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सांगली में बेटे का पिता के लिए अनोखा प्यार, घर में कमी कभी महसूस न हो इसलिए किया ये काम
नई दिल्ली (25 सितंबर)।
ख़ाक़ी में दिख रहे
जो राव साहेब अपने पूरे कुनबे के साथ फोटो शूट करा रहे हैं, असल में उन्हें इस
दुनिया को छोड़े एक साल से ऊपर हो गया है. लेकिन ये फोटो शूट कुछ दिन पहले का है.
आप भी चौंक रहे होंगे जिस शख्स को मरे एक साल हो गया है वो कैसे परिवार के बीच में
बैठ कर फोटो खिंचवा सकता है. ठहरिए पहले बीच में बैठे ख़ाकी वर्दीधारी राव साहेब
को गौर से देखिए. ये जीवित इनसान नहीं बल्कि सिलिकॉन का बना बुत है.
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महाराष्ट्र के
एक्साइज डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर रहे 55 साल के रावसाहेब शामराव कोरे का पिछले
साल 6 सितंबर को ड्यूटी के दौरान कोरोना से निधन हो गया था. तब से उनका परिवार उनकी बहुत
कमी महसूस कर रहा था.सांगली में रहने वाले उनके बेटे अरुण कोरे ने पिता की याद को
हमेशा संजोए रखने के लिए अनूठा फैसला लिया. ये फैसला था राव साहेब का सिलिकॉन
स्टैच्यू बनवाने का. स्टैच्यू सोफे पर बैठी हुई मुद्रा में है. मानो हू-ब-हू जीवित
राव साहेब ही बैठे हुए हैं.
अरुण कोरे का दावा
है कि यह महाराष्ट्र का पहला सिलिकॉन स्टैच्यू है और इसके घर में होने से पिता की
कमी महसूस नहीं होगी. इस स्टैच्यू को बनाने में बेंगलुरु के मूर्तिकार श्रीधर को
पांच महीने लगे. लेकिन उनकी मेहनत साफ़ बोलती दिखती है. इस मूर्ति के कपड़ों को
कभी भी बदला जा सकता है. इसे बनवाने में 15 लाख रुपए लगे. मूर्तिकार श्रीधर के
मुताबिक इस तरह की मूर्ति 50 साल तक ख़राब नहीं होती
पिता के लिए बेटे
के प्रेम की प्रतीक इस स्टैच्यू को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं.
कोई भी इस मूर्ति को देखता है तो कह उठता है- राव साहेब अभी ज़िंदा है.
वाकई एक सच्चा प्रेम है पुत्र का पिता के लिए ।
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