशा सामने आ गई है। अगर आदिवासी लोगों का दर्द उन्हें नहीं हिला पाया तो, मैं केवल इतना कहता हूं कि ऐसे कट्टरपंथियों पर रिएक्ट करने का कोई मतलब नहीं.
इस फिल्म को पांच भाषाओं में रिलीज किया गया है. फिल्म को तमिल भाषा में शूट किया गया. फिर इसे तेलुगु, मलयालम, कन्नड और हिंदी में डब करके रिलीज किया गया. इसी फिल्म का एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस क्लिप में दिखाया गया है कि बुजुर्ग के रोल में दिख रहा एक किरदार जांच आयोग के प्रमुख बने प्रकाश राज से हिन्दी में बात करना शुरू करता है तो वो उसे तमाचा जड़ देते हैं, साथ ही कहते हैं तमिल में बात करो.
वहीं फिल्म के तेलुगु संस्करण में प्रकाश राज उस शख्स को तेलुगु में बात करने के लिए कहते हैं. हालांकि हिन्दी भाषा में डब किए संस्करण में प्रकाश राज तमाचा जड़ने के बाद उस शख्स को सच बोलने के लिए कहते नज़र आते हैं.
सोशल मीडिया पर इसी क्लिप को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. यूजर्स का कहना है कि इस तरह का सीन क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाला है. साथ ही इस तरह की बातों को दिखाने से अलग अलग भाषा बोलने वालों के बीच दूरी बढ़ती है.
एक यूजर ने सवाल किया कि हिंदुस्तान में हिंदू और हिंदी भाषी होना अपराध है.
एक अन्य यूजर ने कहा, “इस तरह के वीडियो तमिलनाडु में रहने वाले उत्तर भारतीयों के लिए खतरा हैं, क्योंकि यह हिंदी बोलने वालों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देता है।”
एक यूज़र ने प्रकाश राज से सवाल किया है कि कैसे उन्होंने क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाले इस तरह के दृश्य मे काम करना मंज़ूर किया.
एक ट्विटर यूजर ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं को टैग करते हुए पूछा है कि क्या वो ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रकाश राज जब भी मुंबई में हों तो मराठी में ही बोलें.
नब्बे के दशक की एक असल घटना पर आधारित फिल्म जय भीम में दक्षिण के सुपरस्टार सूर्या एक वकील के तौर पर नज़र आ रहे हैं जो एक आदिवासी महिला को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ते हैं.
56 साल के प्रकाश राज बॉलिवुड की कई फिल्मों में विलेन के तौर पर नज़र आ चुके हैं. साउथ के चारों राज्यों की फिल्मों में प्रकाश राज एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के तौर पर बड़ा नाम हैं. अब तक वे पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं. वाम राजनीति की तरफ झुकाव रखने वाले प्रकाश राज ने 2017 में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर हैशटैग जस्ट आस्किंग के साथ मुहिम शुरू की थी. 2019 में बेंगलुरू साउथ सीट से उन्होंने निर्दलीय के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा.
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